- ट्रंप की सत्ता वापसी ने यूरोप और नाटो को अमेरिका पर निर्भरता कम कर अपनी सैन्य क्षमता बढ़ाने पर मजबूर किया है
- जर्मनी ने सैन्य सेवा योजना में वेतन बढ़ाने और स्वैच्छिक सेवा के साथ अनिवार्य भर्ती का प्रस्ताव रखा है
- फ्रांस ने 2026 तक स्वैच्छिक युवा सैन्य सेवा शुरू करने का लक्ष्य रखा है, 2035 तक इसमें बड़ी भर्ती की जाएगी
डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका की सत्ता में दोबारा वापसी ने दुनिया के सारे समीकरण बदल दिए हैं. यूरोप और नाटो को अमेरिका का और अमेरिका को यूरोप और नाटो का रक्षा कवच माना जाता था, मगर अब उनकी राहें अलग हैं. दरअसल, यूरोप और नाटो ने अमेरिका के भरोसे अपनी सुरक्षा छोड़ डिफेंस पर खर्च बेहद कम कर दिया और डेवलपमेंट के साथ कल्याणकारी योजनाओं पर फोकस बढ़ा दिया. ट्रंप के आने तक सब कुछ ठीक चल रहा था, मगर जब ट्रंप पहली बार सत्ता में आए तो उन्होंने तीखे सवाल पूछे. आखिर अमेरिका अपना खर्च कर यूरोप और नाटो की रक्षा क्यों करे?
बात बढ़ी तो तकरार बढ़ी मगर दूसरा चुनाव ट्रप हार गए और बाइडेन आ गए. फिर अमेरिका वापस उसी रास्ते पर आ गया और यूरोप-नाटो चैन की बंसी बजाने लगे. मगर ट्रंप फिर लौट आए. यूक्रेन युद्ध में अमेरिका के रवैये को देख यूरोप-नाटो को समझ में आया कि वो अमेरिका के बल पर ज्यादा दिन तक नहीं टिक पाएंगे. सो अपनी सैन्य झमता बढ़ाने की तैयारी शुरू कर दी. रूस, चीन और अमेरिका के दबदबे वाली दुनिया में शक्ति संतुलन बनाने के लिए यूरोप को सेना बढ़ाने पर मजबूर होना पड़ा है.
जर्मनी
- जर्मनी सरकार ने नवंबर में एक नई सैन्य सेवा योजना पर सहमति जताई, जिसमें अधिक वेतन और बेहतर प्रोत्साहन शामिल हैं. सैन्य सेवा स्वैच्छिक रहेगी, लेकिन अगर योजना पर्याप्त नए रंगरूटों को आकर्षित करने में विफल रहती है, तो अनिवार्य भर्ती का विकल्प भी मौजूद रहेगा.देश सैनिकों की संख्या को वर्तमान लगभग 180,000 से बढ़ाकर 260,000 करना चाहता है और आरक्षित सैनिकों की संख्या को दोगुना करके 200,000 करना चाहता है.
- प्रस्तावों के अनुसार, 2026 की शुरुआत में कानून बनने की उम्मीद है. अनिवार्य पंजीकरण और चिकित्सा जांच की प्रणाली लागू की जाएगी, जबकि किसी भी अनिवार्य भर्ती के लिए संसद में अलग से मतदान होगा. महिलाओं पर भी यह भर्ती लागू करने के लिए संविधान में संशोधन की आवश्यकता होगी.
फ्रांस
- फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने नवंबर में घोषणा की थी कि फ्रांस एक नई स्वैच्छिक युवा सैन्य सेवा शुरू करेगा, जो 2026 के मध्य तक शुरू हो जानी चाहिए. यह योजना 10 महीने तक चलेगी और 18 से 19 वर्ष के युवाओं के लिए खुली रहेगी, जिन्हें वेतन दिया जाएगा. इसका लक्ष्य 2026 में 3,000 लोगों को भर्ती करना है, जो 2030 तक बढ़कर 10,000 हो जाएगा.
- मैक्रों ने कहा कि उनकी महत्वाकांक्षा है कि इस योजना के माध्यम से 2035 तक 50,000 युवाओं की भर्ती हो. मैक्रों के सहयोगियों के अनुसार, फ्रांस का व्यापक लक्ष्य 2030 तक 100,000 आरक्षित सैनिक करना है, जो वर्तमान में लगभग 47,000 हैं. इसके बाद 2030 तक उसके सशस्त्र बलों की कुल संख्या लगभग 210,000 हो जाएगी.
ब्रिटेन
- ब्रिटेन के रक्षा मंत्री ने कहा है कि सरकार का लक्ष्य अगले संसद सत्र के दौरान, जो संभवतः 2029 में शुरू होगा, सेना का आकार बढ़ाकर कम से कम 76,000 पूर्णकालिक सैनिक करना है, क्योंकि इसी समय तक धन उपलब्ध होने की संभावना है.
- वर्तमान में सेना में लगभग 74,000 जवान हैं और आरक्षित सैनिकों की संख्या लगभग 25,000 है, जबकि कुल सशस्त्र बलों में लगभग 181,000 कर्मी हैं. ब्रिटेन फिलहाल कर्मचारियों को बनाए रखने और सेवा के आधुनिकीकरण पर ध्यान केंद्रित कर रहा है. अनिवार्य सैन्य सेवा लागू करने की उसकी कोई योजना नहीं है.
डेनमार्क
- डेनमार्क ने 2026 में अनिवार्य सैन्य सेवा की अवधि को चार महीने से बढ़ाकर 11 महीने करने और 2033 तक रंगरूटों की संख्या को लगभग 5,000 से बढ़ाकर 7,500 करने की योजना बनाई है. 2025 से डेनमार्क में महिलाओं के लिए भी अनिवार्य सैन्य सेवा पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा.
फिनलैंड
- फिनलैंड अनिवार्य पुरुष सैन्य सेवा के माध्यम से युद्धकालीन 280,000 सैनिकों की सैन्य शक्ति बनाए रखता है और प्रतिवर्ष लगभग 20,000 नए सैनिकों को आरक्षित सैनिकों में शामिल करता है, लेकिन गिरती जन्म दर भविष्य में आरक्षित सैनिकों की संख्या को सीमित करने का खतरा पैदा करती है.
- फिनलैंड के रक्षा प्रमुख, जनरल जान्ने जाकोला ने हाल ही में सार्वजनिक प्रसारक वाईएलई को बताया कि आने वाले वर्षों में फिनलैंड को इस बात पर विचार करना चाहिए कि क्या अनिवार्य सैन्य सेवा का विस्तार करके इसमें महिलाओं को भी शामिल किया जाए, जो वर्तमान में स्वेच्छा से सेवा कर सकती हैं. पुरुषों के लिए 60 वर्ष की आयु तक सेवा करना अनिवार्य है, लेकिन सरकार इस आयु सीमा को बढ़ाकर 65 वर्ष करना चाहती है. इस बदलाव से फिनलैंड के सैन्य रिजर्व में सैनिकों की संख्या 870,000 से बढ़कर 2031 में लगभग 10 लाख हो जाएगी.
इटली
- रक्षा मंत्री गुइडो क्रोसेटो ने नवंबर में प्रकाशित एक रणनीतिक रिपोर्ट में कहा कि हाइब्रिड युद्ध के खतरों से निपटने के लिए इटली को तत्काल 5,000 लोगों को रोजगार देने वाली एक नई नागरिक और सैन्य इकाई की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि यह नई इकाई, जिसे हर समय सक्रिय रहना होगा,
- शुरू में 1,200-1,500 लोगों को रोजगार दे सकती है, जिसे धीरे-धीरे बढ़ाकर 5,000 तक किया जाएगा. इटली के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि उसके नियमित भर्ती अभियान का लक्ष्य 2026 के लिए "निश्चित अवधि के अनुबंधों" पर 6,000 स्वयंसेवकों को भर्ती करना है, जबकि 2025 के आवेदन में यह संख्या 6,500 थी.
नीदरलैंड
- सार्वजनिक प्रसारक एनओएस ने मार्च में कहा कि नीदरलैंड अपने सैन्य कर्मियों की संख्या 74,000 से बढ़ाकर 200,000 करना चाहता है, जिसमें आरक्षित सैनिकों की क्षमता बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है.
पोलैंड
- नाटो की सबसे बड़ी सेनाओं में से एक वाले पोलैंड देश के रक्षा मंत्रालय ने नवंबर में घोषणा की कि वह 2026 तक लगभग 400,000 लोगों को प्रशिक्षित करने की व्यापक योजना के तहत एक सैन्य प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करेगा. यह कार्यक्रम स्वैच्छिक होगा और सभी नागरिकों के लिए खुला रहेगा, जिसमें बुनियादी सुरक्षा पाठ्यक्रम, जीवन रक्षा प्रशिक्षण, चिकित्सा प्रशिक्षण और साइबर स्वच्छता कक्षाएं शामिल होंगी.
रोमानिया
- रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण के बाद से रोमानिया ने स्वयंसेवी भर्ती में तेजी लाई है, जिसमें उच्च वेतन और सैन्य प्रशिक्षण को बढ़ावा दिया जा रहा है. कुल संख्या स्थिर रहने के बावजूद, रक्षा मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि रोमानिया लड़ाकू जेट पायलटों और वायु रक्षा एवं मिसाइल उपकरणों के उपयोग में प्रशिक्षित बलों सहित उच्च कुशल कर्मियों को प्रशिक्षित करने और बनाए रखने में चुनौतियों का सामना कर रहा है.
- संसद ने हाल ही में 18-35 वर्ष की आयु के पुरुषों और महिलाओं के लिए स्वैच्छिक सैन्य सेवा को विनियमित करने वाले एक विधेयक को मंजूरी दी है, जिसमें चार महीने का सशुल्क प्रशिक्षण और पूरा होने पर तीन सकल मासिक वेतन के बराबर बोनस का प्रावधान है.
स्वीडन
- स्वीडन ने 2017 में अनिवार्य सैन्य सेवा को पुनः लागू किया. इस वर्ष 7,000 से कुछ अधिक रंगरूटों ने पंजीकरण कराया, जबकि लगभग 1,000 ने स्वेच्छा से भर्ती होने का विकल्प चुना. देश का लक्ष्य 2032 तक इस संख्या को 12,000 तक बढ़ाना है. यह उम्मीद की जाती है कि अनिवार्य सैन्य सेवा से सेना के विस्तार के लिए आवश्यक अधिकांश सैनिक प्राप्त हो जाएंगे, लेकिन पेशेवर अधिकारियों की भर्ती एक संभावित रूप से अधिक बड़ी समस्या है, क्योंकि अगले पाँच वर्षों में बड़ी संख्या में अधिकारी सेवानिवृत्त होने वाले हैं.
- 2023 के अंत में, स्वीडन के सशस्त्र बलों में 9,700 पेशेवर अधिकारी कार्यरत थे, इस संख्या को वह 2035 तक कम से कम 11,800 तक बढ़ाने की योजना बना रहा है. उसे उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में सशस्त्र बलों में नागरिक कर्मियों की संख्या में लगभग 30% की वृद्धि होगी.













