एलन मस्क (Elon Musk) की कंपनी X की ओर से कहा गया है कि केंद्र सरकार ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट के कुछ खातों और पोस्ट के खिलाफ कार्रवाई के लिए कहा है, लेकिन हम इन कार्रवाइयों से असहमत है और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के आधार पर इन पोस्ट को रोका नहीं जाना चाहिए. उन्होंने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बनाए रखने के लिए भी अपनी प्रतिबद्धता को रेखांकित किया है. एक्स की वैश्विक सरकारी मामलों से जुड़ी टीम ने कहा कि वे कानूनी प्रतिबंधों के कारण केंद्र सरकार के कार्यकारी आदेशों को प्रकाशित करने में असमर्थ हैं, लेकिन मानते हैं कि उन्हें सार्वजनिक करना पारदर्शिता के लिए आवश्यक है.
इस कार्रवाई से असहमत
एक्स के ग्लोबल गवर्नमेंट अफेयर्स पर पोस्ट किया गया है कि भारत सरकार के कार्यकारी आदेशों के लिए विशिष्ट खातों और पास्टों पर कार्रवाई की बात कही गई है, जिसमें पर्याप्त जुर्माना और कारावास सहित संभावित दंड शामिल है. इन आदेशों के जवाब में एक्स ने कहा कि वह केवल भारत के भीतर इन खातों और पोस्टों को रोक देगा, हालांकि एक्स ने इस कार्रवाई पर असहमति व्यक्त की और कहा है कि लोगों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता मिलनी चाहिए.
केंद्र के आदेशों को प्रकाशित नहीं कर सकते
एक्स की ओर से ये भी कहा कि केंद्र सरकार के कार्यकारी आदेशों को प्रकाशित करने में हम कानूनी रूप से प्रतिबंधित हैं, लेकिन उन्होंने ये भी कहा कि खुलासा ना करने से पादर्शिता और जवाबदेही पर असर पड़ेगा.
कहीं ये नया विवाद तो नहीं...
माइक्रोब्लॉगिंग साइट का ये बड़ा आरोप अब एक बार फिर नया विवाद पैदा करने की तैयारी में दिख रहा है. 2021 में इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (जिसे तब ट्विटर कहा जाता था) ने केंद्र के दिशानिर्देशों पर आपत्ति जताई थी और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए संभावित खतरे पर चिंता व्यक्त की थी. तब भारत सरकार ने इस सोशल मीडिया मंच से दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के लिए शर्तें तय करने के बजाय देश के कानूनों का पालन करने के लिए कहा था. दरअसल, राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में भारत सरकार की ओर से उस समय भी ट्विटर को आदेश दिए गए थे.
एलन मस्क को नोबल पीस पुरस्कार की बात
बता दें कि ये बात तब सामने आई है जब नॉर्वे की सांसद मॉरिस निल्सन ने एलन मस्क को नोबल शांति पुरस्कार के लिए नॉमिनेट किया है. उन्होंने इसके पीछे कारण दिया था कि इस दुनिया में एलन मस्क लोगों को बात करने की आजादी और या किसी को भी अपना मत व्यक्त करने की आजादी दे रहे हैं. माइक्रोब्लॉगिंग साइट के अधिग्रहण के बाद कई लोगों ने खास वर्गों के खिलाफ घृणास्पद भाषण में वृद्धि पर सवाल उठाए हैं. वैसे मस्क ने इस पर जोर दिया है उनके अनुसार फ्री स्पीच वही है जो कानून के दायरे में हो. वहीं एलन मस्क ने ट्विटर (आज एक्स) का कार्यभार संभालने के बाद कहा था कि मैं ऐसी सेंसरशिप के खिलाफ हूं, जो कानून के दायरे से बाहर जाती हो. यदि लोग अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में कटौती चाहते हैं, तो वे सरकार से इसकी मांग कर सकते हैं, लेकिन कानून से आगे जाकर अभिव्यक्ति पर प्रतिबंध लगाना सही नहीं.