एक फैसले के अनुसार, फ्लोरिडा के एक जज को "उचित सबूत" मिले कि टेस्ला के मुख्य कार्यकारी एलन मस्क और अन्य मैनजर को पता था कि ऑटोमेकर के वाहनों में डिफेक्टिव ऑटोपायलट सिस्टम था, लेकिन फिर भी उन्होंने कारों को असुरक्षित तरीके से चलाने की अनुमति दी.
रॉयटर्स के अनुसार पाम बीच काउंटी के सर्किट कोर्ट में जज रीड स्कॉट ने पिछले हफ्ते फैसला सुनाया कि टेस्ला के खिलाफ प्रोडक्ट लायब्लिटि मुकदमे में वादी मुकदमा चला सकता है और जानबूझकर कदाचार और घोर लापरवाही के लिए कंपनी के खिलाफ दंडात्मक क्षति का दावा कर सकता है. आदेश की जानकारी पहले नहीं दी गई थी.
यह फैसला टेस्ला के लिए एक झटका है क्योंकि कंपनी ने इस साल की शुरुआत में ऑटोपायलट ड्राइवर असिस्टेंट सिस्टम पर कैलिफोर्निया में दो प्रोडक्ट लायब्लिटि ट्रायल जीते थे. मंगलवार को इस मामले में टिप्पणी के लिए टेस्ला के प्रवक्ता से संपर्क नहीं हो सका.
फ्लोरिडा का मुकदमा 2019 में मियामी के उत्तर में एक दुर्घटना के बाद हुआ था जिसमें मालिक स्टीफन बैनर का मॉडल 3 एक 18-पहिया बड़े रिग ट्रक के ट्रेलर के नीचे चला गया था, जो सड़क पर पलट गया था, जिससे टेस्ला की छत टूट गई और बैनर की मौत हो गई. मामले में अक्टूबर में सुनवाई होनी थी, लेकिन इसमें देरी हुई, और इसे रिस्केड्यूल भी नहीं किया गया है.
स्कॉट ने पाया कि वादी, बैनर की पत्नी, को जूरी सदस्यों के सामने यह तर्क देने में सक्षम होना चाहिए कि टेस्ला की नियमावली और "क्लिकरैप" समझौते में चेतावनियां अपर्याप्त थीं.
जज ने यह भी कहा कि यह दुर्घटना 2016 में जोशुआ ब्राउन से जुड़ी घातक दुर्घटना के समान है, जिसमें ऑटोपायलट सिस्टम क्रॉसिंग ट्रकों का पता लगाने में विफल रहा, जिससे वाहन तेज गति से ट्रैक्टर ट्रेलर के नीचे चले गए.
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