- इक्वाडोर के राष्ट्रपति डैनियल नोबोआ के काफिले पर प्रदर्शनकारियों ने पत्थर और संभवतः गोलियां चलाकर हमला किया था
- राष्ट्रपति नोबोआ एक वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का उद्घाटन करने पहुंचे थे जब उनकी एसयूवी पर हमला किया गया
- प्रदर्शनकारी डीजल की बढ़ती कीमतों के विरोध में हिंसक आंदोलन कर रहे हैं और कई इलाकों में हड़ताल कर रहे हैं
इक्वाडोर के राष्ट्रपति डैनियल नोबोआ उस समय बाल-बाल बच गए जब उनके काफिले को पथराव कर रहे प्रदर्शनकारियों ने निशाना बनाया. सरकार के एक मंत्री ने दावा किया कि राष्ट्रपति के काफिले के उपर गोलियों की बौछार भी की गई. इस साउथ अमेरिकी देश के राष्ट्रपति नोबोआ मध्य इक्वाडोर में एक वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का उद्घाटन कर रहे थे. इसी वक्त तेल की बढ़ती कीमतों का विरोध कर रहे एक बड़े समूह ने उनके काफिले को रोक लिया.
न्यूज एजेंसी एएफपी की रिपोर्टे के अनुसार पर्यावरण मंत्री इनेस मंजानो ने कहा, "लगभग 500 लोग आए और उन पर पत्थर फेंक रहे थे, और जाहिर तौर पर राष्ट्रपति की कार पर भी गोलियों के निशान हैं." सरकार ने एक वीडियो जारी किया है जो कथित तौर पर गाड़ी के अंदर से फिल्माया गया है. इस वीडियो में प्रदर्शनकारी सड़क पर खड़े, झंडों में लिपटे हुए, बड़े पत्थर और ईंटें इकट्ठा करने के लिए भगदड़ मचाते दिख रहे हैं. इसके बाद जैसे ही राष्ट्रपति की एसयूवी वहां गुजरी, प्रदर्शनकारियों ने पत्थर बरसाने शुरू किए जो पैनलिंग से टकराए और खिड़कियां टूट गईं.
राष्ट्रपति को कोई चोट नहीं आई और पांच लोगों को हिरासत में लिया गया है.
आखिर इक्वाडोर क्यों उबल रहा?
यह हमला डीजल की कीमतें बढ़ाने के सरकार के फैसले के बाद बढ़ते हिंसक प्रदर्शनों के बीच हुआ है. प्रदर्शनकारी लगातार हड़ताल कर रहे हैं, सड़कों को ब्लॉक कर रहे हैं और उन्होंने 16 सैनिकों का अपहरण कर लिया था. अच्छी बात रही कि इन सैनिकों को अंततः बिना किसी नुकसान के रिहा कर दिया गया.
रविवार को, इक्वाडोर में एक रैली के दौरान सेना ने एक प्रदर्शनकारी को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया था. प्रदर्शनकारियों और सैन्य बलों की झड़प बीच अशांति में सौ से अधिक लोग घायल हुए हैं. राष्ट्रपति नोबोआ ने कई प्रांतों में आपातकाल की घोषणा कर दी है.
कोलंबिया और पेरू दुनिया के दो सबसे बड़े कोकीन उत्पादक देश हैं और इनसे बीच बसा इक्वाडोर ड्रग्स के लिए एक प्रमुख ट्रांसिट केंद्र बन गया है. अधिकारियों ने ड्रग गैंग्स पर अशांति फैलाने का आरोप लगाया है. उनका दावा है कि ये आपराधिक समूह देश को अस्थिर करने के लिए विरोध प्रदर्शनों का फायदा उठा रहे हैं.