नेपाल में शुक्रवार रात 6.4 तीव्रता का जोरदार भूकंप आया, जिसके झटके राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सहित उत्तर भारत के कई हिस्सों में महसूस किए गए. रात करीब 11 बजकर 32 मिनट पर आए भूकंप के कारण कई इमारतें ढह गईं. भूकंप की चपेट में आकर अबतक 128 लोगों के मारे जाने की खबर आ रही है. भूकंप के कारण करीब 20 मकान क्षतिग्रस्त हो गये. बीती रात से अब तक नेपाल की धरती भूकंप के झटकों से तीन बार हिल चुकी है. भूकंप और इसके बाद आये झटकों से लोगों में दहशत फैल गयी और 2015 में आये भूकंप का वह मंजर याद करा दिया, जिसमें करीब 9000 लोगों की मौत हो गयी थी.
2015 में आये भूकंप की भयावह यादें हुई ताजा
नेपाल में 2015 में 7.8 तीव्रता के भूकंप और उसके बाद आए झटकों के कारण लगभग 9,000 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 22000 अन्य घायल हो गये थे. इस भूकंप के कारण 35 लाख लोग बेघर हो गये थे. आपदा के बाद सरकार की एक आकलन रिपोर्ट में कहा गया है कि भूकंप के लिहाज से नेपाल दुनिया का 11वां संवेदनशील देश है. 25 अप्रैल 2015 को आए विनाशकारी भूकंप में नेपाल की राजधानी काठमांडू में स्थित कई ऐतिहासिक इमारतें ध्वस्त हो गई थीं. सैकड़ों विदेशी पयर्टक भी इस भूकंप की चपेट में आ गए थे.
नेपाल में पिछले एक महीने में तीसरी बार...
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान (एनसीएस) के मुताबिक, भूकंप का केंद्र नेपाल में अयोध्या से लगभग 227 किलोमीटर उत्तर और काठमांडू से 331 किलोमीटर पश्चिम उत्तर-पश्चिम में 10 किलोमीटर की गहराई में था. दिल्ली-एनसीआर में लोगों ने भूकंप के तेज झटके महसूस किए और अपने घरों से बाहर निकल आए. बीते एक महीने में यह तीसरी बार है, जब नेपाल में भूकंप के तेज झटके आये हैं.
Nepal में क्यों आते हैं इतने भयंकर भूकंप
भूकंप और इसके बाद लगातार आए झटकों से लोगों में दहशत फैल गई है. नेपाल में अक्सर भूकंप आते रहते हैं. दरअसल, नेपाल उस पर्वत शृंखला पर स्थित है, जहां तिब्बती और भारतीय टेक्टोनिक प्लेट मिलती हैं और ये हर सदी में एक-दूसरे के तकरीबन दो मीटर पास खिसकती जाती हैं, जिसके परिणामस्वरूप दबाव उत्पन्न होता है और भूकंप आते हैं. इससे पहले नेपाल के सुदूर पश्चिम प्रांत में 16 अक्टूबर को 4.8 तीव्रता का भूकंप आया था.
भूकंप के झटके नेपाल के साथ-साथ भारत में उत्तर प्रदेश के लखनऊ, बस्ती, बाराबंकी, फिरोजाबाद, अमेठी, गोंडा, प्रतापगढ़, भदोही, बहराइच, गोरखपुर और देवरिया जिलों के अलावा बिहार के कटिहार, मोतीहारी तथा पटना में भी महसूस किए गए.
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