तुर्की और सीरिया में भीषण भूकंप के बाद गुरुवार को तापमान के नीचे गिरने से भीषण ठंड के बीच लोगों के दुख और बढ़ गए. भूकंप से 17,000 से अधिक लोगों की मौत हुई है. बचाव कर्मी उन अनगिनत लोगों को बचाने की जद्दोजहद कर रहे हैं जो अभी भी मलबे में फंसे हुए हैं. सोमवार को आए 7.8 तीव्रता के भूकंप से मरने वालों की संख्या अब तेजी से बढ़ने की आशंका है क्योंकि बचाव के प्रयास चलते हुए 72 घंटे गुजर चुके हैं. डिजास्टर एक्सपर्ट जान बचाने के लिए यह अधिकतम संभावित अवधि मानते हैं.
यह भूकंप दुनिया में इस सदी के सबसे घातक भूकंपों में से एक था. तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने बुधवार को भूकंप को लेकर अपनी सरकार की प्रतिक्रिया की आलोचना के बाद "कमियों" को स्वीकार किया.
सरकार पर आरोप लगा है कि उसने जीवित बचे लोगों को भोजन और आश्रय पाने के लिए संघर्ष करने को छोड़ दिया है. कुछ मामलों में लोग पूरी तरह असहाय दिखे. उनके रिश्तेदारों ने उन्हें बचाव के लिए बुलाया, लेकिन वे मदद के अभाव में अंततः मलबे के नीचे दबे हुए ही हमेशा के लिए चुप हो गए.
तुर्की के हटे प्राविंस में एक किंडरगार्टन शिक्षक सेमिर कोबन ने कहा, "मेरा भतीजा, मेरी भाभी और मेरी भाभी की बहन मलबे में दबे हैं. वे खंडहर के नीचे फंसे हुए हैं और जीवन का कोई संकेत नहीं है." उन्होंने कहा, "हम उन तक नहीं पहुंच सकते. हम उनसे बात करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वे जवाब नहीं दे रहे हैं... हम मदद का इंतजार कर रहे हैं. अब 48 घंटे हो गए हैं."
बचाव कर्मी मलबे से जीवित बचे लोगों को लगातार निकालते रहे हैं लेकिन फिर भी मरने वालों की संख्या में वृद्धि जारी है.
जैसे ही सरकार की ऑनलाइन आलोचना बढ़ी, एर्दोगन ने भूकंप से सबसे अधिक प्रभावित स्थानों में से एक कहारनमारस का दौरा किया. उन्होंने भूकंप पर सरकार के रिस्पांस में समस्याओं को स्वीकार किया.
उन्होंने कहा, "बेशक, कमियां हैं. हालात बिल्कुल साफ दिखाई दे रहे हैं. इस तरह की आपदा के लिए तैयार रहना संभव नहीं है."