रूस की तारीफ करते चीन पर चुटकी काट गए ट्रंप, निकाली ट्रेड वाली खुन्नस

रूस-यूक्रेन युद्ध पर अमेरिकन राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, "यह युद्ध कभी शुरू ही नहीं होना चाहिए था. अगर मैं इसे खत्म कर सकूं, तो यह बड़ी बात होगी. जेलेंस्की सत्ता में हैं. मैं दोनों नेताओं को एक कमरे में बैठाऊंगा, मैं वहां रहूं या न रहूं, मुझे लगता है समाधान निकल सकता है."

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • ट्रंप रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने में मध्यस्थ की भूमिका निभाने को तैयार
  • डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि रूस ने इतिहास की कई जंग में विजय हासिल की है
  • इस दौरान ट्रंप ने हंगरी पीएम का हवाला देते हुए रूस की सैन्य ताकत का जिक्र भी किया
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
नई दिल्ली:

वाशिंगटन से अलास्का तक, दुनिया की हर किसी की नजरें एक ऐसी मुलाकात पर टिकी हैं, जो इतिहास के पन्नों में नया अध्याय लिख सकती है. रूस और यूक्रेन के बीच लंबे समय से छिड़ी जंग को थामने की कोशिश में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मध्यस्थ की भूमिका निभाने को आतुर दिख रहे हैं. शुक्रवार को अलास्का की बर्फीली वादियों में होने वाली रूसी राष्ट्रपति पुतिन की मुलाकात से पहले ही ट्रंप ने रूस को युद्ध का मैदान छोड़ ट्रेड की राह अपनाने की सलाह दी है, ताकि दोनों देशों के बीच सामान्य व्यापार संबंध बहाल हो सकें. दोनों देशों के बीच होने वाली मुलाकात युद्ध की आग को शांत कर पाएगी, या फिर वैश्विक कूटनीति में एक नया मोड़ लाएगी? आइए, ट्रंप के हालिया बयान और उनकी मंशा को करीब से समझें.

रूस का युद्ध का इतिहास

डोनाल्ड ट्रंप ने रूस को "युद्धरत देश" करार देते हुए कहा कि युद्ध लड़ना उनकी पहचान रही है. ट्रंप ने कहा, "रूस कठोर है क्योंकि वे बस लड़ते रहते हैं, उन्होंने हिटलर को हराया और नेपोलियन को भी शिकस्त दी. वे लंबे समय से ऐसा करते आ रहे हैं." इस दौरान ट्रंप ने हंगरी के पीएम विक्टर ऑर्बन के साथ अपनी बातचीत का जिक्र किया, जिन्होंने रूस और यूक्रेन को अच्छी तरह समझने का दावा किया. ट्रंप ने बताया कि जब उन्होंने ऑर्बन से पूछा कि क्या यूक्रेन रूस को हरा सकता है, तो ऑर्बन ने इसे "मूर्खतापूर्ण सवाल" बताया. ऑर्बन ने कहा, "रूस एक विशाल देश है और वे युद्धों के जरिए अपनी जीत हासिल करते हैं. वहीं चीन आपको व्यापार से हराता है, रूस युद्ध से."

व्यापार पर ट्रंप का जोर

इस दौरान ट्रंप ने दावा किया कि उनकी अगुवाई में अमेरिका व्यापार में किसी से नहीं हार रहा. उन्होंने कहा कि उनके पिछले कार्यकाल में चीन को 400 अरब डॉलर के टैरिफ का भुगतान करना पड़ा था. उन्होंने जोर देकर कहा, "अगर कोरोना का दौर नहीं आता, तो हम और भी बेहतर स्थिति में होते. यकीनन टैरिफ के कारण हमारे देश में सैकड़ों अरब डॉलर का कैश का फ्लो नहीं पाया है. पिछले महीने ही 25 अरब डॉलर का अतिरिक्त कैश देखा गया. यह सब टैरिफ से आया असल में हम वही कर रहे हैं जो दूसरे देश हमसे करते हैं."

युद्ध समाप्त करने की कोशिश

पुतिन के साथ अपनी आगामी बैठक को लेकर ट्रंप ने कहा, "मुझे लगता है कि यह अच्छी ही होगी, लेकिन यह बुरी भी हो सकती है. मैं यहां एक कारण से हूं और एक ऐसे युद्ध को खत्म करने के लिए, जो किसी और ने शुरू किया. यह युद्ध कभी शूरू ही नहीं होना चाहिए था." उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध को "जटिल" और "बुरे खून" से भरा हुआ बताया. साथ ही ट्रंप ने संकेत दिया कि वह यूक्रेन के राष्ट्रपति जलेंस्की और पुतिन को एक साथ बातचीत के लिए लाना चाहते हैं. उन्होंने कहा, "मैं आखिर दोनों को एक कमरे में लाऊंगा. मैं वहां रहूं या न रहूं, मुझे लगता है कि यह मसला हल हो जाएगा."

Featured Video Of The Day
NDTV Emerging Business Conclave में CM Mohan Yadav के साथ Madhya Pradesh के विकास पर सबसे बड़ी चर्चा