- अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप यूक्रेनी राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की से व्हाइट हाउस में 18 अगस्त को बैठक करेंगे.
- ट्रंप और पुतिन की मुलाकात में यूक्रेन युद्ध रोकने पर कोई ठोस सीजफायर सफलता नहीं मिली थी.
- यूरोपीय नेता ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली, फिनलैंड के प्रमुख भी जेलेंस्की के साथ ट्रंप से मिलेंगे.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात के बाद यूक्रेन में जंग रोकने को लेकर एक और बहुत अहम बैठक होने जा रही है. डोनाल्ड ट्रंप सोमवार, 18 अगस्त को यूक्रेनी राष्ट्रपति व्लाडिमीर जेलेंस्की के साथ व्हाइट हाउस में बैठक करने जा रहे हैं. इस मुलाकात का एक अहम पहलू यह है कि दूसरे यूरोपीय देशों के नेताओं ने कहा कि वे भी ट्रंप और जेलेंस्की के साथ बातचीत में शामिल होंगे.
ट्रंप ने शुक्रवार को अलास्का में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की थी. लेकिन दोनों के बीच की वार्ता जंग रोकने (सीजफायर) पर कोई सफलता हासिल करने में विफल रही. हालांकि व्हाइट हाउस के दूत स्टीव विटकॉफ ने कहा कि दोनों नेता यूक्रेन को "मजबूत सुरक्षा गारंटी" देने पर सहमत हुए थे.
यूरोपीय आयोग की प्रमुख उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने इस खबर की सराहना की. लेकिन ब्रुसेल्स में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनके साथ बोलते हुए जेलेंस्की ने इस विचार को खारिज कर दिया कि रूस उनके देश को सुरक्षा गारंटी देने पर सहमत हो गया है.
जेलेंस्की के साथ कौन-कौन ट्रंप से मिलेगा?
ब्रिटेन के प्रधान मंत्री कीर स्टार्मर के साथ-साथ, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैंक्रो, जर्मनी के चांसलर फ्रेडरिक मर्ज, इटली की प्रधान मंत्री जियोर्जिया मेलोनी और फिनलैंड के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर स्टब, सभी ओवल ऑफिस में जेलेंस्की के साथ होंगे.
नाटो के महासचिव, मार्क रुटे और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष, उर्सुला वॉन डेर लेयेन भी भाग लेंगी.
मीटिंग से पहले ट्रंप का माइंडगेम
इस अहम मीटिंग से पहले ही ट्रंप ने माइंडगेम खेल दिया है. उन्होंने सीजफायर समझौते की पूरी जिम्मेदारी ही जेलेंस्की के उपर डाल दी है. ट्रंप ने सोशल मीडिया पर अपने पोस्ट में लिखा है, "यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की चाहें तो रूस के साथ युद्ध लगभग तुरंत खत्म कर सकते हैं, या फिर लड़ना जारी रख सकते हैं. याद रखें इसकी शुरुआत कैसे हुई. ओबामा द्वारा दिया गया क्रीमिया वापस नहीं मिलेगा (12 साल पहले, बिना एक भी गोली चलाए!), और यूक्रेन नाटो में नहीं जाएगा. कुछ चीजें कभी नहीं बदलती!!!"
क्या ट्रंप से जेलेंस्की को बचाने जा रहें यूरोपीय देश?
यहां आप याद कीजिए कि जब ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद फरवरी में जेलेंस्की व्हाइट हाउस गए थे तो कैसे पूरी दुनिया के सामने ट्रंप ने जेलेंस्की को बेइज्जत किया था. ऐसा लगता है कि अब यूरोपीय नेताओं का इस तरह अभूतपूर्व तरीके से समर्थन दिखाने का उद्देश्य यही है कि जेलेंस्की को फिर से सार्वजनिक अपमान न झेलना पड़े, वो रूस के साथ शांति समझौते की इस लड़ाई में ट्रंप के दवाब में झुकने को मजबूर न हो जाएं.
शुक्रवार को अलास्का में व्लादिमीर पुतिन के साथ वार्ता के बाद ट्रंप यह संकेत देते दिख रहे हैं कि वह यूक्रेन में युद्ध समाप्त करने पुतिन की एकतरफा योजना का समर्थन कर सकते हैं. इसमें यूक्रेन द्वारा उस क्षेत्र को हमेशा के लिए छोड़ना शामिल है जिसपर रूस कब्जा करने में असमर्थ रहा है. साथ ही पुतिन का प्लान है कि अंतिम समझौते पर सहमति होने तक युद्धविराम या सीजफायर नहीं होगा.
यूरोपीय देशों को क्या डर है?
यूरोपीय नेता सोमवार को यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता के लिए अपने समर्थन की पुष्टि करेंगे और रूसी आक्रामकता को पुरस्कृत करने वाली जमीन की अदला-बदली योजना के खिलाफ बहस करेंगे. वे इस बात पर भी स्पष्टता की मांग करेंगे कि समझौते की स्थिति में अमेरिका क्या सुरक्षा गारंटी देने को तैयार है.
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, ट्रंप ने यूरोपीय नेताओं से कहा कि उनका मानना है कि अगर जेलेंस्की यूक्रेन के डोनेट्स्क क्षेत्र छोड़ने पर सहमत हो जाएं तो शांति समझौते पर बातचीत की जा सकती है. लेकिन यूरोपीय देश आश्वस्त नहीं हैं. यूरोपीय संघ यूक्रेन के इस दृष्टिकोण से सहमत है कि पुतिन को अगर ये नए क्षेत्र मिल गए तो वो भविष्य के हमले के लिए उसे एक स्प्रिंगबोर्ड के रूप में उपयोग करेंगे.