डोनाल्ड ट्रंप-पुतिन के बीच इस हफ्ते हो सकती है बातचीत, रूस-यूक्रेन युद्ध में सीजफायर पर बनेगी बात?

व्लादिमीर पुतिन ने इससे पहले कहा था कि वह यूक्रेन के साथ संघर्ष विराम का समर्थन करते हैं लेकिन शांति समझौते के पूरा होने से पहले कई मुद्दों पर बातचीत करने की आवश्यकता है.

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डोनाल्ड ट्रंप, व्लादिमीर पुतिन

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच इस हफ्ते रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर बात हो सकती है. डोनाल्ड ट्रंप के दूत स्टीव विटकॉफ ने रविवार, 16 मार्च को कहा कि रूसी राष्ट्रपति ट्रंप के सीजफायर और शांति की शर्तों के "दर्शन को स्वीकार करते हैं".

द गार्डियन की रिपोर्ट के अनुसार विटकॉफ ने CNN को बताया कि पिछले हफ्ते पुतिन के साथ कई घंटों तक हुई चर्चा "सकारात्मक" और "सॉल्यूशन-आधारित" थी. यह पूछे जाने पर कि क्या पुतिन की मांगों में कुर्स्क में यूक्रेनी सेना का आत्मसमर्पण; रूस द्वारा जब्त किए गए यूक्रेनी क्षेत्र को रूसी हिस्से के रूप में अंतर्राष्ट्रीय मान्यता; यूक्रेन की लामबंदी करने की क्षमता पर सीमाएं; पश्चिमी सैन्य सहायता पर रोक; और विदेशी शांति सैनिकों पर प्रतिबंध जैसी शर्तें शामिल हैं,  उन्होंने इसकी पुष्टि करने से इनकार कर दिया.

पुतिन ने अबतक क्या संदेश दिए हैं?

इससे पहले व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को कहा था कि वह यूक्रेन के साथ संघर्ष विराम का समर्थन करते हैं लेकिन शांति समझौते के पूरा होने से पहले कई मुद्दों पर बातचीत करने की आवश्यकता है. रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि वह अमेरिका द्वारा प्रस्तावित 30-दिवसीय युद्धविराम (सीजफायर) के लिए तैयार हैं. लेकिन उन्होंने सीजफायर को अपने समर्थन के लिए अस्पष्ट शर्तों की पेशकश की, जिससे क्रेमलिन क्या चाहता है, इस पर सवाल उठते हैं.

दूसरी तरफ पिछले हफ्ते सऊदी अरब में बातचीत के दौरान यूक्रेन भी 30 दिनों के सीजफायर के अमेरिकी प्रस्ताव पर सहमत हो गया था. वहीं व्हाइट हाउस में दुनिया के सामने बहस के बाद, यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की यह सुझाव देने की कोशिश कर रहे हैं कि पुतिन केवल समय पाने के लिए दिखावा रहे हैं और समझौते पर बातचीत करने के बारे में गंभीर नहीं हैं.

वहीं ट्रंप ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अमेरिका की तरफ से यूक्रेन को कोई सुरक्षा गारंटी नहीं मिलने वाली है. जबकि ब्रिटिश प्रधान मंत्री कीर स्टार्मर एक संभावित शांति सेना को एक साथ लाने के लिए अन्य पश्चिमी सहयोगियों के गठबंधन को एकजुट करने का प्रयास कर रहे हैं, जिसे एक समझौते के बाद यूक्रेन में तैनात किया जा सकता है. यह यूरोप की तरफ से यूक्रेन के लिए एक तरह से सुरक्षा गारंटी की कोशिश होगी.

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