अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस की दो प्रमुख तेल कंपनियों रोसनेफ्ट और लुकोइल पर नए प्रतिबंध लगाए हैं
- प्रतिबंधों के तहत इन कंपनियों की अमेरिका में सभी संपत्तियां जब्त की जाएंगी और व्यापार पर रोक लगेगी
- ट्रंप ने पुतिन के साथ शांति समझौते के प्रयासों में विफलता के बाद रूस पर दबाव बढ़ाने का फैसला किया है
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन में रूस की जंग को रोकने के लाख जतन कर लिए लेकिन अब तक कोई सफलता उनके हाथ नहीं लगी है और न ही कोई ठोस उम्मीद ही नजर आ रही है. ऐसे में ट्रंप अब दबाव बढ़ाने की रणनीति पर काम कर रहे हैं. यूक्रेन में शांति समझौते पर बातचीत करने के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर दबाव बनाने के प्रयास में अमेरिका ने रूस की दो सबसे बड़ी तेल कंपनियों - रोसनेफ्ट और लुकोइल - को निशाना बनाते हुए नए प्रतिबंधों (सैंक्शंस) की घोषणा की है. चलिए यहां आपको 10 प्वाइंट में इससे जुड़ी हर बात और हर अपडेट की जानकारी देते हैं.
- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को रूस की दो सबसे बड़ी तेल कंपनियों पर प्रतिबंध (सैंक्शन) लगा दिए. ये कंपनियां हैं- रोसनेफ्ट और लुकोइल.
- प्रतिबंधों में अमेरिका में रोसनेफ्ट और लुकोइल की सभी संपत्तियों को जब्त करना शामिल है. साथ ही सभी अमेरिकी कंपनियों को इन दो दिग्गज रूसी तेल कंपनियों के साथ कोई भी व्यापार करने की इजाजत नहीं होगी.
- जनवरी में डोनाल्ड ट्रम्प के व्हाइट हाउस में लौटने के बाद यानी दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद रूस के खिलाफ यह पहला प्रतिबंध है.
- ओवल ऑफिस में न्यूज एजेंसी AFP के पत्रकार के एक सवाल के जवाब में ट्रंप ने कहा, "जब भी मैं व्लादिमीर से बात करता हूं, मेरी अच्छी बातचीत होती है और फिर फिर वो बातचीत आगे ही नहीं बढ़ती."
- अमेरिकी ट्रेजरी सचिव (वित्त मंत्री) स्कॉट बेसेंट ने एक बयान में कहा, "इस संवेदनहीन युद्ध को समाप्त करने से राष्ट्रपति पुतिन के इनकार को देखते हुए, ट्रेजरी रूस की दो सबसे बड़ी तेल कंपनियों पर प्रतिबंध लगा रही है जो क्रेमलिन की वॉर मशीन को वित्त पोषित (फंडिंग) करती हैं."
- ट्रंप ने कई महीनों तक रूस के खिलाफ प्रतिबंध लगाने से परहेज किया था. लेकिन अब लगता है कि बुडापेस्ट में पुतिन के साथ नए शिखर सम्मेलन की योजना विफल होने के बाद उनका धैर्य टूट गया है.
- यूरोपीय यूनियन (EU) ने भी रूस पर दबाव डालने के लिए नए प्रतिबंध लादे हैं. AFP की रिपोर्ट के अनुसार EU के वर्तमान डेनिश प्रेसिडेंसी के एक प्रवक्ता ने कहा कि इसका उद्देश्य मास्को को तेल और गैस से होने वाली कमाई को कम करना है.
- ट्रंप बुडापेस्ट में पुतिन के साथ बातचीत करने की योजना बना रहे थे लेकिन इस सप्ताह उन्होंने यह कहते हुए इस रोजना को रोक दी क्योंकि वो समय "बर्बाद" नहीं करना चाहते.
- क्रेमलिन ने बुधवार को प्रतिबंधों की घोषणा से पहले कहा कि शिखर सम्मेलन के लिए दरवाजा खुला छोड़ दिया गया है कि तैयारी अभी भी जारी है. क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने पत्रकारों से कहा, "कोई भी समय बर्बाद नहीं करना चाहता, न ही राष्ट्रपति ट्रंप और न ही राष्ट्रपति पुतिन."
- AFP की रिपोर्ट के अनुसार रूस की दो सबसे बड़ी तेल कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने के बाद गुरुवार को एशियाई व्यापार में तेल की कीमतें करीब तीन फीसदी उछल गईं. वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट 2.89 प्रतिशत बढ़कर 60.19 डॉलर पर था जबकि ब्रेंट क्रूड 2.86 प्रतिशत उछलकर 64.38 डॉलर पर पहुंच गया.
Featured Video Of The Day
POK में Lashkar-e-Taiba की Emergency Meeting! Delhi Blast के बाद आतंकियों का स्वागत | Top News














