- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक एग्जिक्यूटिव ऑर्डर साइन किया जो कतर की सुरक्षा की गारंटी देता है.
- यह आदेश स्पष्ट करता है कि दोहा पर किसी भी हमले को अमेरिका अपनी शांति और सुरक्षा के लिए खतरा मानेगा.
- अमेरिका कतर के हितों की रक्षा के लिए राजनयिक, आर्थिक और सैन्य उपाय करने का अधिकार रखता है.
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक ऐसा एग्जिक्यूटिव ऑर्डर साइन किया है जो करत को सुरक्षा की गारंटी देता है. इसमें साफ-साफ कहा गया है कि अगर किसी भी देश ने दोहा पर हमला किया तो फिर उसके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा. यह एग्जिक्यूटिव ऑर्डर 29 सितंबर को साइन किया गया है. इजरायल के दोहा पर हमले के बाद आए इस ऑर्डर को ट्रंप की तरफ से इजरायल को दी गई बड़ी चेतावनी माना जा रहा है. दोहा पर हुए हमले की कतर और अमेरिका दोनों ने ही निंदा की थी. इजरायल ने 9 सितंबर को दोहा पर हमला किया था.
हमला अमेरिका के लिए खतरा
इस ऑर्डर में यह भरोसा दिलाया गया है कि अमेरिका, कतर के क्षेत्र, संप्रभुता या महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे पर 'किसी भी सशस्त्र हमले' को 'अमेरिका की शांति और सुरक्षा के लिए खतरा' मानेगा. आदेश के अनुसार, 'ऐसे किसी भी हमले की स्थिति में, अमेरिका, अमेरिका और कतर दोनों ही के हितों की रक्षा और शांति और स्थिरता बहाल करने के लिए सभी वैध और उचित उपाय करेगा-जिसमें राजनयिक, आर्थिक और अगर जरूरत पड़ी तो सैन्य उपाय भी शामिल होंगे.'
नेतन्याहू को मांगनी पड़ी माफी
कई खाड़ी देशों की तरह, कतर भी अमेरिकी सेना की मेजबानी करता है और बदले में कतर को सुरक्षा की गारंटी देता है. अमेरिका के सहयोगी इजरायल की तरफ से हुआ यह हमला कई सवाल खड़े करता है क्योंकि यह कतर के अधिकारियों के लिए एक झटका था. कतर पर हवाई हमले का इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बचाव किया था.
उन्होंने दोहा पर हमास को 'सुरक्षित पनाहगाह' प्रदान करने का आरोप लगाया. कतर, गाजा में युद्ध खत्म करने में मध्यस्थ के तौर पर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. 29 सितंबर को ही नेतन्याहू ने फोन करके कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी से हमले के माफी मांगी है.
हमले में हुई थीं कुछ मौतें
न्यूयॉर्क टाइम्स की एक खबर के अनुसार इजरायल के हमले में खलील अल-हय्या का बेटा मारा गया था. उसने सात अक्टूबर 2023 को इजरायल के हमले की योजना बनाने में मदद की थी. जबकि चार और लोग और कतर के आंतरिक सुरक्षा बल के एक सदस्य, कॉर्पोरल बदर साद अल-हुमैदी अल-दोसरी की भी मौत हो गई थी. कतर के पीएम ने हमले की निंदा करते हुए इसे 'एक देश का आतंक' करार दिया था.