इजरायल-हमास सीजफायर: शांति के नोबेल के लिए हर पैंतरा फेल! ट्रंप के लिए बहुत देर तो नहीं हो गई

Nobel Peace Prize 2025: यह बात किसी से छिपी नहीं है कि खुद को बार बार शांतिदूत दिखाने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की दिली ख्वाहिश है कि उन्हें किसी तरह शांति का नोबेल मिल जाए.

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डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल मिलना लगभग असंभव क्यों?
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  • डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा में इजरायल और हमास के बीच दो साल की जंग के बाद सीजफायर कर शांति स्थापित की है
  • ट्रंप ने नोबेल शांति पुरस्कार पाने के लिए कई बार झूठे दावे किए और भारत-पाकिस्तान सीजफायर का श्रेय खुद लिया है
  • नोबेल समिति ने पुरस्कार विजेता का चयन पहले ही कर लिया है, इसलिए ट्रंप के पुरस्कार जीतने की संभावना बहुत कम है
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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शांति का नोबेल पुरस्कार पाने के लिए हर पैंतरा आजमा लिया है. 2 साल की जंग के बाद ट्रंप के नेतृत्व में गाजा की जंग खत्म हो गई है, इजरायल और हमास के बीच सीजफायर डील पर मुहर लग गई है लेकिन यह होते होते इतनी देर हो गई कि ट्रंप का नोबेल जीतना बहुत मुश्किल माना जा रहा है. शुक्रवार को ही शाम तक शांति के नोबेल पुरस्कार विजेता का ऐलान हो जाएगा. लेकिन लगता है कि ट्रंप ने उम्मीद नहीं छोड़ी है.

ट्रंप ने कोई ऐसा मौका छोड़ा नहीं जहां उन्होंने यह दिखाने की कोशिश नहीं की है कि वो शांतिदूत हैं और उन्हें शांति का नोबेल किसी कीमत पर चाहिए. ट्रंप ने तो कई बार इसी पुरस्कार के लिए झूठे दावे तक कर दिए. जैसे उन्होंने भारत और पाकिस्तान के सीजफायर कराने का झूठा श्रेय खुद को दर्जनों बार दिया है.

चलिए देखते हैं कि कैसे ट्रंप अभी भी बार बार शांति का नोबेल पाने के लिए माहौल बना रहे हैं. साथ ही हम समझेंगे कि गाजा में शांति समझौता कराने के बावजूद ट्रंप को नोबेल मिलना मुश्किल है.

नोबेल की चाह में ओबामा तक को घेरा

अमेरिकी राष्ट्रपति ने नोबेल शांति पुरस्कार की चाह में इसे जीतने वाले अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की उपलब्धियों को ही नकार दिया है. ट्रंप ने कह दिया कि ओबामा ने "कुछ नहीं किया" और "हमारे देश को नष्ट कर" दिया. व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए, ट्रंप ने गाजा में शांति हासिल करने और "आठ युद्धों" को समाप्त करने में अपनी उपलब्धि का जिक्र किया. 

पुरस्कार की घोषणा से कुछ ही घंटे पहले ट्रंप ने शिकायत की कि ओबामा को राष्ट्रपति बने कुछ ही महीने हुए थे और उन्होंने नोबेल जीत लिया था. ट्रंप ने कहा, "उन्हें यह कुछ नहीं करने के लिए मिला है. ओबामा को पुरस्कार मिला. उन्हें यह भी नहीं पता कि क्यों. उन्हें चुना गया. उन्होंने हमारे देश को नष्ट करने के अलावा कुछ भी नहीं करने के लिए ओबामा को यह पुरस्कार दिया."

इजरायल ने तो ट्रंप को नोबेल दे भी दिया!

अब आप इजरायल के प्रधान मंत्री ऑफिस का X हैंडल देखिए. गाजा जंग रोकने के लिए सीजफायर डील पर इजरायल की तरफ से मुहर लगने से पहले ही इस हैंडल से लिखा गया, “डोनाल्ड ट्रम्प को नोबेल शांति पुरस्कार दें - वह इसके हकदार हैं.”   इतना ही नई इसमें एक AI जेनेरेटेड फोटो भी लगा है जिसमें खुद इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल पुरस्कार वाला मेडल पहना रहे हैं.

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बहुत देर क्यों हो गई?

ट्रंप ने गाजा शांति डील कराते कराते बहुत देर कर दी और इसके आधार पर उनके नोबेल जीतने की संभावना नहीं बढ़ेगी. इस डील के पहले ही नोबेल समिति ने अपना विजेता चुन लिया है. समिति के पांच सदस्यों ने सोमवार को अपनी अंतिम बैठक की. विजेता का चयन आमतौर पर समिति की अंतिम बैठक से कई दिन पहले किया जाता है. एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार इतिहासकार और शांति पुरस्कार विशेषज्ञ एस्ले स्वेन ने बताया कि 2025 पुरस्कार विजेता की पसंद के लिए गाजा समझौते का "बिल्कुल कोई महत्व नहीं है" क्योंकि "नोबेल समिति ने पहले ही अपना निर्णय ले लिया है".

उन्होंने कहा, "ट्रंप इस साल पुरस्कार नहीं जीतेंगे. मैं 100 फीसदी आश्वस्त हूं."

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