USAID पर घमासान, ट्रंप ने कहा-'भारत के पास बहुत पैसा, हम 1.8 अरब क्यों दे रहे हैं?'

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सरकारी दक्षता विभाग के उस फैसले का बचाव किया है, जिसमें USAID के जरिए भारत को दी जाने वाली 1 अरब 80 करोड़ रुपये की मदद रोक दी गई है. यह मदद भारत में मतदान बढ़ाने के लिए दी जा रही थी.ट्रंप का कहना है कि भारत के पास बहुत पैसा है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
अमेरिका ने रोकी भारत की फंडिंग
वॉशिंगटन:

एलन मस्क की अगुवाई वाले सरकारी दक्षता विभाग (DOGE) ने भारत में मतदान बढ़ानेके लिए दी जाने वाली 1 अरब 80 करोड़ रुपये यानि की 21 मिलियन डॉलर की फंडिंग को रद्द करने का फैसला किया था. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस फैसले का बचाव करते हुए सवाल किया कि इस पहल के लिए अमेरिकी करदाताओं के पैसे का उपयोग क्यों किया गया. ट्रंप ने कहा, "हम भारत को 1 अरब 80 करोड़ क्यों दे रहे हैं? उनके पास बहुत पैसा है. वे दुनिया में सबसे ज़्यादा कर लगाने वाले देशों में से एक हैं; हम मुश्किल से ही वहां एंट्री कर सकते हैं क्योंकि टैरिफ बहुत ज़्यादा हैं. मैं भारत और उनके पीएम का बहुत सम्मान करता हूं, लेकिन मतदान के लिए अमेरिका भारत को पैसा क्यों दे रहा है?"

क्या है USAID

USAID यानि यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट की स्थापना 1961 में हुई. राष्ट्रपति जॉन एफ केनेडी का ये बड़ा फैसला था. साल 1998 में इसे कार्यकारी एजेंसी का दर्जा मिला. जिसने अमेरिकी सरकार की मानवीय विभाग के रूप में काम किया. इसका मकसद गरीबी, बीमारी अकाल, आपदाओं में मदद करना है. इसके लिए गैर-सरकारी संगठनों को मदद कराई जाती है. वहीं स्वतंत्र मीडिया को बढ़ावा देने का दावा भी किया जाता है. साथ ही लोकतंत्र निर्माण विकास में मदद की जाती है. हालांकि खुद जमीन पर कोई काम नहीं किया. दूसरे संगठनों से समझौता कर उन्हें फंडिंग दी जाती है. 

रद्द की गई फंडिंग पर बीजेपी की प्रतिक्रिया

अरबपति एलन मस्क के नेतृत्व वाले अमेरिकी सरकार कार्यदक्षता विभाग (डीओजीई) ने ‘‘भारत में चुनावों में मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने'' के लिए आवंटित 1 अरब 80 करोड़ सहित व्यय में सिलसिलेवार कटौतियों की घोषणा की है. बीजेपी ने अब रद्द की गई फंडिंग को भारत की चुनावी प्रक्रिया में बाहरी हस्तक्षेप करार दिया है. बीजेपी के प्रवक्ता अमित मालवीय ने अपने बयान में कहा, "मतदाताओं के लिए 21 मिलियन डॉलर? यह निश्चित रूप से भारत की चुनावी प्रक्रिया में बाहरी हस्तक्षेप है. इससे किसे फ़ायदा होगा? यकीनी तौर से सत्तारूढ़ पार्टी को तो नहीं!" 

अमित मालवीय ने लगाया ये आरोप

मालवीय ने अरबपति निवेशक जॉर्ज सोरोस का नाम भी लिया, जिन पर दुनिया भर के दक्षिणपंथी राजनीतिक हस्तियों ने अपने ओपन सोसाइटी फाउंडेशन के माध्यम से घरेलू राजनीति को प्रभावित करने का आरोप लगाया है. मालवीय ने दावा किया, "एक बार फिर, यह जॉर्ज सोरोस हैं, जो कांग्रेस पार्टी और गांधी परिवार के जाने-माने सहयोगी हैं, जिनकी परछाई हमारी चुनावी प्रक्रिया पर मंडरा रही है."  उन्होंने दावा किया कि अब रद्द कर दिया गया यह कार्यक्रम कांग्रेस नीत पूर्ववर्ती संप्रग (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) सरकार की ओर इशारा करता है, जिसने भारत के हितों के खिलाफ काम करने वाली ताकतों को भारतीय संस्थानों में घुसपैठ करने में कथित तौर पर मदद की थी.

पीएम मोदी की यात्रा के बाद अमेरिका का फैसला

अनुदान में कटौती से जुड़ा यह घटनाक्रम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका यात्रा के कुछ दिनों बाद हुआ है, जिस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ-साथ मस्क से भी बातचीत की थी. मस्क की घोषणा से पहले एजेंसी की वेबसाइट बंद कर दी गई. बाद में, ट्रंप द्वारा नामित एक न्यायाधीश ने एक अस्थायी निषेधाज्ञा आदेश की घोषणा की जो राष्ट्रपति और विभाग को 2,200 कर्मचारियों को प्रशासनिक अवकाश पर भेजने से रोकता है.

Featured Video Of The Day
Aurangzeb Controversy: देश में हिंसा फ़ैलाने की साजिश? | Maharashtra News | Shubhankar Mishra
Topics mentioned in this article