अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार, 25 मई को हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में विदेशी छात्रों के इनरॉलमेंट (एडमिशन) पर को रोकने के अपने प्रशासन के कदम का बचाव किया. ट्रंप प्रशासन ने विदेशी छात्रों का एडमिशन लेने के हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के अधिकार को रद्द कर दिया है. इस फैसले को हार्वर्ड ने गैरकानूनी करार देते हुए केस कर दिया है और अमेरिका के एक कोर्ट ने इसपर अभी के लिए स्टे लगा दिया है.
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ पर पोस्ट किया, "हार्वर्ड यह क्यों नहीं कह रहा है कि उनके लगभग 31% छात्र विदेशी भूमि से हैं. और फिर भी वे देश, जिनमें से कुछ अमेरिका के लिए बिल्कुल भी फ्रेंडली (अनुकूल) नहीं हैं, अपने छात्रों की शिक्षा के लिए कुछ भी भुगतान नहीं करते हैं, न ही वे कभी ऐसा करने का इरादा रखते हैं."
होमलैंड सुरक्षा सचिव क्रिस्टी नोएम ने गुरुवार को विदेशी नागरिकों को दाखिला देने की हार्वर्ड के अधिकार को रद्द कर दिया था, जिससे हजारों छात्रों का भविष्य खतरे में दिखने लगा. क्रिस्टी नोएम ने पिछले महीने धमकी दी थी कि अगर हार्वर्ड ने वीजा होल्डर्स की "अवैध और हिंसक गतिविधियों" के रिकॉर्ड नहीं सौंपे तो हार्वर्ड में अंतरराष्ट्रीय छात्रों को आने से रोक दिया जाएगा.
लेकिन यूनिवर्सिटी ने "सरकार की मनमानी, मनमौजी, गैरकानूनी और असंवैधानिक कार्रवाई को रोकने" के लिए मुकदमा दायर कर दिया. इसके बाद एक जज ने तुरंत इस कदम को स्टे लगा दिया.
गौरतलब है कि ट्रंप सरकार कई मोर्चों पर अमेरिकी यूनिवर्सिटीज पर कार्रवाई कर रही है. सरकार का कहना है कि ये यूनिवर्सिटीज अनियंत्रित यहूदी-विरोधी प्रदर्शनों के गढ़ बन गए हैं. इसने गाजा में युद्ध के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में शामिल विदेशी छात्रों का वीजा रद्द करने और उन्हें निर्वासित करने का भी कदम उठाया है, उन पर फिलिस्तीनी आतंकवादी समूह हमास का समर्थन करने का आरोप लगाया है.