दक्षिण अफ्रीका पर भड़के ट्रंप का नया ऐलान, इस तरह लेंगे G20 में हुई 'बेइज्जती' का बदला!

ट्रंप ने दावा किया है कि जोहानिसबर्ग जी20 समिट के आखिरी दिन अमेरिकी दूतावास का सीनियर अधिकारी वहां मौजूद था, लेकिन दक्षिण अफ्रीका ने उन्हें सदस्यता नहीं सौंपी.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • ट्रंप ने कहा है कि दक्षिण अफ्रीका ने अमेरिकी दूतावास के अधिकारी को जी20 सदस्यता सौंपने से मना कर दिया था
  • ट्रंप ने दक्षिण अफ्रीका को दी जाने वाली सभी सहायता और सब्सिडी तुरंत प्रभाव से रोकने की घोषणा की है
  • दक्षिण अफ्रीका ने पहले कहा था कि जूनियर अधिकारी को जी20 का प्रतीक सौंपना राष्ट्रपति रामफोसा का अपमान होगा
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और दक्षिण अफ्रीका की अनबन नए स्तर पर पहुंच गई है. जी20 सदस्यता सौंपने को लेकर विवाद के बीच ट्रंप ने सोशल मीडिया पर दावा किया है कि जी20 समिट के आखिरी दिन अमेरिकी दूतावास का एक सीनियर अधिकारी वहां मौजूद था, लेकिन दक्षिण अफ्रीका ने उन्हें सदस्यता नहीं सौंपी. इससे भड़के ट्रंप ने दक्षिण अफ्रीका को दी जाने वाली सभी सहायता और सब्सिडी पर रोक लगाने की घोषणा कर दी है. 

ट्रंप ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में दक्षिण अफ्रीका पर अपने पुराने आरोप दोहराए और बताया कि जोहानिसबर्ग में आयोजित जी20 समिट में अमेरिका शामिल क्यों नहीं हुआ था. उन्होंने कहा कि अमेरिका ने दक्षिण अफ्रीका में आयोजित जी20 में इसलिए हिस्सा नहीं लिया क्योंकि वह विदेशी मूल के श्वेत अफ्रीकियों और पुर्तगाली, फ्रांसीसी व जर्मन प्रवासियों के वंशजों द्वारा झेले गए भयावह मानवाधिकार हनन को स्वीकार करने या उस पर ध्यान देने से इनकार करता है. 

ट्रंप ने अपनी पोस्ट में कहा कि जी20 समिट के अंत में दक्षिण अफ्रीका ने अमेरिकी दूतावास के वरिष्ठ अधिकारी को औपचारिक सदस्यता सौंपने से मना कर दिया था. इस तरह अफ्रीका ने दिखा दिया है कि वह किसी भी वैश्विक संस्था का सदस्य बनने लायक नहीं है. इसलिए मैंने निर्देश दिया है कि 2026 में मियामी फ्लोरिडा में होने वाली जी20 शिखर सम्मेलन में दक्षिण अफ्रीका को न्योता नहीं दिया जाएगा.  ट्रंप ने बताया कि मैं दक्षिण अफ्रीका को किए जाने वाले सभी भुगतान और सब्सिडी भी रोकने जा रहा हूं. ये फैसला तुरंत प्रभाव से लागू होगा. 

दरअसल, जी20 में परंपरा है कि निवर्तमान देश आगामी अध्यक्ष को प्रतीकात्मक रूप से एक हथौड़ा सौंपता है. ऐसे में दक्षिण अफ्रीका को हाल ही में जोहानिसबर्ग में हुई समिट में अमेरिका को यह हथौड़ा सौंपना था. लेकिन अमेरिका ने इस समिट का बायकॉट कर रखा था. वैसे तो जी20 समिट में राष्ट्रप्रमुख शामिल होते हैं, लेकिन जोहानिसबर्ग समिट में न ट्रंप आए और न ही उन्होंने अपना कोई प्रतिनिधि भेजा. 

अमेरिका जी20 की सदस्यता का प्रतीक हथौड़ा लेने के लिए अपने दूतावास से एक प्रतिनिधि भेजना चाहता था. लेकिन दक्षिण अफ्रीका ने इसे यह कहते हुए खारिज कर दिया कि एक जूनियर अधिकारी को प्रतीक सौंपना उसके राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा के लिए अपमानजनक होगा. इस तरह ये पहला मौका था, जब जी20 की समिट बिना औपचारिक सदस्यता सौंपे खत्म हुई. 

दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति कार्यालय द्वारा जारी बयान में कहा गया कि चूंकि अमेरिका शिखर सम्मेलन में मौजूद नहीं था इसलिए दक्षिण अफ्रीका के अंतरराष्ट्रीय संबंध और सहयोग विभाग के मुख्यालय में जी20 की अध्यक्षता से जुड़े दस्तावेज़ अमेरिकी दूतावास के एक अधिकारी को विधिवत सौंप दिए गए. अमेरिका ने सोमवार को जी20 की अध्यक्षता संभाल ली. वह 1 दिसंबर 2025 से 30 नवंबर 2026 तक जी20 का नेतृत्व करेगा. 

Advertisement

ये भी पढ़ें- खटास के साथ खत्म हुई G20 समिट, ट्रंप के बायकॉट से खफा रामफोसा ने नहीं सौंपी औपचारिक अध्यक्षता
 

Featured Video Of The Day
Imran Khan Death Rumor: इमरान खान की मौत की खबर से हड़कंप! बेटे ने दे डाली ये चेतावनी | Asim Munir
Topics mentioned in this article