साढ़े 12 हजार साल पहले गायब हो गए थे ‘गेम ऑफ थ्रोन्स’ वाले भेड़िए, साइंस के चमत्कार से 3 वापस लौटे

वैज्ञानिकों ने जेनेटिक इंजीनियरिंग के माध्यम से लगभग विलुप्त हो चुकी प्रजाति डायर वुल्फ को पुनर्जीवित किया है. इस टेक्नोलॉजी की मदद से डायर वुल्फ के तीन बच्चे पैदा हुए हैं. उनका नाम रोमुलस, रेमस और खलिसी है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
साढ़े 12 हजार साल पहले गायब हो गए थे डायर वुल्फ, साइंस के चमत्कार से 2 वापस लौटे

आपने अगर गेम ऑफ थ्रोन्स देखा होगा तो आप स्टार्क फैमली के भेड़ियों से बखूबी वाकिफ होंगे. सफेद रंग के ये भेड़िये डायर वुल्फ कहलाते हैं और ये अब काल्पनिक माने जाते थे क्योंकि 12500 साल पहले ही ये विलुप्त हो गए थे. लेकिन अब साइंस ने अपना कमाल दिखाकर उन्हें फिर से जिंदगी दे दी है. वैज्ञानिकों ने जेनेटिक इंजीनियरिंग के माध्यम से लगभग विलुप्त हो चुकी प्रजाति डायर वुल्फ को पुनर्जीवित किया है. इस टेक्नोलॉजी की मदद से डायर वुल्फ के तीन बच्चे पैदा हुए हैं. उनका नाम रोमुलस, रेमस और खलिसी है. वे अभी केवल तीन से लेकर छह महीने के हैं, लेकिन उनका आकार लगभग चार फीट का है और वजन 36 किलोग्राम से अधिक है. सीएनएन की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस विलुप्त प्रजाति को फिर से जिंदा करने के पीछे की कंपनी, टेक्सास स्थित कोलोसल बायोसाइंसेज ने कहा कि उसने प्राचीन डीएनए, क्लोनिंग और जीन एडिटिंग का उपयोग करके डायर वुल्फ के बच्चों को पैदा किया है.

रिपोर्ट के अनुसार वैज्ञानिकों ने डायर वुल्फ के निकटतम जीवित रिश्तेदार, ग्रे वुल्फ के डीएनए का उपयोग किया. अपने वक्त में डायर वुल्फ एक टॉप का शिकारी था जो कभी उत्तरी अमेरिका में घूमता था. वे आकार में ग्रे वुल्फ से बड़े होते हैं और उनका फर थोड़ा मोटा और मजबूत जबड़ा होता है.

कोलोसल के को-फाउंडर और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी और मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) दोनों में जेनेटिक्स के प्रोफेसर जॉर्ज चर्च ने टाइम मैगजीन को बताया, "विचार यही है कि हम केवल ब्लड की एक शीशी ले सकते हैं, ईपीसी को अलग कर सकते हैं, उन्हें कल्चर कर सकते हैं, और उनसे क्लोन कर सकते हैं, और उनकी क्लोनिंग दक्षता काफी अधिक है, हमें लगता है कि यह एक गेम चेंजर है."

Advertisement

बिलिनेयर एलन मस्क ने इस खबर पर रिएक्ट करते हुए अपनी ही रिक्वेस्ट सामने रख दी. मस्क ने अपनी पोस्ट को ही फिर से शेयर करते हुए एक्स पर पोस्ट किया, "प्लीज एक छोटा पालतू ऊनी मैमथ बना दीजिए." 

Advertisement

जन्म के बाद तीनों वुल्फ को कुछ दिनों तक सरोगेट से दूध पिलाया गया. इसके बाद कोलोसल टीम ने उन्हें बोतल से दूध पिलाना शुरू कर दिया. कंपनी ने कहा, वे अब स्वस्थ युवा डायर वुल्फ के रूप में रह रहे हैं. लेकिन इनका व्यवहार अन्य मौजूदा भेड़िया प्रजातियों से अलग है. टाइम के अनुसार, डायर वुल्फ आमतौर पर जो उत्साह दिखाते हैं वह मनुष्यों की उपस्थिति में पूरी तरह से अनुपस्थित होता है. रोमुलस और रेमुस अपनी दूरी बनाए रखते हैं और एक व्यक्ति के पास आने पर पीछे हट जाते हैं. ऐसा कहा जाता है कि यह व्यवहार डायर वुल्फ में खास तौर से पाया जाता था- वे अकेला रहना चाहते हैं.

Advertisement
Featured Video Of The Day
EV Policy 2.0: Delhi में EV पॉलिसी लागू होने के बाद क्या बचेंगे पेट्रोल और CNG के पंप?
Topics mentioned in this article