फिलिपीन्स (Philippines) में तानाशाह का बेटे ने राष्ट्रपति पद का चुनाव बहुमत से जीत लिया है. फर्डिनांड मार्कोस जूनियर (Ferdinand Marcos Jr) की देश के सर्वोच्च पद पर आने से सत्ता की चाबी एक बार फिर सबसे विवादित राजनैतिक परिवार के पास चली गई है. रायटर्स के अनुसार, मार्कोस को लोग, बोंगबोंग ("Bongbong"), के नाम से जानते हैं, उन्होंने अपने प्रतिद्वंधी लेनी रोब्रेर्डो को हरा कर ये चुनाव जीता. मार्कोस सत्ता से हटे तानाशाह का बेटा है जिसने अपने परिवार की छवि सुधारने के लिए दशकों तक काम किया है, मार्कोस 1986 की "पीपल पावर" (People Power) क्रांति के बाद हवाई में अपने परिवार के साथ निर्वासित था. पीपल पावर क्रांति ने मार्कोस के पिता का 20 साल का शासन खत्म किया था. मार्कोस 1991 में फिलिपीन्स में लौटे और तबसे उन्होंने देश की संसद में अपनी भूमिका निभाई है.
सोमवार को हुए चुनाव में मार्कोस की जीत सुनिश्चित मानी जा रही थी जब चुनाव से पहले आए नतीजों में उन्हें जीता हुआ माना जा रहा था. जब 95% पूर्वांकलन मतगणना हुई तो मार्कोस के पास 30 मिलियन वोट थे. ये संख्या रोब्रेडो को मिले मतों से दोगुनी थी.
आधिकारिक नतीजे इस महीने के आखिर में आ सकते हैं. मारकोस ने जश्न मनाने से इंकार कर दिया. लेकिन उन्हें आभार जताया. उन्होंने फेसबुक पर दी अपनी टिप्पणी में कहा, आपमें से हजारों, वॉलेंटीयर, समानांतर समूह, राजनैतिक नेताओं ने अपना वोट हमें दिया है क्योंकि आप हमारे एकता के संदेश में भरोसा करते हैं."
इतना बड़ा काम अकेले नहीं हो सकता. इसमें बहुत से लोगों की बहुत बहुत अलग-अलग तरह से लगती है. 64 साल के मार्कोस ने एकता के आधार पर चुनाव लड़ा लेकिन राजनैतिक विश्लेषकों का कहना है कि उनके राष्ट्रपति काल में, बड़े अंतर से मिली जीत के बावजूद, ऐसा होता नहीं दिखेगा.
रॉब्रेडो के कई मिलियन मतदाताओं का कहना है कि मार्कोस के जीतने से उनके परिवार के समय के जुल्म वापस आएंगे. मार्कोस के पिता के शासन में हजारों विरोधियों को 1972 - 1981 के मार्शल लॉ के दौरान मुकदमों का सामना करना पड़ा था. यह परिवार लूट,भाई-भतीजावाद और महंगी लाइफस्टाइल के लिए बदनाम था, जब कई बिलियन डॉलर की सरकारी संपत्ति गायब हो गई थी.
मार्कोस का परिवार किसी भी गलत हरकत से इंकार करता है, और उनके कई समर्थकों का कहना है कि इतिहास केसाथ छेड़-छाड़ की गई. न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, मार्कोस की बड़ी जीत के आसार देखकर युवा वोटरों ने विरोधी उम्मीदवार लेनी रोब्रेर्डो के साथ रैली की और चुनावी नतीजों के आंकलन पर विरोध प्रदर्शन किया.