- मसूद अजहर, भारत के खिलाफ आतंकी हमलों की साजिशों में सक्रिय है और उसे कंधार हाइजैक के बाद रिहा किया गया था.
- अजहर फर्जी पासपोर्ट से 1994 में श्रीनगर प्रवेश किया था और भारत में इस्लामी आतंकवाद को बढ़ावा देने का मिशन था.
- अजहर को भारत में कई बार गिरफ्तार किया गया और जेल से रिहाई के लिए आतंकवादी समूहों ने कई बार प्रयास किए थे.
जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर अब भारत के लिए एक ऐसा सिरदर्द जिसे कैसे ठीक किया जाए कुछ समझ नहीं रहा है. जैश-ए-मोहम्मद यानी मोहम्मद की आर्मी और अजहर उसका एक ऐसा मास्टरमाइंड जो हर पल भारत के खिलाफ आतंकी मंसूबों को पूरा करने में लगा रहता है.दिल्ली के लाल किला ब्लास्ट में भी जैश की साजिश सामने आ रही है. मसूद अजहर को साल 1999 में कंधार हाइजैक में एयर इंडिया की फ्लाइट में सवार यात्रियों के बदले रिहा किया गया था और उसके बाद से ही वह भारत में खून बहाने की साजिशों को अंजाम देने में लगा हुआ है.
फर्जी पासपोर्ट पर आया भारत
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के बहावलपुर में जन्मा मसूद अजहर 1990 के दशक में हरकत-उल-मुजाहिद्दीन (HuM) का सदस्य था और जिसे पहले हरकत-उल-अंसार के नाम से जानते थे. जब 1993 में वह केन्या के नैरोबी गया तो यहां उसका मिशन भारत में इस्लामिक आतंकवाद को बढ़ावा देना बन गया. 1994 में अजहर फर्जी पुर्तगाली पासपोर्ट का सहारा लेकर श्रीनगर आया. यहां आने का उसका मकसद हरकत-उल-अंसार के गुटों हरकत-उल-जिहाद अल-इस्लामी और हरकत-उल-मुजाहिदीन के बीच तनाव को कम करना था. उसी साल फरवरी में भारत ने उसको अनंतनाग के करीब खानबल में गिरफ्तार किया और जेल में डाल दिया.
मसूद ने दी थी धमकी
कहते हैं कि गिरफ्तार होने के बाद मसूद अजहर ने कहा था, '12 देशों मे मौजूद इस्लाम के सैनिक कश्मीर को आजाद कराने के लिए आ चुके हैं. हम तुम्हारी कारबाइन का जवाब रॉकेट लॉन्चर्स से देंगे.' उसे श्रीनगर की जेल के अलावा दिल्ली की तिहाड़ जेल और आखिरी में जम्मू की कोट बलवाल जेल में रखा गया था. इसके बाद से ही मसूद को जेल से रिहा करवाने के लिए HuM की तरफ से कई कोशिशें की गई थीं. 6 जून 1994 को पहलगाम में दो ब्रिटिश टूरिस्ट्स को किडनैप किया गया.
इसके बाद उसी साल सितंबर के महीने में दिल्ली में तीन ब्रिटिश नागरिकों के अलावा एक अमेरिकी नागरिक को अगवा किया. इसके बाद जुलाई 1995 छह पर्यटकों को किडनैप किया गया जिसमें दो अमेरिकी थे. एक बंधक जॉन चिल्ड्स किसी तरह से बचकर भाग गए लेकिन बाकी पर्यटकों को सिर कलम करके बेदर्दी से उनकी हत्या कर दी गई. इसके बाद उसने कई बार जेल से भागने की नाकाम कोशिशें भी की थीं.
फिर आया वह मनहूस पल
फिर दिसंबर 1999 में वह मनहूस घड़ी आ गई जब हरकत ने मसूद को रिहा कराने के अपने मंसूबों में कामयाबी हासिल कर ली. 24 दिसंबर 1999 को नेपाल की राजधानी काठमांडू के त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट से इंडियन एयरलाइंस की दिल्ली आने वाली फ्लाइट को आतंकियों ने हाइजैक कर लिया. इसके बाद इसे अमृतसर के रास्ते पाकिस्तान, फिर यूएई और अंत में अफगानिस्तान के कंधार में लैंड कराया गया. फ्लाइट में 160 यात्री और क्रू मेंबर्स सवार थे. इनकी जान बचाने के लिए भारत ने तीन खूंखार आतंकियों मसूद अजहर, अहमद उमर शेख और मुश्ताक अहमद जरगर को रिहा किया था.
संसद पर आतंकी हमला
रिहा होते हुए मसूद अजहर भारत के खिलाफ आतंकी साजिशों में जुट गया. कहते हैं कि अजहर ने पाकिस्तान में रहते हुए पूर्व तालिबान नेता मुल्ला उमर और अल-कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन से मुलाकात की थी. साल 2000 में उसने जैश की शुरुआत की. अक्टूबर 2001 में पहले जम्मू कश्मीर विधानसभा पर और फिर दिसंबर 2001 में भारत की संसद पर हुआ हमला जैश-ए-मोहम्मद की तरफ से भारत को दी गई पहली चोट के तौर पर थे. . हालांकि उस हमले के बाद जब भारत ने जैश को जिम्मेदार ठहराया तो पाकिस्तान ने इसे दिखावा करते हुए बैन कर दिया लेकिन हमले जारी रहे.
लगातार जारी आतंकी साजिश
जैश ने इसके बाद साल 2016 में पठानकोट एयरबेस पर हमला किया. फिर 29 नवंबर 2016 को नगरोटा आर्मी कैंट पर आतंकी हमला, फिर 2018 में सुंजवान कैंट पर हमला, फरवरी 2019 में पुलवामा आतंकी हमला और इस साल अप्रैल में पहलगाम में पर्यटकों पर हुआ हमला जैश की ही आतंकी साजिश था.
UN ने घोषित किया आतंकी
मई 2019 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की समिति ने मसूद अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट की लिस्ट में डाल दिया था. इस लिस्ट में आते ही संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों को अजहर की संपत्ति जब्त करने, हथियार प्रतिबंध लगाने और यात्रा प्रतिबंध लगाने का दायित्व सौंपा गया. भारत सरकार ने इस कदम की कूटनीतिक जीत के रूप में सराहना की थी. भारत ने साल 2009 में पहली बार अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट की लिस्ट में डालने की मांगी की थी. इस साल मई में हुए ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना ने बहावलपुर कैंप को निशाना बनाया और जैश के अड्डे को पूरी तरह से तबाह कर दिया था. उस स्ट्राइक में अजहर के परिवार के सदस्य भी मारे गए थे. लेकिन अजहर लगातार भारत के खिलाफ साजिशों को जारी रखे है. सोमवार को हुआ लाल किला ब्लास्ट इसका एक उदाहरण है.














