लाओस में 'साइबर गुलाम' बने 47 भारतीयों को कराया गया मुक्त, नौकरी का लालच दे कराया जाता था ये काम

भारतीय दूतावास ने शनिवार को जारी बयान में लाओस सरकार से साइबर स्कैम केंद्रों के संचालन में लिप्त असामाजिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
विएंतियाने:

लाओस में 'साइबर स्कैम' सेंटरों में फंसे कम से कम 47 भारतीयों को देश के बोकेओ प्रांत से बचाया गया है. दक्षिण-पूर्व एशियाई देश में स्थित भारतीय दूतावास ने शनिवार को इसकी जानकारी दी. भारतीय प्राधिकारी नागरिकों को लाओस में फर्जी नौकरी की पेशकश के प्रति सतर्क करते हुए उनसे धोखाधड़ी से बचने के लिए हर सावधानी बरतने का आग्रह कर रहे हैं.

भारतीय मिशन ने अब तक लाओस से 635 भारतीयों को बचाया है और उनकी सुरक्षित भारत वापसी सुनिश्चित की है.

लाओस में भारतीय दूतावास ने एक बयान में कहा कि नए मामले में, दूतावास ने बोकेओ प्रांत में गोल्डन ट्राइंगल विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) में साइबर स्कैम केंद्रों में फंसे 47 भारतीयों को बचाया.

सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर साझा किये गये भारतीय दूतावास के इस बयान में कहा गया है, ‘‘इनमें से 29 को गोल्डन ट्राइंगल एसईजेड में अवैध गतिविधियों पर कार्रवाई के बाद लाओस के अधिकारियों ने दूतावास को सौंप दिया था, जबकि अन्य 18 ने संकट में होने को लेकर दूतावास से संपर्क किया था.''

इसमें कहा गया है कि दूतावास के अधिकारी स्थानीय अधिकारियों से संपर्क करने के लिए राजधानी विएंतियाने से बोकेओ गए थे.

बयान में कहा गया है कि लाओस में भारत के राजदूत प्रशांत अग्रवाल ने समूह के आगमन पर उनसे मुलाकात की और उनके सामने आने वाली चुनौतियों पर चर्चा करते हुए आगामी उपायों को लेकर सलाह दी.

इसमें कहा गया है कि दूतावास ने इन सभी की भारत वापसी के लिए सभी प्रक्रियात्मक आवश्यकताओं को लाओस के अधिकारियों से मिलकर पूरा कर लिया है. साथ ही कहा है कि इनमें से 30 लोग पहले ही सुरक्षित रूप से भारत लौट गए हैं या रास्ते में हैं. इसमें कहा गया है कि शेष 17 अन्य लोगों की यात्रा की प्रक्रियाएं भी पूरी की जा रही हैं और जल्द ही वो भी स्वदेश लौटेंगे.

बयान में कहा गया है कि अग्रवाल ने इस बात पर जोर दिया कि भारतीयों की ‘सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करना' दूतावास की सर्वोच्च प्राथमिकता है.

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पिछले महीने दक्षिण पूर्व एशियाई देश की अपनी यात्रा के दौरान लाओस के प्रधानमंत्री सोनेक्से सिफांडोने के साथ भारतीय नागरिकों की तस्करी के मुद्दे पर चर्चा की थी.

Advertisement
लाओस में भारतीय दूतावास ने पिछले महीने 13 भारतीयों को बचाकर स्वदेश भेजा था. भारतीय दूतावास ने शनिवार को जारी बयान में लाओस सरकार से साइबर स्कैम केंद्रों के संचालन में लिप्त असामाजिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया है.

दरअसल भारतीयों को लाओस में नौकरी का लालच दिया जाता है, जहां धोखेबाज उनका पासपोर्ट जब्त कर लेते हैं, जिससे उनका वहां से निकलना असंभव हो जाता है. फिर उन्हें फर्जी सोशल मीडिया प्रोफाइल और फर्जी तस्वीरों के साथ महिलाओं के रूप में पेश होने के लिए मजबूर किया जाता है, रोजाना के टारगेट दिए जाते हैं और उन्हें पूरा नहीं करने पर प्रताड़ित किया जाता है.
 

Featured Video Of The Day
Madhya Pradesh: 50,000 Employees Salary क्यों नहीं ले रहे? 230 Crore का क्या है रहस्य? | 5 Ki Baat
Topics mentioned in this article