PM Modi in Croatia: यह क्‍या...क्रो‍एशिया की इस लड़की की हिंदी आपको भी कर देगी हैरान

क्रोएशिया की राजधानी जाग्रेब में यूनिवर्सिटी में इंडोलॉजी डिपार्टमेंट में हिंदी की स्‍टूडेंट कार्ला, उन तमाम कोएशियाई नागरिकों में शामिल हैं, जो पीएम मोदी का इंतजार कर रही हैं.

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जाग्रेब:

जब अपने देश के बाहर कोई हिंदी में बात करता है तो हैरानी होना लाजिमी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन देशों के अंतिम चरण के तहत बुधवार को क्रोएशिया पहुंच गए हैं. ऐसे में जरा सोचिए कि अगर वहां पर स्‍थानीय लोग हिंदी में उनका स्‍वागत करें तो...जाग्रेब यूनिवर्सिटी की एक स्‍टूडेंट ने कुछ ऐसी ही तैयारी की है. आपको बता दें कि  कनाडा में जी7 सम्‍मेलन में हिस्‍सा लेने के बाद  पीएम मोदी क्रोएशिया पहुंचे हैं. मोदी पहले ऐसे भारतीय पीएम हैं जो आधिकारिक दौर के तहत क्रोएशिया पहुंचे हैं. माना जा रहा है कि उनकी यह यात्रा द्विपक्षीय संबंधों के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी. पीएम मोदी के स्‍वागत को लेकर यहां के स्‍थानीय लोगों में भी जबरदस्‍त उत्‍साह है. 

पूरे देश के लिए है बड़ी बात 

क्रोएशिया की राजधानी जाग्रेब में यूनिवर्सिटी में इंडोलॉजी डिपार्टमेंट में हिंदी की स्‍टूडेंट कार्ला, उन तमाम कोएशियाई नागरिकों में शामिल हैं, जो पीएम मोदी का इंतजार कर रही हैं. कार्ला ने न्‍यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए हिंदी में कहा, 'हम यहां पीएम मोदी का स्‍वागत करने के लिए आए हैं. उनका दौरा पूरे देश के लिए एक बड़ी बात है.' कार्ला काफी सालों से हिंदी बोलती आ रही हैं और उन्‍हें अंग्रेजी भाषा से ज्‍यादा हिंदी में बात करना पसंद है. 

कैसे हैं दोनों देशों के रिश्‍ते 

प्रधानमंत्री मोदी की क्रोएशिया यात्रा से यूरोपीय देश के साथ मजबूत राजनीतिक और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा मिलेगा. माना जा रहा है कि उनका दौरा ट्रेड, इनोवेशंस, डिफेंस, पोर्ट,  शिपिंग, साइंस एंड टेक्‍नोलॉजी के साथ ही सांस्कृतिक आदान-प्रदान जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को और बढ़ाएगा. भारत और क्रोएशिया के बीच व्यापार, निवेश, रक्षा और कृषि क्षेत्रों में मजबूत घनिष्ठ सहयोग है. दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार करीब 300 मिलियन डॉलर का है. इसके अलावा क्रोएशिया में भारतीय निवेश करीब 48 मिलियन डॉलर है जबकि भारत में क्रोएशिया का निवेश करीब छह डॉलर है. 

क्रोएशिया में कितने भारतीय 

क्रोएशिया में भारत की पहचान कई सदियों से है. जाग्रेब यूनिवर्सिटी में इंडोलॉजी डिपार्टमेंट पिछले 60 सालों से काम कर रहा है. इस यूरोपियन देश की योग और आयुर्वेद में भी व्यापक रुचि है. क्रोएशिया में भारतीय समुदाय पिछले तीन वर्षों में तेजी से बदला है. दिसंबर 2024 तक क्रोएशिया में करीब 17000 भारतीय थे. बहुत से भारतीय कर्मचारी कम समय से लेकर मध्यम अवधि के कॉन्‍ट्रैक्‍ट पर काम करने के लिए यहां आते हैं. इसलिए वर्तमान में रह रहे कम से कम 90 फीसदी लोग ऐसे हैं जो एक तय समय के लिए क्रोएशिया में रहने वाली आबादी का हिस्सा हैं. 

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