कोरोना वायरस (Coronavirus) के वैरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) ने करीब-करीब पूरी दुनिया को अपनी जद में ले लिया है. दुनियाभर में ओमिक्रॉन के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं. इसी के साथ नए वैरिएंट से मुकाबले के लिए वैक्सीन भी तैयार की जाने लगी है. दिग्गज अमेरिकी दवा निर्माता कंपनी मोडर्ना ने बुधवार को घोषणा की कि उसने खास तौर से कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट का मुकाबला करने के लिए तैयार की गई वैक्सीन की बूस्टर डोज का क्विनिकल ट्रायल शुरू कर दिया है.
ट्रायल में 600 लोगों को शामिल किया जाएगा. जिनमें से आधे लोग ऐसे होंगे जिन्हें कम से कम 6 महीने पहले मॉडर्ना कोविड वैक्सीन की दोनों खुराक दी जा चुकी होगी जबकि आधे लोग ऐसे होंगे जिन्हें दो डोज के अलावा तीसरी बूस्टर डोज भी दी चुकी होगी.
विशेष रूप से ओमिक्रॉन को टारगेट करने वाले बूस्टर का मूल्यांकन तीसरी और चौथी खुराक दोनों के रूप में किया जाएगा. कंपनी ने ओमिक्रॉन के खिलाफ बूस्टर डोज की प्रभावकारिता के बारे में भी जानकारी दी है.
कंपनी ने कहा कि बूस्टर इंजेक्शन देने के 6 महीने बाद ओमिक्रॉन के खिलाफ एंटीबॉडीज का स्तर पीक से छह गुना घट गया है. इंजेक्शन लगने के 29 दिन एंटीबॉडीज का स्तर पीक पर था. हालांकि, सभी प्रतिभागियों में इसकी मौजूदगी का पता चला है.
मॉडर्ना के मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्टीफन बंसेल ने बयान में कहा, "हम वर्तमान में स्वीकृत बूस्टर के छह महीने बाद ओमिक्रॉन के खिलाफ एंटीबॉडी के काम करने को लेकर आश्वस्त हैं."
उन्होंने कहा, "फिर भी, ओमिक्रॉन के खतरे को देखते हुए, हम अपनी ओमिक्रॉन वैरिएंट स्पेसिफिक वैक्सीन के बूस्टर पर काम को आगे बढ़ा रहे हैं और हमें ट्रायल शुरू करने को लेकर खुशी हो रही है."
मॉडर्न की ओर से यह बयान ऐसे समय सामने आया है जब उसकी प्रतिद्वंद्वी कंपनी फाइजर और बायोएनटेक ने ओमिक्रॉन के लिए तैयार वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल के लिए नामांकन शुरू करने की जानकारी दी थी.
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