US में H-1B वीजा पर टकराव, टीम ट्रंप में पड़ी फूट, जानिए क्या है मस्क और विवेक रामास्वामी का रुख

 खुद एच-1बी वीजा पर अमेरिका में आकर बसने वाले मस्क लगातार टॉप ग्लोबल टैलेंट को आकर्षित करने के लिए इस विचार का समर्थन करते रहे हैं. मस्क ने हाल ही में कहा था कि अमेरिकी टेक कंपनियों को देश में काम कर रहे इंजीनियरों की संख्या दोगुनी करने की जरूरत है.

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एच-1बी वीजा पर टीम ट्रंप में दरार.
दिल्ली:

डोनाल्ड ट्रंप ने अब तक अमेरिका के नए राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली नहीं है इससे पहले ही उनकी टीम में फूट देखने को मिलने लगी है. एलन मस्क (Elon Musk) और विवेक रामास्वामी ने कुशल श्रमिकों के लिए वीजा कार्यक्रम के विस्तार का समर्थन किया है. दोनों ने ही एच-1बी वीजा पर काम करने वाले विदेशी श्रमिकों का समर्थन किया है. दोनों का ही तर्क है कि अमेरिकी टेक कंपनियों में काम करने के लिए इस वीजा की जरूरत है. लेकिन ट्रंप समर्थक इसे इमिग्रेशन पॉलिसी (Indian Immigrants) के खिलाफ बता रहे हैं. 

एलन मस्क Vs ट्रंप समर्थक

ट्रंप समर्थकों और एलन मस्क के बीच इन दिनों इमिग्रेशन बड़ा मुद्दा बना हुआ है. एलन मस्क और उनके सिलिकॉन वैली सहयोगी योग्यता-आधारित इमिग्रेशन रिफॉर्म्स की वकालत कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ ट्रंप समर्थक हैं, जो इमिग्रेशन विरोधी रुख रखते हैं. ट्रंप भी पहले ही वीजा धारक अप्रवासियों की अमेरिका में एंट्री पर सख्ती की बात कह चुके हैं. 

H-1B वीजा पर क्या है ट्रंप का रुख?

  • H-1B वीजा पर ट्रंप का रुख हमेशा से ही सख्त रहा है.
  • इसके तहत हर साल 65 हजार कुशल श्रमिकों को अमेरिका आने की परमिशन.
  • ट्रंप अपने पिछले कार्यकाल में भी H-1B वीजा पर सख्त थे.
  • लेकिन हाल ही में वह H-1B वीजा के मुद्दे पर उदार नजर आए.

MAGA कैंप में फूट

ट्रंप के नए प्रशासन में आर्टिफशियल इंटेलिजेंस पॉलिसी का नेतृत्व करने के लिए मस्क के सहयोगी और भारतीय मूल के बिजनेसमैन श्रीराम कृष्णन की नियुक्ति के बाद से ही एमएजीए कैंप के भीतर फूट दिखाई देने लगी है. कुशल आप्रवासियों के लिए ग्रीन कार्ड पर कंट्री कैप्स हटाने की वकालत करने वाले कृष्णन के पिछले बयानों को ट्रंप समर्थकों ने खूब मुद्दा बनाया. जिसकी वजह से सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया. ट्रंप समर्थक लॉरा लूमर ने श्री कृष्णन की नियुक्ति को "बेहद परेशान करने वाला" करार दिया. इस तरह से टकराव बढ़ता जा रहा है. 

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एलन मस्क ने क्या कहा?

 खुद एच-1बी वीजा पर अमेरिका में आकर बसने वाले मस्क लगातार टॉप ग्लोबल टैलेंट को आकर्षित करने के लिए इस विचार का समर्थन करते रहे हैं. मस्क ने हाल ही में कहा था कि अमेरिकी टेक कंपनियों को देश में काम कर रहे इंजीनियरों की संख्या दोगुनी करने की जरूरत है.  मस्क ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, "अगर आप चाहते हैं कि आपकी टीम चैंपियनशिप जीते, तो आपको टॉप टैलेंट को भर्ती करना ही होगा, चाहे वे कहीं भी हों." विवेक रामास्वामी ने भी मस्क का समर्थन किया. उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया, "गणित ओलंपियाड चैंपियन के बजाय प्रोम क्वीन का जश्न मनाने वाली संस्कृति सर्वश्रेष्ठ इंजीनियर पैदा नहीं करेगी."
 

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