BRICS समिट में पहलगाम हमले की निंदा, PM मोदी बोले- आतंकवाद का साथ देना स्वीकार नहीं

पीएम मोदी ने आतंकवाद को मानवता के लिए सबसे गंभीर चुनौती करार दिया है. साथ ही उन्‍होंने पहलगाम हमले को भारत की आत्‍मा पर सीधा हमला बताया है. 

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  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्राजील के रियो डि जिनेरियो में ब्रिक्‍स सम्‍मेलन में भाग ले रहे हैं.
  • मोदी ने पहलगाम आतंकवादी हमले को भारत की आत्मा पर सीधा हमला बताया और इसे मानवता के लिए गंभीर चुनौती कहा.
  • मोदी ने आतंकवादियों पर प्रतिबंध लगाने में संकोच का जिक्र करते हुए इसे अस्वीकार्य बताया.
  • पीएम मोदी ने अगले साल भारत की अध्यक्षता में होने वाली ब्रिक्स समिट के लिए सभी सदस्‍यों को आमंत्रित किया.
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रियो डी जनेरियो:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय ब्राजील के रियो डि जिनेरियो में ब्रिक्‍स सम्‍मेलन में हिस्‍सा ले रहे हैं. इस दौरान पीएम मोदी ने पहलगाम आतंकी हमले का भी जिक्र किया. पीएम मोदी ने आतंकवाद को मानवता के लिए सबसे गंभीर चुनौती करार दिया है. साथ ही उन्‍होंने पहलगाम हमले को भारत की आत्‍मा पर सीधा हमला बताया है. 

'भारत की गरिमा पर हमला' 

पीएम मोदी ने ब्रिक्‍स में शांति और सुरक्षा पर बात की. उन्‍होंने कहा, 'आतंकवाद आज मानवता के लिए सबसे गंभीर चुनौती बन गया है. हाल ही में भारत ने एक अमानवीय और कायरतापूर्ण आतंकवादी हमले का सामना किया. 22 अप्रैल को पहलगाम में हुआ आतंकवादी हमला भारत की आत्मा, पहचान और गरिमा पर सीधा हमला था. यह हमला न केवल भारत पर बल्कि पूरी मानवता पर आघात था.'  

पीएम मोदी ने आगे कहा, 'इस दुख की घड़ी में, मैं उन मित्र देशों का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं जो हमारे साथ खड़े रहे जिन्होंने समर्थन और संवेदना जताई. आतंकवाद की निंदा करना हमारा 'सिद्धांत' होना चाहिए न कि केवल 'सुविधा'. अगर हम पहले यह देखेंगे कि हमला किस देश में हुआ, किसके खिलाफ हुआ, तो यह मानवता के साथ विश्वासघात होगा.' 

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पीएम मोदी ने आगे कहा, 'इस दुख की घड़ी में, मैं उन मित्र देशों का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं जो हमारे साथ खड़े रहे जिन्होंने समर्थन और संवेदना जताई. आतंकवाद की निंदा करना हमारा 'सिद्धांत' होना चाहिए न कि केवल 'सुविधा'. अगर हम पहले यह देखेंगे कि हमला किस देश में हुआ, किसके खिलाफ हुआ, तो यह मानवता के साथ विश्वासघात होगा.' 

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आतंकियों पर बैन को लेकर संकोच क्‍यों 

पीएम मोदी ने यहां पर आतंकियों को बैन करने पर कुछ देशों की तरफ से संकोच का जिक्र भी किया. उन्‍होंने कहा, 'आतंकवादियों के खिलाफ प्रतिबंध लगाने पर कोई संकोच नहीं होना चाहिए. आतंकवाद के पीड़‍ित और समर्थक को एक ही तराजू में नहीं तौल सकते. निजी या राजनीतिक स्वार्थ के लिए, आतंकवाद को मूक सम्मति देना, आतंक या आतंकियों का साथ देना, किसी भी अवस्था में स्वीकार्य नहीं होना चाहिए.' उन्‍होंने कहा कि आतंकवाद को लेकर कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं होना चाहिए. अगर हम यह नहीं कर सकते तो यह प्रश्न स्वाभाविक है कि क्या आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को लेकर हम गंभीर हैं भी या नहीं?

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'भारत बुद्ध की भूमि, युद्ध की जगह नहीं' 

पीएम मोदी ने इस मंच से दुनिया के अलग-अलग हिस्‍सों में मौजूद तनावपूर्ण स्थितियों का भी जिक्र किया. उन्‍होंने कहा, 'पश्चिम एशिया से लेकर यूरोप तक आज दुनिया विवादों और तनावों से घिरी हुई है. गाजा में जो मानवीय स्थिति है, वह बड़ी चिंता का कारण है. भारत का अडिग विश्वास है कि परिस्थितियाँ चाहे कितनी भी कठिन क्यों न हों, मानवता की भलाई के लिए शांति का पथ ही एकमात्र विकल्प है.' 

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पीएम मोदी ने दोहराया, 'भारत भगवान बुद्ध और महात्मा गांधी की भूमि है. हमारे लिए युद्ध और हिंसा का कोई स्थान नहीं है. भारत हर उस प्रयास का समर्थन करता है, जो विश्व को, विभाजन और संघर्ष से बाहर निकालकर, संवाद, सहयोग और समन्वय की ओर अग्रसर करे, एकजुटता और विश्वास बढ़ाए. इस दिशा में, हम सभी मित्र देशों के साथ, सहयोग और साझेदारी के लिए प्रतिबद्ध हैं.' इसके साथ ही पीएम मोदी ने अगले साल भारत की अध्यक्षता में होने वाली ब्रिक्स समिट के लिए सभी सदस्‍य देशों को आमंत्रित किया. 
 

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