ट्रंप के सामने झुकी कोलंबिया यूनिवर्सिटी! $200 मिलियन जुर्माना, शर्त मनवाना राष्ट्रपति की जीत क्यों?

कोलंबिया यूनिवर्सिटी ने ट्रंप प्रशासन के साथ एक डील कर लिया है. यूनिवर्सिटी ट्रंप प्रशासन के पास 200 मिलियन डॉलर का जुर्माना देगी और बदले में प्रशासन न्यूयॉर्क में स्थिति इस संस्थान के फंडिंग पर लगी रोक को बहाल करेगा.

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  • कोलंबिया यूनिवर्सिटी ने अमेरिकी सरकार को $200 मिलियन का जुर्माना देकर फेडरल फंडिंग बहाल करने का समझौता किया.
  • यूनिवर्सिटी ने नस्ल के आधार पर एडमिशन और फैकल्टी रखने पर प्रतिबंध वाले नियमों का पालन करने का वादा किया है.
  • समझौता ट्रंप प्रशासन के लिए बड़ी जीत माना जा रहा है. यह अन्य यूनिवर्सिटीज के लिए भी मिसाल हो सकता है.
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अमेरिका की नामी यूनिवर्सिटीज के खिलाफ राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की रस्सा-कस्सी जारी है. इस तकरार में सबसे पहले प्रतिष्ठित कोलंबिया यूनिवर्सिटी ट्रंप के सामने झुक गई है. कोलंबिया यूनिवर्सिटी ने बुधवार, 23 जुलाई (अमेरिकी समयानुसार) को कहा कि वह अमेरिकी सरकार को 200 मिलियन डॉलर का जुर्माना देगा. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यहूदी छात्रों की रक्षा करने में असफल रहने का आरोप लगाकर इस यूनिवर्सिटी को मिलने वाले फेडरल फंड (केंद्र सरकार से मिलने वाला) पर रोक लगाने की धमकी दी थी.

अब कोलंबिया यूनिवर्सिटी ने ट्रंप प्रशासन के साथ एक डील कर लिया है. यूनिवर्सिटी ट्रंप प्रशासन के पास 200 मिलियन डॉलर का जुर्माना देगी और बदले में प्रशासन न्यूयॉर्क में स्थिति इस संस्थान के फंडिंग पर लगी रोक को बहाल करेगा. कोलंबिया ने उन नियमों का पालन करने का वादा किया है जो उसे एडमिशन या फैकल्टी रखने में नस्ल को ध्यान में रखने से रोकते हैं.

यूनिवर्सिटी की ओर से एक बयान में कहा गया, "कोलंबिया यूनिवर्सिटी फेडरल भेदभाव-विरोधी कानूनों के कथित उल्लंघनों पर चल रही कई फेडरल एजेंसी की जांच को खत्म करने के लिए संयुक्त राज्य सरकार के साथ एक समझौते पर पहुंचा है." इसमें कहा गया है कि 200 मिलियन डॉलर का भुगतान तीन वर्षों में किया जाएगा.

इसके अलावा इसमें कहा गया है कि यूनिवर्सिटी अमेरिकी समान रोजगार अवसर आयोग द्वारा लाई गई जांच को खत्म करवाने के लिए 21 मिलियन डॉलर का भुगतान भी करेगा. बयान में कहा गया है, "आज के समझौते के तहत, मार्च 2025 में समाप्त या रोके गए संघीय अनुदानों (फेडरल ग्रांट्स) का एक बड़ा हिस्सा बहाल किया जाएगा और वर्तमान और भविष्य के अनुदानों में कोलंबिया की अरबों डॉलर की पहुंच बहाल की जाएगी."

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कैंब्रिज यूनिवर्सिटी ने क्या कहा?

कोलंबिया यूनिवर्सिटी  के कार्यवाहक अध्यक्ष क्लेयर शिपमैन ने कहा, "यह समझौता लगातार संघीय जांच और संस्थान के अंदर की अनिश्चितता की अवधि के बाद एक महत्वपूर्ण कदम है… यह समझौता उन मूल्यों की रक्षा के लिए सावधानीपूर्वक तैयार किया गया था जो हमें परिभाषित करते हैं और संघीय सरकार के साथ हमारी आवश्यक अनुसंधान साझेदारी (रिसर्च पार्टनरशिप) को पटरी पर वापस लाने की अनुमति देते हैं… महत्वपूर्ण बात यह है कि यह हमारी स्वतंत्रता की रक्षा करता है, जो अकादमिक उत्कृष्टता और विद्वतापूर्ण अन्वेषण (scholarly exploration) के लिए एक महत्वपूर्ण शर्त है. यह काम सार्वजनिक हित के लिए महत्वपूर्ण है."

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अब यूनिवर्सिटी में विरोध-प्रदर्शन पर होगी नकेल

न्यूयॉर्क पोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार इस समझौते के तहत, कोलंबिया यूनिवर्सिटी अपने कैंपस में प्रदर्शनों को रोकने के लिए एक सुरक्षा बल बनाए रखेगी. पिछले साल यूनिवर्सिटी कैंपस में पथराव हुआ था जब फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारी यूनिवर्सिटी भवनों पर कब्जा करते हुए पुलिस के साथ भिड़ गए थे. 

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रिपोर्ट में कहा गया है कि गैर-अमेरिकी छात्रों के लिए भी कड़ी जांच की जाएगी, इस प्रक्रिया के दौरान प्राप्त जानकारी को सरकार के साथ शेयर किया जाएगा, जबकि वीजा पर आए छात्रों के खिलाफ की गई अनुशासनात्मक कार्रवाई के बारे में अधिकारियों को सूचित किया जाएगा.

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यह ट्रंप के लिए गुड न्यूज क्यों?

फेडरल फंडिंग को फिर से बहाल करने का यह वादा यूनिवर्सिटी को राहत प्रदान करता है, जो बढ़ते वित्तीय दबाव आ गई थी. यूनिवर्सिटी का जुर्माना भरने को राजी होना निस्संदेह ट्रंप के लिए एक बड़ी जीत है. जिन्होंने बार-बार दावा किया है कि अमेरिकी की बड़ी यूनिवर्सिटी वामपंथी पूर्वाग्रह के साथ उनके राष्ट्रवादी विचारों के खिलाफ छात्रों का ब्रेनवॉश करती हैं.

कैंब्रिज, मैसाचुसेट्स में सदियों पुरानी हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के खिलाफ भी ट्रंप हमलावर हैं और उनकी फंडिंग भी ट्रंप प्रशासन ने रोक ली है. बुधवार को कोलंबिया यूनिवर्सिटी के साथ किया गया सावधानीपूर्वक किया गया समझौता - जिसमें कोलंबिया ने कहा है कि उसने कोई गलत काम नहीं किया है- दूसरी यूनिवर्सिटीज के साथ भविष्य के डील्स के लिए एक रूपरेखा पेश कर सकता है.

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