कनाडा (Canada) की सेना (Army) ने चीन (China) पर आरोप लगाया है कि उनके वायुसेना के पायलेट (Airforce Piolets) गैरपेशेवर हैं अंतरराष्ट्रीय वायुसीमा (International Airspace) में उनका व्यहवार खतरनाक होता है. उत्तर-कोरिया (North Korea) पर संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंध (UN Sanctions) लागू करने लिए जोर डालने के अंतरराष्ट्रीय प्रयास में कनाडा का एक विमान जापान (Japan) में तैनात था. उत्तर कोरिया अपने परमाणु कार्यक्रम और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम के कारण अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध झेल रहा है. कनाडा की सशस्त्र सेना ने बुधवार को कहा कि पीपल्स लिबरेशन आर्मी एयर फोर्स, यानि चीन की वायुसेना ने "कई मौकों पर अंतरराष्ट्रीय हवाई सुरक्षा नियमों का पालन नहीं किया.'
साथ ही आगे कहा गया है कि, " चीन की वायुसेना ने गैरपेशेवर व्यहवार किया और रॉयल कनेडियन एयरफोर्स के लोगों को खतरे में डाला. कुछ मौकों पर कनाडा के क्रू को जल्दबाज़ी में अपनी उड़ान का रास्ता बदलना पड़ा ताकि उनके रास्ते से गुजर रहे विमान से उनकी संभावित भिड़ंत ना हो. "
कई बार, चीनी विमानों ने कनाडा के विमानों को उनके उड़ान के रास्ते से धकेलने की कोशिश की और इतनी पास उड़ान भरी कि उनका " विमान चालक दल (Crew) भी साफ-साफ दिख रहा था."
कूटनीतिक रास्ते से भी उठाया ये मुद्दा
कनाडा की तरफ से कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय हवाई सीमा में संयुकत् राष्ट्र के प्रतिबंधों के मिशन के दौरान चीन के साथ ऐसे वाकए बढ़ते जा रहे हैं. इस मुद्दे को कूटनीतिक रास्ते से भी उठाया गया है."
अमेरिकी खुफिया सेवा का कहना है कि उत्तर कोरिया 2017 से अपना पहला परमाणु टेस्ट (Nuclear Test) करने की तैयारी कर रहा है. अमेरिका ने गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में उत्तर-कोरिया पर प्रतिबंध और कड़े करने के लिए एक मतदान भी करवाने की कोशिश की. इससे पहले उत्तर कोरिया ने एक के बाद एक कई रॉकेट दागे थे. इनमें एक अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल भी शामिल थी.
अमेरिका ने कहा है कि यह टेस्ट 2017 में एक मत से उत्तर कोरिया पर लगाए गए प्रतिबंधों का गंभीर उल्लंघन था और उत्तर-कोरिया को लंबी दूरी की मिसाइल या फिर परमाणु हथियारों के परीक्षण के खिलाफ चेतावनी दी गई है.
लेकिन चीन, रूस के बाद उत्तर-कोरिया का प्रमुख साझेदार है. रूस के संबंध यूक्रेन को लेकर पश्चिमी देशों से तेजी से बिगड़े हैं. चीन और रूस दोनों ने उत्तर -कोरिया के खिलाफ नए रिजॉल्यूशन को यह कहते हुए वीटो कर दिया कि इससे तनाव और बढ़ेगा. गौरतलब है कि जून 2019 में, कनाडा के दो नौसेना के जहाज़ों को ईस्ट चीन सागर सफर करते हुए चीनी लड़ाकू विमानों और और जहाज़ों ने घेर लिया था.