- चीन के विदेश मंत्री वांग यी अगले सप्ताह भारत आकर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से मुलाकात करेंगे.
- वांग और डोभाल दोनों सीमा विवाद वार्ता के प्रमुख प्रतिनिधि हैं और संबंध सुधार पर चर्चा करेंगे.
- भारत और चीन ने लद्दाख में गतिरोध कम करने और तीर्थ यात्राएं शुरू करने जैसे कदम उठाए हैं.
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से 50 फीसदी टैरिफ लगाए जाने के बाद चीन और भारत के बीच नरमी देखने को मिल रही है. ताजा जानकारी के अनुसार चीन के विदेश मंत्री वांग यी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल से मुलाकात करने के लिए भारत आ रहे हैं. यी अगले हफ्ते भारत आएंगे. माना जा रहा है कि दोनों के बीच कई अहम मसलों पर चर्चा हो सकती है.
संबंधों को बेहतर करने की कोशिशें
वांग और डोभाल दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधि हैं जो सीमा विवाद से संबंधित वार्ता का नेतृत्व करते हैं. यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब भारत और चीन ने हाल के महीनों में अपने संबंधों को बेहतर बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं. पिछले साल, भारत और चीन लद्दाख में गतिरोध के आंशिक समाधान के लिए एक समझौते पर पहुंचे थे. इस साल की शुरुआत में, चीन ने कैलाश-मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू कर दी और भारत ने चीनी पर्यटकों को वीजा देना फिर से शुरू कर दिया.
पीएम मोदी जाएंगे चीन
इस महीने के अंत में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन का दौरा करेंगे. वह शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ) सम्मेलन के लिए चीन जाएंगे. वह यहां पर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात भी करने वाले हैं. साल 2024 में प्रधानमंत्री मोदी ने कजान में 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की, जिसे पर्यवेक्षकों ने संबंधों को स्थिर करने की दिशा में एक कदम माना.
फ्लाइट सर्विस भी होगी बहाल
दोनों पक्षों की तरफ से अगले महीने में डायरेक्ट फ्लाइट फिर से शुरू होने वाली है. दोनों देशों के बीच साल 2020 से ही फ्लाइट सर्विसेज बंद हैं. कोविड-19 महामारी की वजह से फ्लाइट्स को सस्पेंड किया गया था. एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत और चीन के बीच बेहतर होते संबंधों के एक और संकेत के तौर पर अगले महीने की शुरुआत में सीधी यात्री उड़ानें फिर से शुरू करने वाले हैं.
टैरिफ वॉर के बीच बड़ी मीटिंग
डोभाल और वांग यी के बीच ऐसे समय में भारत में मीटिंग होने वाली है जब चीन और रूस के साथ भारत के संबंधों में तेजी से बदलाव आ रहा है. साथ ही टैरिफ को लेकर भी अमेरिका के साथ भारत के रिश्ते खराब हो गए हैं. ट्रंप ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया है. ट्रंप ने 31 जुलाई को 25 प्रतिशत टैरिफ का ऐलान किया और उसके बाद 6 अगस्त को रूसी तेल खरीद को लेकर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया.