चीन की अर्थव्यवस्था पर दूसरी तिमाही में थोड़ी सुस्ती आती दिख रही है. न्यूज एजेंसी AFP ने अपने एक पोल के नतीजे के हवाले से बताया है कि चीन में उपभोक्ता इस दौरान बहुत खुले हाथ से खर्च नहीं करते दिखे, वहीं देश के निर्यात पर भी असर पड़ा है, जिसके चलते दूसरी तिमाही में सुस्ती आई है. बता दें कि पिछले साल की शुरुआत में महामारी की शुरुआत देखने वाली दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन ने पिछले कुछ महीनों में तेजी से रिकवरी देखी है, लेकिन इसे गति देने वाले निवेश और मैन्युफैक्चरिंग जैसे फैक्टर अब कमजोर पड़ रहे हैं, वहीं दूसरे पहलुओं से ज्यादा पुश मिलने की संभावना नहीं दिख रही है.
AFP की ओर से किए गए विश्लेषकों के पोल में अनुमान लगाया है कि अप्रैल-जून की तिमाही में चीनी अर्थव्यवस्था धीमी होकर 7.7 वृद्धि दर के स्तर पर आ गई है, वहीं, पूरे वित्त वर्ष के लिए वृद्धि दर 8.5 फीसदी अनुमानित है. तिमाही की ग्रोथ साल की शुरुआत के साथ आए आंकड़े 18.3 फीसदी के मुकाबले कहीं ज्यादा धीमे होंगे. आधिकारिक आंकड़े गुरुवार को जारी किए जाएंगे.
चीन ने सख्त कन्टेंटमेंट के नियमों से कोरोनावायरस के प्रसार पर काबू पा लिया था, ऐसे में वो ही अकेली बड़ी अर्थव्यवस्था था, जिसने ग्रोथ देखी. लेकिन विश्लेषकों का कहना है कि 2021 की शुरुआत के साथ ही उसकी ग्रोथ धीमी रही है. Moody की एनालिटिक्स इकॉनमिस्ट क्रिस्टीना झू ने बताया कि वहां सप्लाई को लेकर चुनौतियां बढ़ रही हैं और इस बीच प्रोडक्शन दबाव में चल रहा है.
चीन की फैक्ट्री एक्टिविटी पर भी बीते महीनों में असर पड़ा है. यहां कुछ मुख्य कमोडिटीज़ और सेमीकंडक्टरों की आपूर्ति में कमी आने के चलते यह काम धीमा हुआ है. वहीं कच्चा माल की बढ़ती कीमतों ने भी चिंताएं बढ़ाई हैं.
वहां हाउसहोल्ड कंजम्पशन में भी रिकवरी बहुत कमजोर है. आंकड़े दिखाते हैं कि वहां जून में छुट्टियों में लोगों ने महामारी से पहले के मुकाबले 25 फीसदी कम खर्चा किया.