विक्ट्री डे परेड में चीन ने पहली बार दिखाई DF-61, JL-3 मिसाइल, जानें कितने घातक है ये हथियार

चीन ने बीजिंग के ऐतिहासिक तियानआनमेन स्क्वायर में आयोजित विक्ट्री डे परेड के दौरान दुनिया के सामने अपनी ताकत का प्रदर्शन किया.

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  • चीन ने विक्ट्री डे परेड में इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल DF-61 का प्रदर्शन किया
  • DF-61 को शी जिनपिंग की सैन्य आधुनिकीकरण नीति के तहत विकसित किया गया है
  • परेड में JL-3 सबमरीन-लॉन्च बैलिस्टिक मिसाइल भी दिखाई गई
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बीजिंग:

चीन ने आज बीजिंग के ऐतिहासिक तियानआनमेन स्क्वायर में आयोजित विक्ट्री डे परेड के दौरान दुनिया को अपनी सैन्य ताकत का प्रदर्शन किया. इस विक्ट्री परेड में पहली बार चीन ने अपनी नई इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल DF-61 को सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित किया, जो उसकी परमाणु क्षमता को अगले स्तर पर ले जाने की रणनीति का अहम हिस्सा मानी जा रही है. चीन ने DF-61 मिसाइल को राष्ट्रपति शी जिनपिंग की सैन्य आधुनिकीकरण नीति के तहत विकसित किया गया है, जो चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) को तकनीकी रूप से अमेरिका जैसी ताकतों के बराबर लाकर खड़ा करने के मकसद में काफी अहम साबित हो सकती है.

क्या है चीन का नया हथियार DF-61

इनमें सबसे प्रमुख रही DF-61 इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM), जो पहली बार किसी सैन्य परेड में दिखाई गई. इसे DF-41 के बाद चीन की सबसे उन्नत ICBM माना जा रहा है. चीन ने DF-61 को पीएलए रॉकेट फोर्स की लंबी दूरी की मिसाइल क्षमताओं को और मजबूत करने के लिए विकसित किया गया है, हालांकि इसकी विशेषताएं अभी पूरी तरह सार्वजनिक नहीं की गई हैं, लेकिन डिफेंस सेक्टर से जुड़े एक्सपर्ट का मानना है कि यह मिसाइल कई लक्ष्यों को एक साथ भेदने की क्षमता रखती है. एक अनुमान के मुताबिक इसकी रेंज 12 से 15 हजार किलोमीटर बताई जा रही है.

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JL-3 सबमरीन-लॉन्च मिसाइल क्यों खास

इसके साथ ही परेड में JL-3 सबमरीन-लॉन्च बैलिस्टिक मिसाइल भी दिखाई गई, जो चीन की तीसरी पीढ़ी की समुद्र-आधारित परमाणु प्रतिरोधक प्रणाली का हिस्सा है. JL-3 को टाइप 094 और भविष्य की टाइप 096 न्यूक्लियर-संचालित पनडुब्बियों से लॉन्च करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. इसकी ऑपरेशनल रेंज 10,000 किलोमीटर से अधिक बताई जा रही है और यह तीन MIRV (Multiple Independently Targetable Re-entry Vehicles) ले जाने में सक्षम है, जिससे यह एक साथ कई लक्ष्यों को भेद सकती है.

परेड में दिखे और कौन से हथियार

विक्ट्री परेड में DF-31BJ, JL-1, और YJ-21 हाइपरसोनिक एंटी-शिप बैलिस्टिक मिसाइल भी शामिल थीं. YJ-21 को विशेष रूप से समुद्री युद्ध के लिए डिज़ाइन किया गया है और इसकी हाइपरसोनिक गति इसे दुश्मन के जहाजों के लिए बेहद खतरनाक बनाती है. यह परेड न केवल चीन की सैन्य प्रगति का प्रदर्शन था, बल्कि यह संदेश भी था कि चीन अब पारंपरिक युद्ध क्षमताओं से आगे बढ़कर रणनीतिक और तकनीकी श्रेष्ठता की ओर बढ़ रहा है. शी जिनपिंग की सैन्य आधुनिकीकरण नीति के तहत चीन ने अपने परमाणु और मिसाइल कार्यक्रमों को जिस गति से उन्नत किया है, उससे भारत समेत कई देशों की चिंता भी बढ़ गई है.

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