चीन हर फिल्ड में सुपर एक्टिव है. उसने इस हफ्ते ही अंतरिक्ष में अंतरिक्षयात्रियों को लेकर एक नए क्रू मिशन को भेजने की तैयारी पूरी कर ली है. यह मिशन खास होने जा रहा है क्योंकि चीन चंद्रमा पर अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने के अपने लक्ष्य की दिशा में लगातार कदम उठा रहा है और यह भी उसका ही एक पार्ट है. इस मिशन का नाम है Shenzhou-20 मिशन. यह उत्तर-पश्चिमी चीन के जिउक्वान सैटेलाइट लॉन्च सेंटर से रवाना होगा. इस मिशन के तहत तीन अंतरिक्ष यात्रियों को लगभग छह महीने के प्रवास के लिए चीन के खुद के बनाए तियांगोंग स्पेस स्टेशन पर ले जाया जाएगा.
मिशन पर क्या करेंगे अंतरिक्षयात्री?
चीन का यह लक्ष्य है कि वह 2030 तक चंद्रमा पर अंतरिक्ष यात्रियों को उतारे. और उससे भी आगे बढ़कर अल्टिमेट गोल यह है कि चांद पर चीन अपना एक बेस बनाए. इन्हीं अंतरिक्ष कार्यक्रम के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को आगे बढ़ाने के लिए टीम 6 महीने तक स्पेस स्टेशन पर एक्सपेरिमेंट करेगी.
शिन्हुआ स्टेट न्यूज एजेंसी ने तस्वीरें छापी है जिसमें नीले रंग के पेडस्टल पर सफेद रॉकेट दख रहा है जिसपर चीन का झंडा लगा हुआ है. चीन के मैन्ड स्पेस एजेंसी (जो अंतरिक्षयात्रियों को अंतरिक्ष में ले जाने से जुड़ा है) ने कहा, "वर्तमान में, लॉन्च साइट की सुविधाएं और उपकरण अच्छी स्थिति में हैं.” चीन के अधिकारियों ने अभी तक शेनझोउ-20 मिशन के अंतरिक्ष यात्रियों की पहचान या उनके द्वारा किए जाने वाले काम के बारे में कोई डिटेल नहीं दिया है. चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी के अनुसार अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण केंद्र के एक स्टाफ सदस्य झोउ वेनक्सिंग ने कहा कि चालक दल "अच्छी स्थिति में, संचालन में सटीक और सही तरीके का कॉर्डिनेशन" था.
चीन ने इससे पहले जो क्रू मिशन भेजा था उसका नाम शेनझोउ-19 था. यह पिछले अक्टूबर में लॉन्च हुआ था और 29 अप्रैल को निर्धारित अंतिम तिथि पर खत्म हो जाएगा. इस मिशन का नेतृत्व 48 साल के पूर्व वायु सेना पायलट कै जुजे ने किया है, जिन्होंने 2022 में शेनझोउ -14 मिशन के हिस्से के रूप में तियांगोंग स्पेस स्टेशन पर पिछले कार्यकाल में सेवा की थी.
लॉन्च के समय की रिपोर्टों के अनुसार, शेनझोउ-19 टीम यह देखने के लिए टेस्टिंग कर रही है कि अत्यधिक विकिरण, गुरुत्वाकर्षण, तापमान और अन्य स्थितियां चांद की मिट्टी की समान ही बनी "ईंटों" को कैसे प्रभावित करती हैं.
गौरतबल है कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग के नेतृत्व में, चीन अपने "अंतरिक्ष सपने" को प्राप्त करने की योजना के साथ आगे बढ़ा है. चीन इंसानों को चांद के कक्षा याना ऑर्बिट में भेजने वाला तीसरा देश था और इसने मंगल और चंद्रमा पर रोबोटिक रोवर भी उतारे हैं. तियांगोंग स्पेस स्टेशन चीन के लिए किसी ताज की तरह है. यह स्पेस स्टेशन तीन अंतरिक्ष यात्रियों की टीमों द्वारा संचालित होता है जो हर छह महीने में चेंज होते हैंय
बीजिंग का कहना है कि वह 2030 तक चंद्रमा पर एक मानवयुक्त मिशन भेजने की राह पर है. हाल के दशकों में, चीन ने अमेरिका और यूरोप के बराबर एक एडवांस अंतरिक्ष कार्यक्रम विकसित करने में अरबों डॉलर खर्च किए हैं. 2019 में, इसने अपने Chang'e-4 प्रोब को चंद्रमा के सुदूर हिस्से पर उतारा. ऐसा करने वाला यह अब तक का पहला अंतरिक्ष यान था. 2021 में इसने मंगल ग्रह पर एक छोटा रोबोट उतारा.
तियांगोंग स्पेस स्टेशन 2021 में लॉन्च किया गया था और इसे लगभग 10 वर्षों तक उपयोग करने की योजना है.