चीन की घटती जनसंख्या 2025 तक नकारात्मक वृद्धि के आंकड़े तक पहुंच जाएगी और यह एक सदी से भी अधिक समय तक सिकुड़ती रह सकती है. यह बात सोमवार को एक मीडिया रिपोर्ट में कही गई. इसमें समस्या के समाधान के लिए जनसंख्या की समग्र गुणवत्ता और बदलती आर्थिक विकास योजनाओं में सुधार की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला गया है.
चाइना पॉपुलेशन एसोसिएशन के वार्षिक सम्मेलन में राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के जनसंख्या और पारिवारिक मामलों के प्रमुख यांग वेनज़ुआंग ने कहा कि चीन की कुल जनसंख्या वृद्धि दर काफी धीमी हो गई है और वर्तमान 14वीं पंचवर्षीय योजना अवधि (2021-25) के दौरान नकारात्मक वृद्धि दर्ज होने की उम्मीद है.
ग्लोबल टाइम्स अखबार के अनुसार, चीन के जनसांख्यिकी विशेषज्ञों का अनुमान है कि आने वाले वर्षों में नकारात्मक जनसंख्या वृद्धि लंबे समय तक प्रमुखता से देखने को मिलेगी और जनसंख्या की समग्र गुणवत्ता तथा बदलती आर्थिक विकास योजनाओं में सुधार महत्वपूर्ण है.
सेंटर फॉर चाइना एंड ग्लोबलाइजेशन के जनसांख्यिकी विशेषज्ञ और वरिष्ठ शोधकर्ता हुआंग वेनझेंग ने कहा, 'यह लंबे समय से जारी कम प्रजनन दर का अपरिहार्य परिणाम है.'
उन्होंने ग्लोबल टाइम्स से कहा, 'यह अनुमान लगाया जा सकता है कि चीन की जन्म दर एक सदी से भी अधिक समय तक सिकुड़ती रहेगी और प्रथम श्रेणी के शहरों में जन्म दर में गिरावट जारी रहेगी. तीसरे बच्चे की नीति कुछ समस्याओं को कम कर सकती है, लेकिन अल्प अवधि में स्थिति में बदलाव की संभावना नहीं है.'
रिपोर्ट में कहा गया है कि 29 प्रांतों द्वारा जारी 2021 के जन्म के आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले साल नए जन्मों की संख्या कई प्रांतों में दशकों में सबसे कम थी और उच्चतम जन्म संख्या वाले शीर्ष 10 प्रांतों में से केवल छह में 500,000 से अधिक थे.
संयुक्त राष्ट्र की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत अगले साल चीन को दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश के रूप में पीछे छोड़ सकता है.