हिंद-प्रशांत (Indo-Pacific) क्षेत्र में बढ़ते भारत (India) और पश्चिमी देशों के प्रभाव का जवाब देने के लिए चीन (China) और पाकिस्तान (Pakistan) ने प्रयास तेज कर दिए हैं. चीन और पाकिस्तान की नौसेनाएं अब इस क्षेत्र में चार दिन का संयुक्त समुद्री सैन्य अभ्यास कर रही हैं. ये अभ्यास चीन के शंघाई तटीय क्षेत्र के पास हो रहा है. ऐसी खबर है कि मंगलवार को चीन और पाकिस्तान की नौसेना लाइव फायर ड्रिल करेंगी. भारत और अमेरिका की हिंद प्रशांत क्षेत्र में बढ़ती मौजूदगी को देखते हुए चीन और पाकिस्तान समुद्री क्षेत्र में रक्षा सहयोग बढ़ाना चाहते हैं और समुद्र में भारत और पश्चिमी देशों से मिल रही सीधी चुनौती से से मिल कर निपटने की तैयारी कर रहे हैं. ‘सी गार्डियन्स-2' (Sea Guardians-2) नाम से हो रहे इस अभ्यास में शामिल सैन्य बेड़े शंघाई में एक सैन्य बंदरगाह से एक निर्धारित समुद्री क्षेत्र के लिए रवाना हुए हैं.
चीन की सरकारी शिन्हुआ समाचार एजेंसी की खबर के अनुसार संयुक्त अभ्यास का उद्देश्य रक्षा सहयोग को बढ़ाना, विशेषज्ञता तथा अनुभव बढ़ाना, दोनों देशों एवं सेनाओं के बीच परंपरागत मित्रता को गहरा करना तथा चीन-पाकिस्तान की सर्वकालिक रणनीतिक सहयोगात्मक साझेदारी के विकास को बढ़ावा देना है.
इसके तहत सोमवार को पेशेवर और तकनीकी जानकारी का आदान-प्रदान, रस्साकशी और बास्केटबॉल मैच हुए.
दोनों देशों ने रविवार को इस युद्धाभ्यास का दूसरा संस्करण ‘सी गार्डियन्स-2' शुरू किया और समुद्री सुरक्षा खतरों से मिलकर निपटने के लिए अपने नये उच्च तकनीक युक्त नौसैनिक पोतों और लड़ाकू विमानों को तैनात किया. दोनों देशों की नौसेनाओं ने भारत के नजदीक हिंद महासागर में सहयोग तेज किया है. इसका पहला संस्करण साल 2020 में पाकिस्तान में कराची के पास शुरु हुआ था.
सरकारी ग्लोबल टाइम्स की रविवार की खबर के अनुसार इस बार के युद्धाभ्यास में चीन की पीएलए ईस्टर्न थियेटर कमांड नौसेना ने युद्धपोत शियांगटन, शुओझोऊ, समग्र आपूर्ति पोत क्वियानदाओहू, एक पनडुब्बी, एक शीघ्र चेतावनी विमान, दो लड़ाकू विमान तथा अभ्यास के लिए एक हेलीकॉप्टर को भेजा, वहीं पाकिस्तानी नौसेना का युद्धपोत तैमूर अभ्यास में शामिल हो रहा है.