China ने Nepal संग किए नौ समझौते, सालाना सहायता बढ़ा कर की 15 अरब रुपए

चीन (China) के विदेश मंत्री ने (Nepal) के दो पूर्व प्रधानमंत्रियों- सीपीएन-यूएमएल के अध्यक्ष के पी शर्मा ओली (KP Sharma Oli) और सीपीएन (माओवादी सेंटर) के अध्यक्ष पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' (Pushpa Kamal Dahal- Prachand) अलग-अलग मुलाकात की. खबर में कहा गया है कि राष्ट्रपति भंडारी के साथ बातचीत के दौरान वांग ने 'नेपाल-चीन संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की.'

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चीन (China) के विदेश मंत्री वांग यी (Wang Yi) ने नेपाल (Nepal) के शीर्ष नेतृत्व के साथ द्विपक्षीय संबंधों तथा पारस्परिक सहयोग पर चर्चा की. रविवार को चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने रविवार को नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी (Bidhya Devi Bhandari)  से मुलाकात कर द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की. इससे पहले दोनों देशों ने नौ समझौतों ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किये जिसमें सीमा पार रेलवे के चीन सहायता प्राप्त व्यवहार्यता अध्ययन के लिए तकनीकी सहायता योजना शामिल है. अधिकारियों ने बताया कि वांग ने यहां प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास पर प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा से मुलाकात की और दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों और आपसी सहयोग पर चर्चा की.

नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष देउबा के पिछले साल जुलाई में रिकॉर्ड पांचवीं बार प्रधानमंत्री बनने के बाद से किसी उच्च पदस्थ चीनी अधिकारी की नेपाल की यह पहली यात्रा है.

प्रधानमंत्री से मिलने से पहले, वांग ने अपने नेपाली समकक्ष नारायण खड़का के साथ बातचीत की और इसके बाद प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हुई. खड़का ने नेपाल की ओर से 25 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया, जबकि वांग ने 17 सदस्यीय चीनी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया.

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अधिकारियों ने यहां कहा कि बैठक के दौरान, खड़का और वांग ने द्विपक्षीय संबंधों के अलावा क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के मुद्दों पर चर्चा की.

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वार्ता के बाद दोनों पक्षों ने विभिन्न परियोजनाओं से संबंधित नौ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए.

अधिकारियों ने कहा, ‘‘चीन द्वारा नेपाल को प्रदान किए गए चिकित्सा उपकरणों और कोविड​​-19 टीकों के लिए आभार व्यक्त करते हुए, खड़का ने अपनी एक-चीन नीति के लिए नेपाल की दृढ़ प्रतिबद्धता को दोहराया.''

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‘काठमांडू पोस्ट' की खबर के अनुसार इन समझौतों में से एक आर्थिक और तकनीकी सहयोग पर है. आर्थिक और तकनीकी सहयोग के तहत, चीन नेपाल को अपनी वार्षिक सहायता 13 अरब रुपये से बढ़ाकर 15 अरब रुपये करेगा और कुछ परियोजनाओं को वित्तपोषित करेगा जिन पर दोनों पक्षों के बीच सहमति होगी.

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वांग ने नेपाल की अपनी तीन दिवसीय यात्रा को समाप्त करने से पहले रविवार को राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी से भी मुलाकात की. नई दिल्ली से यहां पहुंचे वांग ने पाकिस्तान से अपनी यात्रा शुरू की थी, उसके बाद अफगानिस्तान और भारत की अघोषित यात्रा की थी. 

चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने रविवार को नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी से मुलाकात कर द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की. समाचार पत्र 'माय रिपब्लिका' की खबर के अनुसार वांग ने दो पूर्व प्रधानमंत्रियों- सीपीएन-यूएमएल के अध्यक्ष के पी शर्मा ओली और सीपीएन (माओवादी सेंटर) के अध्यक्ष पुष्प कमल दहल 'प्रचंड'- से अलग-अलग मुलाकात की.

खबर में कहा गया है कि राष्ट्रपति भंडारी के साथ बातचीत के दौरान वांग ने 'नेपाल-चीन संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की.'

शिष्टाचार मुलाकात 

समाचार पत्र 'द काठमांडू पोस्ट' ने राष्ट्रपति कार्यालय के अधिकारियों के हवाले से कहा कि बैठक के दौरान द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर सहयोग पर चर्चा की गई.

राष्ट्रपति के संचार सलाहकार टिका ढकाल ने कहा, ''यह शिष्टाचार मुलाकात थी. विदेश मंत्री वांग यी ने राष्ट्रपति को नेपाल और चीन के बीच हस्ताक्षर किये गए समझौतों से अवगत कराया. ''

उन्होंने कहा कि भंडारी ने वांग को बताया कि काठमांडू नेपाल-चीन संबंधों को बहुत महत्व देता है. उन्होंने नेपाल को समर्थन देने के लिए चीनी सरकार का आभार व्यक्त किया.''

ढकाल ने कहा, 'चीन के विदेश मंत्री के माध्यम से राष्ट्रपति भंडारी ने चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग को संदेश भेजा है कि हमारा देश और नेपाली लोग निरंतर समर्थन के लिए चीन के आभारी हैं.'

सीपीएन-यूएमएल नेता ओली ने वांग के साथ बैठक के दौरान चीनी सरकार से बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) से संबंधित रेलवे, सिंचाई, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी परियोजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी लाने का आग्रह किया. वांग ने इसपर पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी और कहा कि वे नेपाल के विकास और समृद्धि के लिए सहयोग करने को तैयार हैं. उन्होंने बीआरआई से संबंधित परियोजनाओं को शुरू करने में योगदान का आश्वासन दिया.

प्रचंड ने वांग के साथ अपनी बैठक के दौरान चीन से बीआरआई के तहत पहले से सहमति प्राप्त भौतिक बुनियादी ढांचे से संबंधित परियोजनाओं को तेजी से लागू करने का आग्रह किया. इन बैठकों के बाद वांग चीन के लिये रवाना हो गए.

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