चीन (China) के अधिकारी अब इस बात पर बहस कर रहे हैं क्या देश में बाहर से आने वाले यात्रियों के लिए क्वारेंटीन (Quarantine) की समयसीमा को कम किया जाना चाहिए या नहीं. ब्लूमबर्ग के अनुसार, इस मामले से जुड़े लोगों का कहना है कि देश की ज़ीरो कोविड पॉलिसी के कारण चीन बाक़ी दुनिया से कट रहा है. चीन के अधिकारी अब चीन पहुंचने पर क्वारेंटीन की समय-सीमा को घटा कर दो दिन होटल में और फिर पांच दिन घर पर करने की योजना बना रहे हैं. फिलहाल चीन में विदेश यात्रा से पहुंचने वाले यात्रियों के लिए 10 दिन का आइसोलेशन आवश्यक है. इसमें 7 दिन होटल रूम में बिताने होते हैं और फिर तीन दिन घर पर. घर पर भी उन लोगों को मॉनिटर किया जाता है और नियमित टेस्ट किया जाता है.
फिलहाल यह साफ नहीं है कि घर पर दिए जाने वाले आइसोलेशन के समय में क्या प्रतिबंध लागू होंगे और इसे उन विदेशी यात्रियों पर कैसे लागू किया जाएगा जिनका चीन में कोई घर नहीं है. इस कदम से देश के नए कोविड प्रोटोकॉल जारी होने की संभावना है. चीन में अधिकारी वायरस के मामले बढ़ने पर इन्हीं प्रोटोकॉल के अनुसार काम करते हैं. नेशनल हेल्थ कमीशन के पास इन प्रोटोकॉल की ज़िम्मेदारी है, फिलहाल उन्होंने इस बारे में कोई भी टिप्पणी करने से मना कर दिया है.
यह चर्चा ऐसे समय में हो रही है जब निवेशक देख रहे हैं कि उसकी ज़ीरो कोविड पॉलिसी से चीन की अर्थव्यवस्था को कितना नुकसान पहुंच रहा है. चीन लगातार वायरस को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहा है जबकि बाकी दुनिया लगभग इसके साथ रहना सीख गई है.
इस खबर से चीन की एयरलाइन्स के शेयर छोटे समय का मुनाफा कमा सकते हैं लेकिन अधिक फायदा तभी होगा जब देश पूरी तरह से कोविड प्रतिबंधों को खत्म करे.
चीन ने जून में देश में आने वाले यात्रियों के लिए क्वारेंटीन का समय कम किया था. उस समय कुछ जगहों पर 21 दिन के होटल क्वारेंटीन का नियम था. ना केवल इतना बल्कि देश भर में हुए व्यापक लॉकडाउन और आवश्यक टेस्टिंग के आदेशों ने भी घरेलू मोर्चे पर चीन को नुकसान पहुंचाया. लेकिन रविवार को कम्युनिस्ट पार्टी की कांग्रेस में राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने यह संकेत दिया था कि वो जल्द ही कोविड नियमों को ढीला कर सकते हैं.
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