चीनी अधिकारियों ने बुधवार को दुनिया की सबसे बड़ी iPhone फैक्ट्री के आसपास लॉकडाउन लगा दिया है. इससे पहले इस फैक्ट्री में लगे लॉकडाउन से कर्मचारियों के भागने की वीडियो सामने आई थी. केंद्रीय चीन के झेंगझोऊ इलाके के इकॉनमी जोन के अधिकारियों ने कहा, "कोविड वॉलेंटीयर्स और ज़रूरी सेवाओं के कर्मचारियों को छोड़ कर सभी निवासियों को घर पर रहना होगा. केवल कोविड टेस्ट और इमरजेंसी मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए बाहर जाने की इजाज़त होगी." इससे पहले सोशल मीडिया पर वो तस्वीरें वायरल हो गईं थीं, जिनमें फैक्ट्री में कोविड संक्रमण फैलने के बाद वहां से कर्मचारियों की भागने की तस्वीरें सामने आईं थीं. यह फैक्ट्री ताइवान की बड़ी कंपनी फॉक्सकॉन की है जहां लाखों कर्मचारी काम करते हैं.
कर्मचारियों ने सोशल मीडिया पर यहां के बुरे हालातों की शिकायत की थी और कोविड में यातायात ना मिलने के बावजूद यह पैदल ही भाग रहे थे.
चीन आखिरी ऐसी बड़ी अर्थव्यवस्था है जहां जीरो-कोविड नीति अभी भी जारी है और लगातार लॉकडाउन लग रहे हैं और मास टेस्टिंग हो रही है और क्वारेंटीन की लंबी अवधि है.
चीन में मौजूद बीबीसी के संवाददाता स्टीफन मैकडॉनेल ने बताया था कि, " कर्मचारी एपल की सबसे बड़ी एसेंबली साइट से भागते नज़र आए, वह झेंगझोऊ के फॉक्सकॉन में जीरो कोविड लॉकडाउन से भागते नज़र आए. भागने के बाद, वह अपने घर जाने के लिए 100 किलोमीटर तक चल रहे हैं ताकि लोगों को नियंत्रित करने के लिए बनाए गए कोविड एप से बचकर निकला जा सके."
पिछले कुछ दिनों में लगभग 200 लॉकडाउन लगाए गए हैं। इनमें से अधिकतर ऐसे समुदायों से जुड़े हैं जिनकी पहचान हाई या मीडियम रिस्क वालों के तौर पर की गई है। लॉकडाउन में हाई, मीडियम और लो रिस्क वाले क्षेत्रों के लिए विभिन्न नियम हैं। स्मार्टफोन बनाने वाली अमेरिकी कंपनी Apple की कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर Foxconn के Zhengzhou में मौजूद iPhone की फैक्टरी पर भी लॉकडाउन का असर पड़ा है। Foxconn ने बताया कि उसके कुछ वर्कर्स को क्वारनटाइन किया गया है। Apple के लिए यह एक चिंता का मुद्दा है। कंपनी ने पिछले महीने iPhone की नई सीरीज लॉन्च की थी।