ताइवान पर अपना दावा करने वाले चीन ने अपने सैन्य ताकत के बल पर अब दबाब बढ़ाना शुरू कर दिया है. चीनी सेना ने बुधवार, 2 अप्रैल को ताइवान के पास मौजूद संवेदनशील जल क्षेत्र में नए सैन्य अभ्यासों की घोषणा की. इससे एक दिन पहले ही बीजिंग ने इस स्व-शासित द्वीप को घेरने के लिए सैन्य अभ्यास शुरू किया था.
न्यूज एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार चीनी सेना के पूर्वी थिएटर कमांड के प्रवक्ता, सीनियर कर्नल शी यी ने एक बयान में बताया कि महत्वपूर्ण ताइवान जलडमरूमध्य जलमार्ग (ताइवान स्ट्रेट) में सैन्य अभ्यास का उद्देश्य "नाकाबंदी और नियंत्रण, और प्रमुख लक्ष्यों पर सटीक हमले" जैसे क्षेत्रों में "सैनिकों की क्षमताओं का परीक्षण" करना है.
चीन ने एक दिन पहले ही ताइवान को घेरने के लिए अपनी सेना, नौसेना, वायु और रॉकेट बलों को भेजा था, जिसके बाद ताइपे को अपनी सेना भेजने के लिए मजबूर होना पड़ा.
गौरतलब है कि ताइवान खुद को आजाद क्षेत्र मानता है जबकि चीन उसपर अपना दावा करता है. अपने इस दावे को और मजबूत करने के लिए हाल के वर्षों में चीन ने ताइवान के आसपास लड़ाकू विमानों और नौसैनिक जहाजों की तैनाती बढ़ा दी है.
खास बात है कि ताइवान का मुद्दा चीन और अमेरिका के बीच एक संभावित टकराव बिंदु है. अमेरिका इस द्वीप का सबसे महत्वपूर्ण सुरक्षा भागीदार है यानी पार्टनर है.
ताइवान के लिए अमेरिका के समर्थन का विरोध चीन लगातार करता रहा है. चीन का साफ कहना है कि ताइवान उसके अपने क्षेत्र का हिस्सा है और उसने बलपूर्वक अपने नियंत्रण में लाने की धमकी दी है. मई 2024 में ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग-ते के पदभार संभालने के बाद से ताइवान जलडमरूमध्य में तनाव बढ़ गया है.
इनपुट- एएफपी