अस्पतालों में भीड़, शमशानों में जगह नहीं... क्या नए वायरस से चीन में स्टेट इमरजेंसी लगी?

कई रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन में स्टेट इमरजेंसी लगी हुई, हालांकि, अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है. देखा जाए तो HMPV बिल्कुल कोविड 19 की तरह ही है.

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नई दिल्ली:

याद करिए साल 2019 में चीन में कोविड 19 की शुरुआत हुई थी. इस वायरस ने ऐसा कोहराम मचाया था कि पूरी दुनिया थम गई थी. कोविड-19 के बाद अब चीन में कई खतरनाक वायरस का आगमन हो चुका है. सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि अस्पताल में लोगों की भीड़ है, श्मशान घाट में भी भीड़ लगी है. ऐसे में हम सबके मन में ये सवाल जरूर उठ रहा होगा कि आखिर ये वायरस क्या है? कोविड 19 से कितना खतरनाक है?

चीन कोविड-19 महामारी के पांच साल बाद ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के प्रकोप से निपट रहा है.  रिपोर्ट और सोशल मीडिया पोस्ट से पता चलता है कि वायरस तेजी से फैल रहा है, कुछ का दावा है कि अस्पताल और शवदाहगृह भरे पड़े हैं. ऑनलाइन शेयर किए गए वीडियो में भीड़ भरे अस्पताल दिखाई दे रहे हैं, जिसमें कुछ यूजर्स कह रहे हैं कि इन्फ्लूएंजा ए, एचएमपीवी, माइकोप्लाज्मा निमोनिया और कोविड-19 सहित कई वायरस फैल रहे हैं.

सोशल मीडिया पर कुछ यूज़र्स दावा कर रहे हैं कि कई तरह के वायरस प्रसारित हो रहे हैं, जो इंफ्लुएंजा ए, HMPV, माइकोलाज्मा, न्यूमोनिया और कोविड 19 के रूप में मौजूद है.

कई रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन में स्टेट इमरजेंसी लगी हुई, हालांकि, अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है. देखा जाए तो HMPV बिल्कुल कोविड 19 की तरह ही है. इसके लक्षण और प्रसारित होने के तरीके लगभग समान ही हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, स्वास्थ्य अधिकारी इस पर पैनी नजर बनाए हुए हैं. 

सोशल मीडिया पर कई वीडियो और तस्वीरें साक्ष्य के तौर पर प्रसारित हो रही हैं. SARS-CoV-2 नाम के एक्स यूज़र ने कुछ वीडियोज को शेयर किए हैं, जिनमें देखा जा सकता है कि कैसे अस्पतालों में भीड़ लगी हुई है. लोग इलाज के लिए भागदौड़ कर रहे हैं. 

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समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, चीन के डीजीज कंट्रोल ऑथोरिटी ने शुक्रवार को बताया कि हमलोग पूरे मामले की गहनता से जांच कर रहे हैं. विभाग ने बताया कि शुरुआत में न्यूमोनिया के लक्षण जैसे दिख रहे हैं. हालांकि हमलोग हर तरीके से इस पर निगरानी रख रहे हैं. इस बार स्थिति कोविड 19 जैसी नहीं होगी. 

चीन की सरकारी मीडिया सीसीटीवी ने रिपोर्ट में कहा कि इसमें घबराने जैसी कोई बात नहीं है. 16-22 दिसंबर के बीच इंफेक्शन बढ़ा है. इसकी जांच के लिए विशेष टीम का गठन किया गया है. सर्दियों के दिनों में चीन में अक्सर ऐसे मामले आते रहते हैं, जिससे लोगों को चिंता होती है. 

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