2 घंटे में दुनिया में कहीं भी पहुंच जाएगा चीन का 'पुष्पक' विमान, प्लान जानिए

चीन अकेला ऐसा देश नहीं है, जो हाइपरसोनिक विमान बनाने पर काम कर रहे हैं. कुछ देश सुपरसोनिक विमान तैयार करने की दिशा में भी काम कर रहे हैं. एक जेट को सुपरसोनिक गति से यात्रा करने के लिए ध्वनि की गति से ऊपर उड़ना पड़ता है, जो कि मैक 1 है.

Advertisement
Read Time: 3 mins
बीजिंग:

दिल्‍ली से अमेरिका विमान में जाने में अभी 17 से 20 घंटे का समय लगता है. सोचिए, अगर इस दूरी को तय करने में आपको सिर्फ डेढ़ घंटा लगे तो? एक ऐसा विमान जो ध्‍वनि की गति से छह गुना तेज हो और दुनिया के किसी भी कौने में पहुंचने के लिए आपको सिर्फ 2 घंटे का समय लगे. चीन एक ऐसे ही विमान बनाने की दिशा में काम कर रहा है. चीन एक एडवांस टेक्‍नोलॉजी ऐसा हाइपरसोनिक विमान बना रहा है, जो सिर्फ 2 घंटे में दुनिया में कहीं भी पहुंच सकता है. इस जहाज की स्पीड मैक-6 यानि 6437 किलोमीटर प्रति घंटे होने की बात कही जा रही है. चीनी कंपनी द्वारा बनाए जा रहे इस हाइपरसोनिक प्लेन को पंखों वाला रॉकेट (rocket with wings) के नाम से भी पुकारा जा रहा है. 

चीन हाइपरसोनिक मिसाइल का सफल परीक्षण कर चुका है. ये परीक्षण 2023 में किया गया था. बताया जा रहा है कि चीन अब हाइपरसोनिक विमान बनाने पर काम कर रहा है, और इसका परीक्षण 2025 में किया जा सकता है. विमान के छोटे प्रोटोटाइप पर परीक्षण किये जाने की प्‍लानिंग है. इसके लिए तेजी से तैयारियां की जा रही हैं. चीन की रिपोर्टों के मुताबिक, इस मानव रहित विमान का वजन महज 500 किलोग्राम है. इस विमान का प्रोडक्‍शन 2035 में शुरू होने की बात की जा रही है. इस विमान को बनाने वाली चीनी कंपनी का नाम स्पेस ट्रांसपोर्टेशन (Space Transportation )है. कंपनी इस विमान से जुड़ा एक वीडियो जारी किया है, जिसमें हाइपरसोनिक विमान अपने विंग से अलग होते हुए नजर आ रहा है. 

कंपनी ने बताया कि विमान को इतनी गति एक रॉकेट के जरिए मिलेगी. विमान चीन की राजधानी बीजिंग से अमेरिका के न्यूयॉर्क एक घंटे में पहुंच जाएगा. कपंनी की तरफ से बताया गया है कि सैटेलाइट ले जाने वाले रॉकेट से इस रॉकेट का खर्च कम होगा. चीन की महत्‍वकांक्षा बहुत समय से हाइपरसोनिक एयरक्राफ्ट बनाने की रही है. इस हाइपरसोनिक एयरक्राफ्ट के लिए चीन बहुत अधिक पैसा कर रहा है. ऐसे में इस यात्री विमान की टिकट कितनी हो सकती है, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है.   

Advertisement

हालांकि, चीन अकेला ऐसा देश नहीं है, जो हाइपरसोनिक विमान बनाने पर काम कर रहे हैं. कुछ देश सुपरसोनिक विमान तैयार करने की दिशा में भी काम कर रहे हैं. एक जेट को सुपरसोनिक गति से यात्रा करने के लिए ध्वनि की गति से ऊपर उड़ना पड़ता है, जो कि मैक 1 है. हालांकि, हाइपरसोनिक विमान के लिए इसे मैक 5 की गति से आगे बढ़ना होता है. बता दें कि मौजूदा समय में सिर्फ छोटे, परीक्षण किये जाने वाले विमानों में ही ऐसी गति हासिल की है, जिसमें एक बड़ा मुद्दा यह है कि ऐसी गति से ध्वनि बूम पैदा किया जा सकता है.

Advertisement

ये भी पढ़ें :- पड़ोसी देशों को धमका रहा ड्रैगन! चीन पर फिलीपींस के जहाज को टक्‍कर मारने का आरोप

Advertisement
Featured Video Of The Day
Samarth By Hyundai: Hyderabad Corporates दिव्यांगों के समावेश के लिए एकजुट हुए