चीन ने 3 बच्चे पैदा करने की दी छूट, बूढ़ों की बढ़ती तादाद समेत इन वजहों से लेना पड़ा फैसला

भारत की तरह चीन (China population ) में भी हर दशक होने वाली जनगणना के नतीजे हाल ही में जारी किए गए हैं. इसके अनुसार, 2020 में 1.2 करोड़ बच्चों ने चीन में जन्म लिया. यह जन्म दर 1961 के बाद 50 सालों में सबसे कम आंकी गई है. 

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China Child Policy में किया गया बदलाव
बीजिंग:

चीन ने अपनी चाइल्ड पॉलिसी में बदलाव कर अपने नागरिकों को अब तीन बच्चे (Three Child Policy) पैदा करने की छूट दे दी है. कम्यूनिट पार्टी की पोलित ब्यूरो (Communist Party's Politburo) की बैठक के बाद यह घोषणा की गई. इस बैठक में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Chinese President Xi Jinping) भी शामिल थे. चीन की जनसंख्या नीति में ये बड़ा बदलाव माना जा रहा है. चीन ने कुछ साल पहले ही 2 बच्चे पैदा करने की नीति को मंजूरी दी थी, हालांकि इससे भी देश में तेजी से घटती जन्मदर और बूढ़ों की बढ़ती आबादी की रफ्तार कम नहीं हुई.  

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दरअसल, भारत की तरह चीन में भी हर दशक होने वाली जनगणना के नतीजे हाल ही में जारी किए गए हैं. इसके अनुसार, 2020 में 1.2 करोड़ बच्चों(China Birth Rate) ने चीन में जन्म लिया. यह जन्म दर 1961 के बाद 50 सालों में सबसे कम आंकी गई है. 2020 की जनगणना के अनुसार, चीन की जनसंख्या (China population )पिछले एक दशक में महज 5.4 फीसदी की दर से ही बढ़ी है. तमाम प्रोत्साहनों के बावजूद वर्ष 2017 के बाद से ही लगातार चीन की जन्मदर में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है. 

गौरतलब है कि चीन में लंबे वक्त तक एक बच्चे की नीति लागू रही. इसका परिणाम हुआ कि चीन में महिला और पुरुषों की आबादी के बीच असंतुलन (Demographic Imbalance) बेहद गड़बड़ा गया. चीन में करीब 30 करोड़ पुरुषों की आबादी को विवाह के लिए लड़कियां ही नहीं मिल रही हैं. चीन की कम्यूनिट सरकार ने 2016 में एक बच्चे की नीति में ढील देकर 2 बच्चे पैदा करने की इजाजत दी, लेकिन 2018 में जन्म दर 1000 लोगों पर जन्म बच्चों का अनुपात 2018 में 10.94 और 2019 में 10.48 रहा. 

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खबरों के मुताबिक, चीन की शीर्ष नीति निर्माण इकाई पोलितब्यूरो ने इस फैसले के साथ कहा है कि इससे जनसंख्या के ढांचे में संतुलन कायम होगा और बुजुर्गों की बढ़ती तादाद को देखते हुए राष्ट्रीय जनसंख्या नीति को सक्रियता से लागू किया जा सकेगा.सस्ते श्रम की बदौलत दुनिया की मैन्युफैक्चरिंग हब बन चुके चीन में कामगारों की आबादी भी तेजी से कम हुई है. चीन की कामगार आबादी में हर साल 34 लाख की कमी आ रही है. जन्म दर में कमी के कारण कामगार आबादी में अपेक्षित बढ़ोतरी भी देखने को नहीं मिल रही है.

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चीन के नेशनल ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स (China National Bureau of Statistics) के डेटा में कहा गया है कि 2015 के अंत तक देश में 70.4 करोड़ पुरुष और 67 करोड़ महिला नागरिक हैं. लेकिन पुरुषों और महिलाओं की संख्या के बीच अनुपात इतना ज्यादा हो गया है कि करीब 3 करोड़ चीनी पुरुषों के लिए अगले कुछ दशकों में शादी के लिए लड़कियां मिल पाना बेहद मुश्किल होगा. चीन में औसतन 114 लड़कों पर 100 लड़कियों का जन्म हो रहा है. जबकि दुनिया में यह अनुपात 103 लड़कों के मुकाबले 107 लड़कियों का है. चीन के परिवारों में भी लड़के की चाह बेइंतहा है और गर्भधारण के बाद भ्रूण हत्या के लाखों गैरकानूनी मामले सामने आते हैं.

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