China ने अब भी India का "सबसे बड़ा व्यापार भागीदार" होने का किया दावा, कहा- US को बढ़त केवल 'आंकड़ों का फेर'

अमेरिका( US) के भारत (India) का शीर्ष व्यापार भागीदार (Top Trade Partner) होने की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए चीन (China) कहा कि भारत और चीन की व्यापार (India-China Trade) मात्रा की गणना के लिये अपनाए गये विभिन्न तरीकों की वजह से यह ‘अंतर’ आया है.

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China का दावा, US नहीं वही है India का सबसे बड़ा व्यापार भागीदार

चीन (China) ने मंगलवार को दावा किया है कि वह अपने आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2021-22 में अभी भी भारत (India) का सबसे बड़ा व्यापार भागीदार (Trade Partner) है. उसने अमेरिका (US) के भारत का शीर्ष व्यापार भागीदार होने की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि इसका कारण भारत और चीन की व्यापार (India-China Trade) मात्रा की गणना के लिये अपनाये गये विभिन्न तरीकों में ‘अंतर' का होना है. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान (Zhao lijian ने संवादाताओं से कहा कि 'चीनी सक्षम प्राधिकरणों के आंकड़ों के अनुसार, 2021 में चीन और भारत के बीच द्विपक्षीय व्यापार 125.66 अरब डॉलर का रहा.'  उनसे 2021-22 में अमेरिका द्वारा चीन को पीछे छोड़ते हुए भारत का सबसे बड़ा व्यापार भागीदार बनने की रिपोर्ट के बारे में पूछा गया था.

झाओ ने कहा, 'चीन, भारत का सबसे बड़ा व्यापार साझेदार बना हुआ है और पहली बार द्विपक्षीय व्यापार 2021 में 100 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक हो गया था.'

उन्होंने कहा, 'चीन और भारत द्वारा प्रकाशित व्यापार के आंकड़ों में असमानता विभिन्न सांख्यिकीय गणना का परिणाम है.'

चीन, जनवरी से दिसंबर तक वित्तीय वर्ष का अनुसरण करता है, जबकि भारत में यह अप्रैल-मार्च है.

झाओ ने कहा कि हर साल बढ़ते व्यापार घाटे पर व्यापक चिंताओं के बावजूद चीन लंबे समय से भारत का प्रमुख व्यापार भागीदार बना हुआ है.

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इससे पहले खबर आई थी कि अमेरिका बीते वित्त वर्ष (2021-22) में भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बन गया है. इससे दोनों देशों के बीच मजबूत होते आर्थिक रिश्तों का पता चलता है. इस तरह भारत के साथ व्यापार के मामले में अमेरिका ने चीन को पीछ़े छोड़ दिया है.

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रिपोर्ट के आंकड़े क्या कहते हैं?

 वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2021-22 में अमेरिका और भारत का द्वपिक्षीय व्यापार बढ़कर 119.42 अरब डॉलर पर पहुंच गया. 2020-21 में यह आंकड़ा 80.51 अरब डॉलर का था.

आंकड़ों के अनुसार, 2021-22 में भारत का अमेरिका को निर्यात बढ़कर 76.11 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 51.62 अरब डॉलर रहा था. वहीं इस दौरान अमेरिका से भारत का आयात बढ़कर 43.31 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 29 अरब डॉलर था.

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आंकड़ों के अनुसार, 2021-22 में भारत-चीन द्वपिक्षीय व्यापार 115.42 अरब डॉलर रहा, जो 2020-21 में 86.4 अरब डॉलर था.

वित्त वर्ष के दौरान चीन को भारत का निर्यात मामूली बढ़कर 21.25 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो 2020-21 में 21.18 अरब डॉलर रहा था.

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वहीं इस दौरान चीन से भारत का आयात बढ़कर 94.16 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो 2020-21 में 65.21 अरब डॉलर पर था। वित्त वर्ष के दौरान भारत का चीन के साथ व्यापार घाटा बढ़कर 72.91 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो 2020-21 में 44 अरब डॉलर रहा था.

व्यापार क्षेत्र के विशेषज्ञों का मानना है कि आगामी वर्षों में भारत का अमेरिका के साथ द्वपक्षीय व्यापार और बढ़ेगा, जिससे दोनों देशों के आर्थिक रिश्तों को और मजबूती मिलेगी.

भारतीय निर्यात संगठनों के महासंघ (फियो) के उपाध्यक्ष खालिद खान ने कहा था कि भारत एक भरोसेमंद व्यापार भागीदार के रूप में उभर रहा है और वैश्विक कंपनियां चीन पर अपनी निर्भरता कम कर रही हैं. वैश्विक कंपनियां अपने कारोबार का भारत और अन्य देशों में विविधीकरण कर रही हैं.

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