अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने रविवार को कहा कि चीन यूक्रेन के खिलाफ अपने युद्ध में रूस को हथियार उपलब्ध कराने पर विचार कर रहा है. उन्होंने बीजिंग को चेतावनी दी कि कोई भी आपूर्ति "गंभीर समस्या पैदा करेगी." ब्लिंकेन ने सीबीएस (CBS) के "फेस द नेशन" को बताया, "अब हमारी चिंता हमें मिली जानकारी के आधार पर है कि वे घातक मदद देने पर विचार कर रहे हैं."
यह पूछे जाने पर कि घातक मदद क्या होगा, उन्होंने कहा "गोला-बारूद से लेकर हथियारों तक सब कुछ."
ब्लिंकन ने जर्मनी में अमेरिकी टेलीविजन के साथ इंटरव्यू की एक सीरीज में भी इसी तरह की टिप्पणी की. जर्मनी में शनिवार को उन्होंने म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में भाग लिया और अपने चीनी समकक्ष वांग यी से मुलाकात की.
विदेश विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि उन्होंने वांग से कहा था कि "यदि चीन प्रणालीगत प्रतिबंधों से बचकर रूस को सहायता देता है तो इसके परिणाम होंगे."
तनावपूर्ण संबंध
कुल मिलाकर अमेरिका की टिप्पणियां अभी तक की सबसे स्पष्ट चेतावनी के रूप में दिखाई दीं. इससे संकेत मिलता है कि चीन रूस को राजनीतिक या कूटनीतिक समर्थन से आगे बढ़कर यूक्रेन के खिलाफ लगभग एक साल से जारी लड़ाई में मदद करने के लिए तैयार हो सकता है.
अमेरिका के बयान ऐसे समय में आए हैं जब पहले से ही उसके चीन से संबंध तनावपूर्ण चल रहे हैं. अमेरिका ने हाल ही में एक बड़े चीनी जासूसी गुब्बारे को मार गिराया था.
एबीसी पर रविवार को ब्लिंकन ने इस बात पर जोर दिया कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपने चीनी समकक्ष शी जिनपिंग को पिछले मार्च में ही रूस को हथियार भेजने के खिलाफ चेतावनी दी थी.
इस मुद्दे के जानकार एक प्रशासनिक सूत्र के अनुसार, उस समय से "चीन उस रेखा को पार नहीं करने के लिए सावधान रहा है, जिसमें युद्ध के मैदान में उपयोग के लिए घातक हथियार प्रणालियों को बेचने पर रोक लगाना शामिल है."
एक शीर्ष रिपब्लिकन सीनेटर, जो म्यूनिख सम्मेलन में भी शामिल हुए, लिंडसे ग्राहम ने कहा कि रूस को हथियार देना चीन के लिए एक गंभीर गलती होगी. उन्होंने कहा, ''यह गंदगी भरी बेवकूफी होगी. यह वैसा ही होगा कि मूवी टाइटैनिक देखने के बाद उसके लिए फिर से टिकट खरीदना.''