China America Trade War: ग्लोबल टैरिफ वॉर की वजह से अगले वित्तीय वर्ष 2026 में भारतीय एक्सपोर्ट में बढ़ोतरी की संभावना है. ये दावा सरकार के सूत्रों ने किया है. सूत्रों का कहना है कि डोनाल्ड ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने की वजह से जो ग्लोबल टैरिफ वॉर शुरू हुआ है, इसका फायदा भारतीय एक्सपोर्टर्स को मिलेगा. इसका कारण ये है कि अमेरिका ने भारत के प्रतियोगी देशों जैसे चीन, वियतनाम और इंडोनेशिया के खिलाफ ज्यादा टैरिफ लगाया है. इसी के चलते भारतीय एक्सपोर्टर्स को फायदा मिलेगा.
चीन कैसे अमेरिका से उलझ गया
सरकार के सूत्रों का कहना है कि भारत को First Mover Advantage मिला है. भारत एकमात्र देश है, जो Bilateral Trade Agreement पर अमेरिका के साथ बातचीत के जरिए व्यापार बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू कर चुका है. चीन ने अमेरिका पर 34 फ़ीसदी टैरिफ लगाकर जवाबी कार्रवाई की है, लेकिन भारत ने समझदारी दिखाते हुए ऐसा कोई फैसला नहीं किया.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के इस कदम पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उन्होंने ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में कहा है कि चीन घबरा गया है और गलत कदम उठा रहा है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ग्लोबल ट्रेड वॉर पर शेयर बाजार की घबराहट को खारिज कर दिया. ट्रंप ने लिखा, यह अमीर बनने का एक शानदार समय है, पहले से कहीं अधिक अमीर. ट्रंप का यह भी मानना है कि दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की ताकत विदेशी कंपनियों को माल आयात करने के बजाय अमेरिकी धरती पर विनिर्माण करने के लिए मजबूर करेगी.
अमेरिका से कैसे निपटेगा भारत
डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद अमेरिकी टीम ने टैरिफ पर सौदेबाजी के लिए सिर्फ भारत का दौरा किया है. सरकार Bilateral Trade Agreement के जरिए Tariff के मुद्दे को सुलझाएगी. सूत्रों का कहना है कि Marine प्रोडक्ट्स, Gems & Jewellery और दूसरे जिन सेक्टरों पर रेसिप्रोकल टैरिफ का असर जरूर होगा, लेकिन वहां हम नए मार्केट ढूंढ लेंगे.
भारत का सात देशों वाला प्लान
वहीं सूत्रों ने बताया कि Bahrain और Qatar के साथ भी भारत फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर बातचीत शुरू करने की तैयारी कर रहा है. इस वक्त सात देशों के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को लेकर भारत की बातचीत जारी है. चीन और वियतनाम की तरफ से अगर भारत में डंपिंग की कोशिश की जाती है तो उसे भी रोकने के लिए भारतीय एजेंसियां तैयार हैं.