आप खुद को सफाई पसंद मानते हैं? तो अब एक खबर सुनिए. एक नई स्टडी में पाया गया है कि सफाई और हेल्थ से जुड़ीं आदतें सिर्फ इंसानों में नहीं पाई जाती हैं. शोधकर्ताओं ने पाया है कि चिंपैंजी भी अपने निचले हिस्से यानी बम को साफ करते हैं, पोंछते हैं, एक-दूसरे के घावों की देखभाल करते हैं और यहां तक कि सेक्स के बाद सफाई भी करते हैं. है न कमाल!
द गार्डियन की एक रिपोर्ट के अनुसार ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने यह रिसर्च छापी है और ऐसा नहीं है कि पहली बार किसी रिसर्च में यह बात सामने आई है. वैज्ञानिकों ने पहले ही पाया था कि चिंपैंजी अपने और दूसरों के घावों के इलाज के लिए कीड़ों का उपयोग करते हैं, जबकि ओरंगुटान तो औषधीय गुणों वाले पौधों का रस निकालकर या पत्तियों को चबाकर उनसे घावों का इलाज करते हैं. लेकिन नई रिसर्च में उससे एक कदम और आगे की बात पता चली है.
इस रिपोर्ट के अनुसार इस स्टडी के लेखकों में से एक डॉ. एलोडी फ्रीमैन ने कहा, "हम इंसान खुद को कई अलग-अलग तरीकों से सबसे अलग समझना पसंद करते हैं. और मुझे लगता है कि लंबे समय से, हमने सोचा था कि स्वास्थ्य देखभाल उन तरीकों में से एक है जिसमें हम इंसान विशेष हैं." लेकिन, उन्होंने आगे कहा, नई स्टडी से पता चल रहा है कि इन जंगली जानवरों को पता है कि खुद की देखभाल कैसे करनी है और जब कोई उनमें से बीमार या घायल हों तो अपने स्किल का इस्तेमाल कैसा करना है.
चिम्पांजी सेल्फकेयर के दूसरे काम भी करते हैं, जैसे कि सेक्स के बाद अपने प्राइवेट पार्ट को पोंछने के लिए पत्तियों का उपयोग करना. या पत्तियों से ही मल त्याग के बाद अपने बम को पोंछना.