बाइडेन प्रशासन की इस ऐप पर ट्रंप ने राष्ट्रपति बनते ही लगाया प्रतिबंध, टूटा अवैध प्रवासियों का अमेरिका जाने का सपना

तीन महीने के अंदर बाइडेन प्रशासन ने इसे और आगे बढ़ा दिया ताकि इसे यूएस-मैक्सिको सीमा पर शरण लेने का एकमात्र रास्ता बनाया जा सके और फिर यह शरण नियुक्ति के लिए एकमात्र जरिया बन गया.

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डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति पद की जिम्मेदारी संभालते ही सीबीपी ऐप पर लगाया प्रतिबंध.
नई दिल्ली:

लाखों-करोड़ों लोगों के लिए अमेरिका में सैटल होने का सपना टूट गया है. ऐसा इसलिए क्योंकि डोनाल्ड ट्रंप के एक साइन ने उनके अमेरका जाने के सपने के दरवाजो को हमेशा के लिए बंद कर दिया है. दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप ने सीबीपी वन मोबाइल एप को अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के कुछ घंटों के अंदर ही बंद कर दिया है. बता दें कि इस मोबाइल ऐप को यूएस कस्टम और बॉर्डर प्रोटेक्शन ने लॉन्च किया था. इस ऐप के जरिए लाखों अवैध अप्रवासियों और असाइलम में जगह चाहने वालों को लीगल स्टेटस दिया गया है. 

2020 में लॉन्च की गई थी सीबीपी वन ऐप

जब सीबीपी वन ऐप को 2020 में लॉन्च किया गया था तो इसका इस्तेमाल सिर्फ कमर्शियल ट्रकिंग कंपनियों के कार्गो की बॉर्डर पर इंस्पेक्शन को शेड्यूल करने के लिए किया जाता था. लेकिन 2023 में बाइडेन प्रशासन ने इसकी उपयोगिता का विस्तार करते हुए इसमें उन अनधिकृत और अवैध प्रवासियों को भी शामिल कर लिया, जो अपने देश में हिंसा, गरीबी या फिर उत्पीड़न से सुरक्षा के लिए अमेरिका में शरण चाहते थे. 

तीन महीनों में ऐप ने अवैध प्रवासियों के लिए अमेरिका आने के खोला रास्ता

तीन महीने के अंदर बाइडेन प्रशासन ने इसे और आगे बढ़ा दिया ताकि इसे यूएस-मैक्सिको सीमा पर शरण लेने का एकमात्र रास्ता बनाया जा सके और फिर यह शरण नियुक्ति के लिए एकमात्र जरिया बन गया. इस वजह से ऐप एकदम ही काफी लोकप्रिय होने लगा और लगभग 10 लाख लोगों ने ऐप की मदद से अपॉइंटमेंट्स हासिल की. 

अमेरिका में शरण के लिए मिलती थी अपॉइंटमेंट

इस स्कीम में अवैध और अनाधिकृत आप्रवासी सीबीपी वन ऐप के जरिए पहले से ही अपॉइंटमेंट के लिए अप्लाई कर सकते थे. रोजाना ऐप लॉटरी सिस्टम के जरिए 1,450 एप्लिकैंट्स को अपॉइंटमेंट देती थी और एक बार अप्रूव हो जाने पर अवैध अप्राविसयों को लीगल तौर पर अमेरिका में एंट्री मिल जाती थी. साथ ही उन्हें अमेरिका में रहने और काम करने का लीगल स्टेटस भी दिया जाता था. 

डोनाल्ड ट्रंप करते आ रहे थे इस ऐप की आलोचना

इसकी गति और पैमाने पर जल्द ही डोनाल्ड ट्रम्प और उनके सहयोगियों की ओर से भारी आलोचना की गई. ऐप को लेकर निंदा और आलोचना का सिलसिला डेढ साल तक चला, जब तक डोनाल्ड ट्रंप दूसरी बार अमेरिका का राष्ट्रपति चुनाव जीते. उन्होंने अवैध अप्रवास का पुरजोर विरोध किया था और अमेरिकी अप्रवास नीति में व्यापक बदलाव लाने के चुनावी वादे किए थे. उन्होंने "लाखों-लाखों अवैध विदेशियों को निर्वासित करने" की बात भी कही थी.

कार्यभार संभालते ही ऐप पर लगाया प्रतिबंध

20 जनवरी को, जब ट्रंप ने राष्ट्रपति पद की शपथ ली, तो उनका पहला कदम रिकॉर्ड संख्या में कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर करना था - जिनमें से एक आव्रजन प्रणाली में बड़े पैमाने पर प्रतिबंधों और परिवर्तनों से संबंधित था. इसमें, उन्होंने CBP One ऐप पर तत्काल प्रतिबंध लगा दिया. उनकी कलम के एक झटके से, ऐप निलंबित हो गया और सभी मौजूदा और भविष्य की नियुक्तियां अनिश्चित काल के लिए स्थगित हो गईं, जिससे शरणार्थियों के लिए अमेरिका आने का एकमात्र रास्ता बंद हो गया.

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मेक्सिको और कनाडा पर 25% का भारी शुल्क लगाने की भी डोनाल्ड ट्रंप ने की बात

हालांकि, डोनाल्ड ट्रम्प यहीं नहीं रुके. आव्रजन प्रतिबंधों पर उनके पहले दिन के कार्यकारी आदेश में मेक्सिको के साथ "दक्षिणी सीमा पर राष्ट्रीय आपातकाल" घोषित करना भी शामिल है. उन्होंने यह भी घोषणा की कि संयुक्त राज्य अमेरिका में सभी अवैध प्रवेश को रोकने के लिए कुछ ही दिनों में सेना तैनात की जाएगी. इसके अलावा, डोनाल्ड ट्रम्प ने यह भी घोषणा की कि उनका प्रशासन मेक्सिको और कनाडा पर 25% का भारी शुल्क लगाना शुरू कर देगा क्योंकि वे बड़ी संख्या में लोगों को अवैध रूप से सीमा पार करने की अनुमति दे रहे हैं.

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