मंदिर पर हमले के विरोध में कनाडा पुलिस ने हिंदू श्रद्धालुओं पर हमला किया

दिन की शुरुआत में एक भीड़ ने ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर पर धावा बोल दिया और भक्तों पर हमला किया, जिसकी प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो ने निंदा की. ट्रूडो ने एक्स पर पोस्ट किया, "ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर में आज हुई हिंसा की घटनाएं अस्वीकार्य हैं.

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नई दिल्ली:

टोरंटो के निकट एक मंदिर पर "भारत-विरोधी तत्वों" द्वारा किए गए हमले का विरोध कर रहे हिंदू श्रद्धालुओं के साथ कनाडाई पुलिस की झड़प हुई. एक कनाडाई पत्रकार द्वारा साझा किए गए वीडियो में दिखाया गया है कि पुलिस ने मंदिर जाने वालों पर हमला किया, जिनमें से कई लोग भारतीय ध्वज लहरा रहे थे. इसमें एक पुलिसकर्मी को एक प्रदर्शनकारी पर हमला करते और उस पर कई मुक्के मारते हुए भी दिखाया गया है.

वीडियो बनाने वाली महिला एक अधिकारी की ओर इशारा करते हुए उस पर प्रदर्शनकारियों पर हमला करने का आरोप लगाते हुए कहती सुनाई दे रही है, "वह छड़ी से मार रहा है." गुस्साई भीड़ जल्द ही चिल्लाने लगती है "उसे बाहर निकालो".

वीडियो साझा करने वाले पत्रकार ने दावा किया कि पुलिस "दिवाली पर मंदिर जाने वालों को परेशान करने आए खालिस्तानियों" को बचाने के लिए हिंदू भक्तों के पीछे गई थी.

दिन की शुरुआत में एक भीड़ ने ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर पर धावा बोल दिया और भक्तों पर हमला किया, जिसकी प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो ने निंदा की. ट्रूडो ने एक्स पर पोस्ट किया, "ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर में आज हुई हिंसा की घटनाएं अस्वीकार्य हैं. प्रत्येक कनाडाई को अपने धर्म का स्वतंत्र रूप से और सुरक्षित रूप से पालन करने का अधिकार है."

भारतीय दूतावास ने कहा कि "भारत विरोधी तत्वों" ने मंदिर द्वारा सह-आयोजित उसके कांसुलर शिविर के बाहर हिंसा को अंजाम दिया. दूतावास ने इसे "बेहद निराशाजनक" बताते हुए कहा कि पिछले दो दिनों में सरे और वैंकूवर में शिविरों को बाधित करने के इसी तरह के प्रयास किए गए थे.

ये घटनाएं ट्रूडो के इस आरोप से उत्पन्न हुए दोनों देशों के बीच राजनयिक तनाव के बीच हुई हैं कि खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के पीछे भारत का हाथ था. भारत ने आरोपों को निराधार बताते हुए कनाडा पर आतंकवादियों और चरमपंथियों को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया कराने का भी आरोप लगाया था.

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