कनाडा चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप कैसे बन गए सबसे बड़ा मुद्दा? टैरिफ और ‘देश हड़पने की चाह’ वाला फैक्टर

कनाडा के बेहद कड़े मुकाबले वाले आम चुनाव में वोट डालने के लिए ऐलिस चरासे सोमवार सुबह जल्दी बूथ पर पहुंचीं, इस उम्मीद में कि वह वोट डालकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को "मैसेज भेजेंगी" जिन्होंने उनके देश की संप्रभुता और अर्थव्यवस्था को खतरे में डाल दिया है.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
कनाडा चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप कैसे बने सबसे बड़ा मुद्दा?

कनाडा के बेहद कड़े मुकाबले वाले आम चुनाव में वोट डालने के लिए ऐलिस चरासे सोमवार सुबह जल्दी बूथ पर पहुंचीं, इस उम्मीद में कि वह वोट डालकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को "मैसेज भेजेंगी" जिन्होंने उनके देश की संप्रभुता और अर्थव्यवस्था को खतरे में डाल दिया है.

37 साल की चरासे ने मॉन्ट्रियल में काम पर जाने से पहले ही वोट डाला. उन्होंने न्यूज एजेंसी एएफपी को बताया, "हमें खुद को अमेरिकी राष्ट्रपति से भयभीत या प्रभावित नहीं होने देना चाहिए. हमारे पड़ोसियों के साथ जो हो रहा है, हमें एक मैसेज भेजना चाहिए."

इस बार के चुनाव का क्या महत्व है, इसका संकेत यह बात भी देता है कि रिकॉर्ड सात मिलियन कनाडाई लोगों ने अग्रिम मतदान (एडवांस वोटिंग) में मतदान किया.

सोमवार को मॉन्ट्रियल और राजधानी ओटावा समेत कई शहरों में मतदान केंद्रों पर लंबी लाइनें लगीं. एक वॉलंटियर ने रजिस्ट्रेशन की जांच की और वोटरों को पीले चुनाव चिन्हों के साथ सही बूथों पर भेजते हुए कहा कि यह अब तक का सबसे व्यस्त मतदान था, जिसमें कई पहली बार मतदाता भी शामिल हुए थे.

ओटावा निवासी 68 वर्षीय आइरिस बैक्सटर ने कहा, "आज मतदान के लिए थोड़ा इंतजार करना पड़ा, लेकिन यह इसके लायक था क्योंकि यह चुनाव बेहद महत्वपूर्ण है.. मैं वास्तव में ट्रम्प सरकार के बारे में चिंतित हूं."

27 साल की एलेक्जेंड्रा स्वेनी भी वोट देने के लिए जल्दी आ गईं, उन्होंने कहा, क्योंकि "बहुत कुछ दांव पर है." उन्होंने "बॉर्डर के दक्षिण में जो कुछ भी हो रहा है" की ओर इशारा करते हुए कहा.

Advertisement

नए प्रधान मंत्री मार्क कार्नी के नेतृत्व वाली लिबरल पार्टी, कंजर्वेटिव पार्टी के पियरे पोइलिवरे से हार के लिए तैयार दिख रही थी. लेकिन फिर ट्रंप ने अपना टैरिफ युद्ध शुरू कर दिया और बार-बार कहा कि वह कनाडा को संयुक्त राज्य अमेरिका का हिस्सा बनाना चाहते हैं. सभी सर्वे कार्नी को करीबी मुकाबले में जीतने के प्रबल दावेदार के रूप में दिखाते हैं.

33 साल के सरकारी कर्मचारी हीथर मैकएलिस्टर ने कहा, "यह एक डरावना समय है, और मैं सिर्फ यह सुनिश्चित करना चाहता हूं कि मैं उस नेतृत्व के लिए मतदान कर रहा हूं जो हमें इस बुरे समय से बाहर ले जाएगा."

Advertisement

24 साली की ओटावा बरिस्ता थेरेसा हैली ने कहा कि वह लिबरल जीत के लिए "रणनीतिक रूप से मतदान करेंगी". स्पष्ट रूप से भारी मतदान ने अलेक्जेंडर एंडस्ले को आशावान बना दिया है, चाहे परिणाम कुछ भी हो. 37 वर्षीय अलेक्जेंडर एंडस्ले ने कहा, ''लोकतंत्र खतरे में है, इसलिए लोगों की आवाज को सुनना और यह दिखाना महत्वपूर्ण है कि लोकतंत्र काम करता है.''

हालांकि, कुछ अन्य लोगों ने निराशा व्यक्त की कि ट्रंप ने खुद को चुनाव में शामिल कर लिया, जिससे महंगाई, बेघरता, स्वास्थ्य देखभाल या जलवायु परिवर्तन पर चर्चा के लिए बहुत कम जगह बची. ओटावा की 46 वर्षीय कैरोलिन जोस के अनुसार, मतदाता "अभी दहशत में हैं." उन्होंने कहा, "मैं चाहती हूं कि चीजें व्यवस्थित हो जाएं और हम दिमाग से वोट कर सकें, न कि दिल से."

Advertisement

39 साल की मैरी-क्लाउड टौज़िन ने एएफपी को बताया कि वह भी चुनावी कैंपेन के दौरान "ट्रंप के अलावा अन्य विषयों पर बात" सुनना पसंद करतीं. "चुनाव में, यह आम तौर पर मुद्दों को उठाने, यह देखने और विचारों को सुनने का एक अच्छा समय होता है कि क्या संभव है. और अब, मुझे लगता है कि हमने उन्हें नहीं सुना है."

Featured Video Of The Day
Pahalgam Terror Attack: Congress के गायब वाले बयान पर मचा सियासी घमासान, BJP ने कही ये बात