ट्रंप के टैरिफ पर गोलबंदी या संतुलन की कोशिश... BRICS समिट में भारत का एजेंडे क्या होगा? जयशंकर होंगे शामिल

BRICS virtual summit: ब्रिक्स का अध्यक्षता अभी ब्राजील के साथ है और उसने आठ सितंबर को एक वर्चुअल (डिजिटल) बैठक बुलाई है. भारत की ओर से विदेश मंत्री ही बैठक में भाग लेंगे.

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  • विदेश मंत्री एस जयशंकर 8 सितंबर को आयोजित ब्रिक्स वर्चुअल शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे.
  • ब्राजील वर्तमान में ब्रिक्स का अध्यक्ष. इसमें भारत, चीन, रूस, दक्षिण अफ्रीका, इंडोनेशिया, ईरान और UAE शामिल.
  • भारत वाशिंगटन के संदेह को देखते हुए संतुलन बनाने की कोशिश कर रहा है, इसलिए जयशंकर को भेजा जा रहा- रिपोर्ट.
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भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर अगले सप्ताह ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा द्वारा आयोजित ‘ब्रिक्स' समूह के एक वर्चुअल शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे. इस शिखर सम्मेलन का उद्देश्य ट्रंप प्रशासन के ‘टैरिफ' विवाद से निपटने के लिए एक साझा दृष्टिकोण तैयार करना और वाशिंगटन की व्यापार नीतियों के कारण उत्पन्न व्यवधानों पर चर्चा करना है.

ब्राजील वर्तमान में ‘ब्रिक्स' का अध्यक्ष है. इस दस सदस्यीय समूह में भारत, चीन, रूस, दक्षिण अफ्रीका, इंडोनेशिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात भी शामिल हैं.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को बताया, “ब्रिक्स के ब्राजीलियाई अध्यक्ष ने आठ सितंबर को एक वर्चुअल (डिजिटल) बैठक बुलाई है.'' जायसवाल ने अपनी साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, “हमारी ओर से विदेश मंत्री ही (बैठक में) भाग लेंगे.”

लूला ने सात अगस्त को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बात की थी और दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय व्यापार व ऊर्जा संबंधों को मजबूत करने का संकल्प लिया था. अमेरिका ने भारत की तरह ब्राजील के निर्यात पर 50 प्रतिशत शुल्क लगा दिया.

ब्राजील से प्राप्त खबरों के अनुसार, राष्ट्रपति ‘ब्रिक्स' वर्चुअल शिखर सम्मेलन में ‘टैरिफ' मुद्दे पर चर्चा कर सकते हैं. 

क्या भारत संतुलन बनाने की कोशिश कर रहा?

न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार मामले से परिचित लोगों ने कहा कि नई दिल्ली ब्रिक्स के एजेंडे के बारे में वाशिंगटन के बढ़ते संदेह को देखते हुए संतुलन बनाने की कोशिश कर रहा है. इसी लिए शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए विदेश मंत्री जयशंकर को आगे किया गया है.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिक्स के लेकर यह संदेह बार बार जाहिर की है कि यह मोर्चा डॉलर को कमजोर करने का प्रयास कर रहा है. वैसे भारत ने ऐसी किसी भी मंशा से इनकार किया है.

ब्रिक्स संगठन क्यों खास?

ब्रिक्स में मूल रूप से ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल थे. 2024 में इसमें मिस्र, इथियोपिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात को शामिल करके विस्तारित किया गया, जबकि इंडोनेशिया 2025 में शामिल हो गया. ब्रिक्स एक प्रभावशाली समूह के रूप में उभरा है जो वैश्विक आबादी का लगभग 49.5 प्रतिशत, वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का लगभग 40 प्रतिशत और वैश्विक व्यापार का लगभग 26 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करता है.

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