ब्राजील में इन 'बच्चों' को लेकर क्यों छिड़ी है राजनीतिक बहस, आखिर क्या है पूरा मामला?

ब्राजील में कांग्रेस की सदस्य टैलिरिया पेट्रोन ने बेबी टॉयज (brazil life-like Dolls) की हेल्थ केयर को लेकर चल रही बहस पर अपने सहयोगियों की आलोचना की. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर ध्यान ही क्यों दिया जाना चाहिए. ध्यान उन पर दें जो वास्तव में मायने रखते हैं.

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ब्राजील में हाइपर रियलिस्टिक डॉल का क्रेज.

नन्हें बच्चों से तो सभी को प्यार होता है. लेकिन क्या आपने कभी किसी डॉल के लिए इस हद तक दीवानगी देखी है कि इसे लेकर राजनीतिक बहस पैदा हो जाए. ब्राजील में इन दिनों ऐसा ही कुछ हो रहा है. यहां पर रियल बच्चों (Brazil HyperRealistic Baby Dolls) से ज्यादा रियल बच्चों की तरह दिखने वाले टॉय लोगों की पसंद बने हुए हैं. ब्राजील के लोग सिलिकॉन या विनाइल से बने इन बेबी टॉयज को अपने बच्चों की तरह पाल रहे हैं. ये गुड़िया या गुड्डा बिल्कुल रियल बच्चे की तरह लगते हैं. इनको देखकर पहली नजर में ये पता ही नहीं किया जा सकता है कि ये रियल हैं या नहीं. देखने में ये बिल्कुल इंसानी बच्चे लगते हैं लेकिन असल में होते नहीं हैं.

AFP फोटो.

ब्राजील में लोगों का लगाव जिंदा बच्चों की तरह दिखने वाले इन टॉयज से तेजी से बढ़ रहा है. हालात ये हो गए हैं कि लोग इनको बच्चों की तरह ही पार्क और शॉपिंग मॉल भी लेकर जा रहे हैं. कई ऐसे वीडियो भारी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहे हैं जिनमें इन खिलौनों के साथ लोगों के इमोशनल मोमेंट्स देखे जा सकते हैं. कोई इन अनरियल बच्चों की नैप्पी बदल रहा है तो कोई इनको नहला रहा है.

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इनको बाजार में भी बिल्कुल ऐसे ही बेचा जा रहा है, जिनको देखकर किसी की भी ममता जाग जाए. सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर्स भी इनको बिल्कुल रियल बच्चों की तरह ट्रीट कर वीडियो बना रहे हैं. अब इसे लेकर वहां पर राजनीतिक बहस छिड़ गई है. ये मामले अब विधान परिषदों तक पहुंच गया है. 

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रियो डी जेनेरियो में सिटी काउंसिल ने एक ऐसा विधेयक पारित किया है, जिसके तहत रियल दिखने वाले इन बेबी टॉयज को बनाने वालों को सम्मानित किया जाएगा. इस विधेयक को पास करने के लिए बस मेयर एडुआर्डो पेस के साइन का इंतजार है. दावा किया जा रहा है कि इन बेबी टॉयज को रखने वाली मदर्स इनके लिए मेडिकल हेल्प मांग रही हैं. एक कथित वीडियो में एक महिला बेबी टॉय को अस्पताल ले जाती दिखाई दे रही है. अब ऐसे लोगों पर जुर्माना लगाए जाने को लेकर बहस शुरू हो गई है.  

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बहस के बीच ब्राजील के लॉ मेकर्स इन बेबी टॉयज के साथ विधान परिषदों में पहुंचे. मंगलवार को, अमेज़ोनस के एक लॉ मेकर जोआओ लुइज़ सदन में एक ऐसे ही टॉय के साथ दिखाई दिए, ताकि राज्य के पब्लिक हेल्थ सिस्टम में इन बेबी टॉयज के लिए मेडिकल हेल्प पर रोक लगाई जा सके. हालांकि, स्थानीय मीडिया का कहना है कि स्वास्थ्य अधिकारियों को ऐसा कोई मामला कभी मिला ही नहीं. 

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पिछले हफ़्ते, कांग्रेस की सदस्य टैलिरिया पेट्रोन ने बेबी टॉयज की हेल्थ केयर को लेकर चल रही बहस पर अपने सहयोगियों की आलोचना की. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर ध्यान ही क्यों दिया जाना चाहिए. ध्यान उन पर दें जो वास्तव में मायने रखते हैं. उनका मतलब इन टॉयज के बजाय रियल बच्चों पर ध्यान देने को लेकर था. उन्होंने कहा कि अगर कोई ये बेबी टॉय रखना चाहता है तो रखे. उनके दो बच्चे हैं, उनके लिए वही बहुत हैं.

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ब्राजील के ये 'बच्चे' रियल लगते हैं

बता दें कि ब्राजील में मिल रहे इन अनरियल बेबीज को इसलिए बनाया गया है, ताकि लोग लोग पेरेंटिंग के लिए खुद को तैयार कर सकें. बच्चों से इमोशनल जुड़ाव महसूस कर सकें. थैरेपी के लिए भी इनका इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन वहां तो कुछ और ही हो रहा है. लोग इनको ही रियल बच्चा समझने लगे हैं और वैसे ही इनको ट्रीट भी कर रहे हैं. बता दें कि ब्राजील में इन बेबी डॉल्स की कीमत 700 रीसिस ($124) से लेकर लगभग 10,000 रीसिस (लगभग $1,800) तक है.

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