इजरायल और ईरान दोनों मेरे पास शांति का प्रस्ताव लेकर आए थे, ट्रंप का दावा

एक तरफ ट्रंप कह रहे हैं कि ईरान-इजरायल के बीच सीजफायर (Iran-Israel Ceasefire) उनकी वजह से हुआ है. उन्होंने समझौता करवाया है. वहीं दूसरी तरफ ईरानी मीडिया के दावे ने ट्रंप को झूठा साबित कर दिया है.

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ईरान-इजरायल सीजफायर को लेकर ट्रंप का दावा.

ईरान-इजरायल के बीच शांति पर सहमति बन गई है. ट्रंप का दावा है कि उन्होंने ही दोनों देशों के बीच सीजफायर (Iran-Israel Ceasefire) पर सहमति बनवाई है. जैसा कि ट्रंप पहले भी कह चुके हैं. भारत-पाकिस्तान के बीच टेंशन खत्म होने का श्रेय भी ट्रंप खुद को देते रहे हैं. अब ईरान-इजरायल को लेकर भी उन्होंने ऐसा ही दावा किया है. ट्रंप का कहना है कि दोनों देशों के बीच सीजफायर पर सहमति बन गई है, ये भी उनकी वजह से ही संभव हो सका है. 

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सीजफायर पर कैसे बनी सहमति, ट्रंप ने बताया

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि इजराइल और ईरान दोनों ही शांति का प्रस्ताव लेकर उनके पास आए थे. दोनों करीब-करीब एक साथ उनके पास पहुंचे और उन्होंने शांति का प्रस्ताव रखा. ट्रंप ने कहा कि वह जानते थे कि अब समय आ गया है. दुनिया और मध्य पूर्व ही असली विजेता हैं. दोनों राष्ट्र अपने भविष्य में प्रेम, शांति और समृद्धि देखेंगे. दोनों को ही बहुत कुछ हासिल करना है. अगर वे धर्म और सत्य के रास्ते से भटके तो उन्हें बहुत कुछ खोना पड़ेगा. इजराइल और ईरान का भविष्य असीमित है, और महान वादों से भरा हुआ है.

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ईरानी मीडिया ने ट्रंप को लेकर ये क्या कह दिया?

एक तरफ ट्रंप कह रहे हैं कि इजरायल और ईरान उनके पास शांति का प्रस्ताव लेकर पहुंचे थे. जबकि ईरान के सरकारी टीवी का तो कुछ और ही दावा है. ईरानी न्यूज चैनल IRINN ने सीजफायर का ऐलान करते हुए कहा अमेरिकी बेस पर ईरान के हमले के बाद ट्रंप ने उनसे सीजफायर की विनती की थी. ट्रंप की अपील के बाद ही इजरायल के साथ सीजफायर लागू हुआ है. 

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सीजफायर में समय बाकी, तब तक नहीं रुकेगी बर्बादी!

 बता दें कि ईरान-इजरायल के बीच भले ही सीजफायर समझौता हो गया हो लेकिन हमले अभी भी जारी हैं. तेल अवीव में हमले के सायरन सुने जा रहे हैं. इसकी वजह यह है कि दोनों देशों के बीच सीजफायर लागू होने में अभी समय बाकी है. इसीलिए हमले तत्काल प्रभाव से रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं.