हाफिज और मसूद अजहर जैसे आतंकियों पर पाक का यूटर्न, बिलावल बोले- भारत को सौंपने में कोई दिक्कत नहीं

बिलावल ने कहा, ‘‘पाकिस्तान के साथ एक व्यापक वार्ता के हिस्से के रूप में, जहां आतंकवाद उन मुद्दों में से एक है जिन पर हम चर्चा करते हैं, मुझे यकीन है कि पाकिस्तान इनमें से किसी भी चीज का विरोध नहीं करेगा.’

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इस्लामाबाद:

पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा है कि उनके देश को विश्वास बहाली के उपाय के रूप में ‘जांच के दायरे में आए व्यक्तियों' को भारत को प्रत्यर्पित करने में कोई आपत्ति नहीं है बशर्ते नयी दिल्ली इस प्रक्रिया में सहयोग करने की इच्छा दिखाए. ‘डॉन अखबार' की खबर के अनुसार, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल ने शुक्रवार को अल जजीरा के साथ एक साक्षात्कार में यह टिप्पणी की. खबर में कहा गया कि लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) प्रमुख हाफिज सईद और जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) प्रमुख मसूद अजहर को संभावित समझौते और सद्भावनापूर्ण रुख के तहत भारत को प्रत्यर्पित करने के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए बिलावल ने यह टिप्पणी की.

बिलावल ने कहा, ‘‘पाकिस्तान के साथ एक व्यापक वार्ता के हिस्से के रूप में, जहां आतंकवाद उन मुद्दों में से एक है जिन पर हम चर्चा करते हैं, मुझे यकीन है कि पाकिस्तान इनमें से किसी भी चीज का विरोध नहीं करेगा.'' राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक प्राधिकरण (नैक्टा) के अनुसार, लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद दोनों को पाकिस्तान ने प्रतिबंधित कर रखा है, जबकि 26/11 मुंबई आतंकी हमले का मुख्य षड्यंत्रकारी हाफिज सईद वर्तमान में आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए 33 साल की सजा काट रहा है. इसी तरह संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकवादी घोषित अजहर को भी नैक्टा ने प्रतिबंधित कर रखा है.

बिलावल ने कहा कि इन ‘व्यक्तियों' के खिलाफ मुकदमे वाले मामले पाकिस्तान से संबंधित थे, जैसे कि आतंकवादी गतिविधियों का वित्तपोषण. हालांकि, उन्होंने कहा कि सीमा पार आतंकवाद के लिए उन पर मुकदमा चलाना मुश्किल था क्योंकि दिल्ली की ओर से बुनियादी चीजों का ‘अनुपालन' नहीं किया गया. उन्होंने कहा, ‘‘भारत कुछ बुनियादी चीजों का पालन करने से इनकार कर रहा है जिसकी दोषसिद्धि के लिए आवश्यकता होती है. यह महत्वपूर्ण है ... इन अदालतों में सबूत पेश करना, लोगों को भारत से गवाही देने के लिए आना, जो भी जवाबी आरोप लगेंगे उन्हें सहन करना.''

बिलावल ने कहा, ‘‘अगर भारत इस प्रक्रिया में सहयोग करने को तैयार है, तो मुझे यकीन है कि किसी भी ‘जांच के दायरे में आए व्यक्ति 'को प्रत्यर्पित करने में कोई बाधा नहीं आएगी.'' उन्होंने आतंकवादियों को पकड़ने के भारत के संकल्प पर भी चिंता व्यक्त की और इसे ‘नयी असामान्यता' करार दिया. उन्होंने कहा, ‘‘यह पाकिस्तान के हितों की पूर्ति नहीं करता है, और यह भारत के हितों की भी पूर्ति नहीं करता है.'' सईद और अजहर के ठिकानों के बारे में पूछे जाने पर बिलावल ने कहा कि सईद जेल में है, जबकि इस्लामाबाद का मानना ​​है कि अजहर अफगानिस्तान में है.

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