आज बांग्लादेश की नई सरकार शपथ ग्रहण, मो.यूनुस करेंगे नेतृत्व.
दिल्ली:
- बांग्लादेश में आज नई सरकार का गठन होने जा रहा है. देश की अंतरिम सरकार का आज रात 8 बजे शपथ ग्रहण होने जा रहा है. इस सरकार का नेतृत्व नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस (Mohammad Yunus) करेंगे. सेना समर्थित बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के चीफ एडवाइजर होंगे. वह एक नोबेल पुरस्कार विजेता है. उनको यह अवॉर्ड गरीबी मिटाने के सिद्धांत के लिए दिया गया था.
- जैसा हाल बांग्लादेश का आज है, ठीक वैसा ही साल 2007 में भी था. खालिदा जिया और शेख हसीना दोनों ही भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल में बंद थीं. तब भी देश की कमान सेना ने अपने हाथ में ले ली थी. उस समय सेना चाहती थी कि मोहम्मद यूनुस प्रधानमंत्री बनें, लेकिन तब उन्होंने इस जिम्मेदारी को लेने से इनकार कर दिया था. अब शेख हसीना देश छोड़कर जा चुकी हैं. आज नई सरकार का शपथ ग्रहण है. इस सरकार का नेतृत्व डॉ. यूनुस करेंगे.
- मोहम्मद यूनुस, जो आज शेख हसीना के कट्टर आलोचक हैं, कभी उनके पिता शेख मुजीबुर्रहमान के कट्टर समर्थक और हसीना के करीबी हुआ करते थे. हसीना भी उनकी तारीफ करते नहीं थकती थीं. हसीना ने उनको गरीबी हटाने वाला शख्स करार दिया था. जब यूनुस ने चुनाव लड़ने का ऐलान किया, तब से ही हसीना संग उनके रिश्तों में तल्खी आ गई.
- मोहम्मद यूनुस हसीना के विरोधी बन गए और उन पर भ्रष्टाचार समेत 100 से ज्यादा केस दर्ज किए गए. उनको 6 महीने जेल की सजा भी सुनाई गई थी. यूनुस हसीना की इस कदर आलोचना करने लगा कि उन्होंने उनको लोकतंत्र की कातिल तक कह दिया. हसीना पर उन्होंने जबरदस्ती सत्ता हथियाने का आरोप भी लगाया. इस तरह दोनों के बीच तल्खी बढ़ती गई.
- बांग्लादेश में हुए तख्तापलट के बाद अब नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस नई सरकार चलाएंगे. यह सरकार अंतरिम सरकार होगी, जिसे सेना का समर्थन हासिल होगा. आज शाम आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान मुहम्मद यूनुस पहले शपथ लेंगे और उसके बाद सरकार का कामकाज संभालेंगे. बांग्लादेश की बागडोर संभालने से पहले उनका एक बयान चर्चा में है.
- मुहम्मद यूनुस ने बीते दिनों अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में SAARC देशों को लेकर एक बड़ा बयान देते हुए कहा था कि वह चाहेंगे कि सभी SAARC देशों में मित्रता बनी रही. दरअसल SAARC दक्षिण एशियाई देशों का एक समूह है. इसमें भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, मालदीप, श्रीलंका, भूटान, नेपाल और अफगानिस्तान जैसे देश शामिल हैं. भारत, पाकिस्तान पर इस मंच का दुरुपयोग करने का आरोप लगाता रहा है और इस संगठन को उसने तवज्जो देना कम कर दिया है.
- यूनुस खान ने इंटरव्यू में बांग्लादेश में कुछ महीनों से हो रही हिंसा को लेकर भारत के रुख पर भी टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा था कि बांग्लादेश में जो कुछ भी हो रहा है, उस पर भारत ने जो भी कहा, वह उससे सहमत नहीं हैं. भारत इसे बांग्लादेश का आंतरिक मामला कहता है, मुझे ये सुनकर मुझे दुख होता है. जब किसी भाई के घर में आग लगी है तो इसे उनका अंदरूनी मामला कैसे कहा जा सकता है.
- मुम्मद यूनुस के इस बयान के कई गहरे मायने निकाले जा रहे हैं. माना ये भी जा रहा है कि उनके इस बयान ने भविष्य में उठाए जाने वाले उनके कदमों की आहट को पहले ही बयां कर दिया है. उनके इस बयान से ये बात तो साफ है कि वह सार्क देशों के नाम पर भारत के साथ ही उसके सबसे बड़े दुश्मन पाकिस्तान से अपनी नजदीकियां बढ़ाने की कोशिशों में जुट गए हैं.
- मुहम्मद यूनुस पेशे से अर्थशास्त्री और बैंकर हैं. उनको गरीबों, खासकर महिलाओं की मदद करने, माइक्रोक्रेडिट के इस्तेमाल में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए 2006 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. यूनुस का जन्म 1940 में भारत के चटगांव में हुआ था, जो अब बांग्लादेश का हिस्सा है. उनको बांग्लादेश में सबसे गरीब लोगों का बैंकर भी कहा जाता है.
- मोहम्मद यूनुस ने साल 1983 में गरीब तबके को छोटे लोन उपलब्ध कराने के लिए ग्रामीण बैंक की स्थापना की. यहां के लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में बैंक की सफलता ने अन्य देशों में भी इसी तरह के लघु वित्त पोषण के प्रयासों को बढ़ावा दिया.
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